नई दिल्लीः दिल्ली-एनसीआर में खतरनाक प्रदूषण के देखते हुए ईपीसीए ( पर्यावरण प्रदूषण नियंत्रण एवं रोकथाम प्राधिकरण) ने स्कूल बंद करने के आदेश दिए हैं. इसके बाद इस आदेश को मानने के तहत विभिन्न शहरों के प्रशासन ने स्कूल बंद करने के निर्देश जारी किए हैं. राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली और आसपास के शहरों में प्रदूषण से हालात अभी भी खराब हैं और इस स्थिति में सुधार नहीं हो रहा है. इसके देखते हुए संबंधित शहरों-जिलों के प्रशासन ने दिल्ली, गौतमबुद्धनगर, गाजियाबाद और फरीदाबाद में 15 नवंबर तक सरकारी और निसी स्कूलों को बंद रखने का फैसला किया है.
शिक्षा मंत्री ने किया ट्वीट
दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने ट्वीट कर दिल्ली के सभी सरकारी और प्राइवेट स्कूल को 15 नवंबर तक बंद करने का निर्देश दिया है. गौतमबुद्ध नगर के डीएम ने आदेश जारी कर जिले में कक्षा 12वीं तक के सभी सरकारी और प्राइवेट स्कूलों को बंद करने का आदेश दिया है. राजधानी दिल्ली में वायु प्रदूषण अभी भी खतरनाक स्तर पर बना हुआ है.
इसे देखते हुए प्रदूषण नियंत्रण प्राधिकरण (ईपीसीए) ने बुधवार को दिल्ली-एनसीआर के स्कूल अगले दो दिनों यानी 15 नवंबर तक बंद करने के आदेश दिए हैं. प्राधिकरण के पैनल ने लोगों को सुझाव दिया है कि वे बाहर जाने से बचें और अगर संभव हो तो घर से ही काम करें.
उत्तर भारत में पराली प्रदूषण के कारण बिगड़ते हालात को देखते हुए दिल्ली सरकार ने दिल्ली के सभी सरकारी और प्राइवेट स्कूल कल और परसों (Thu&Fri) के लिए बंद करने का निर्णय लिया है.
— Manish Sisodia (@msisodia) November 13, 2019
स्टोन क्रशर पर रोक
ईपीसीए ने दिल्ली-एनसीआर में 15 नवंबर तक हॉट मिक्स प्लांट और स्टोन क्रशर के चलने पर भी रोक लगा दी है. इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने 4 नवंबर तक निर्माण कार्य और तोड़फोड़ पर रोक लगाई थी. कहा गया है कि फरीदाबाद, गुड़गांव, गाजियाबाद, नोएडा, बहादुरगढ़, भिवानी, ग्रेटर नोएडा, सोनीपत और पानीपत में कोयला और अन्य ईंधन आधारित उद्योग भी 15 नवंबर तक बंद रहेंगे. दिल्ली के जो उद्योग अब तक नैचरल गैस पर आधारित नहीं है, वे भी इस दौरान नहीं चलाए जा सकेंगे.
Environment Pollution (Prevention and Control) Authority has issued recommendations for Delhi NCR, Schools should remain closed for next 2 days and industries using coal and other such fuels, hot mix plants etc should remain closed till 15th. #AirQuality pic.twitter.com/vs7RBwhEYO
— ANI (@ANI) November 13, 2019
शुक्रवार तक स्थिति में सुधार की संभावना
पराली जलाने में कमी और पश्चिमी विक्षोभ के चलते हवाओं की गति बढ़ने से माना जा रहा है कि दिल्ली में प्रदूषण की स्थिति में सुधार हो सकता है. पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय के वायु गुणवत्ता की करने वाले उपक्रम सफर ने बुधवार को इसकी जानकारी दी है. सफर के अनुसार मंगलवार को दिल्ली के पड़ोसी राज्यों में पराली जलाने की केवल 480 घटनाएं दर्ज हुईं. इसके
अनुसार अफगानिस्तान और पड़ोसी देशों के तटवर्ती शहरों के ऊपर चक्रवाती तूफान के कारण नए सिरे से पश्चिमी विक्षोभ बन रहा है. अगले दो दिन में इसका असर उत्तर पश्चिमी भारत पर पड़ेगा और इससे शुक्रवार तक हवा की रफ्तार बढ़ेगी.
इस बार प्रदूषण के लिए पराली बड़ी जिम्मेदार
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के सदस्य सचिव प्रशांत गर्गवा ने बुधवार को पराली के प्रदूषण के लिए अधिक जिम्मेदार बताया. उन्होंने कहा कि इस साल इसकी भूमिका 44 प्रतिशत तक रही.
सफर के मुताबिक पंजाब और हरियाणा की जली पराली से उठा धुआं धुंध के लिए जिम्मेदार रहा. हवा भी धीमी है...कुछ भी बाहर नहीं जा रहा. उन्होंने हर साल अक्टूबर के पहले निर्माण अवशेष और मलबा हटाने के लिए विशेष अभियान चलाए जाने का सुझाव दिया. कहा कि मलबा गिराने और जलाए जाने से बहुत समस्या होती है.