सुप्रीम कोर्ट का फैसला आते ही शुरु हो जाएगा राम मंदिर निर्माण, कुछ इस तरह चल रही है तैयारियां

राम मंदिर निर्माण के लिए अयोध्या में तैयारियां जोर शोर से चल रही हैं. अदालत के अभी तक के रुख को देखते हुए अंदाजा लगाया जा रहा है कि इस विवाद पर जल्दी ही फैसला सुनाया जा सकता है. अगर राम मंदिर पर दीवाली तक भी फैसला आता है तो मंदिर निर्माण कार्य तुरंत शुरु कर दिया जाएगा. 

Last Updated : Oct 10, 2019, 03:15 PM IST
    • राम मंदिर निर्माण की तैयारी तेज
    • तराशे जा रहे हैं पत्थर
    • दीवाली के पहले अदालत का फैसला आने की उम्मीद
सुप्रीम कोर्ट का फैसला आते ही शुरु हो जाएगा राम मंदिर निर्माण, कुछ इस तरह चल रही है तैयारियां

नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट के निर्णायक फैसले से पहले राम मंदिर निर्माण के लिए अयोध्या में तैयारियां जोर पकड़ चुकी हैं. 18 अक्टूबर को राम मंदिर पर सुप्रीम कोर्ट अपना फैसला सुना सकता है. जिसे देखते हुए श्रद्धालुओं को लग रहा है कि इस बार की दीवाली राम भक्तों के लिए बेहद खास होने वाली है. 

राम मंदिर के लिए अभी तक इतनी तैयारी
हिंदू पक्ष ने इसके लिए जोर शोर से तैयारी शुरु कर दी है. जिससे कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद राम मंदिर निर्माण कार्य तुरंत शुरु कर दिया जा सके. इसी कड़ी में राम मंदिर के गर्भगृह के पत्थर तराशने का काम पूरा हो गया है. इसी गर्भगृह में राम लला को विराजित करने की योजना है. मंदिर के ग्राउंड फ़्लोर के सभी पत्थर तराशे जा चुके हैं. 

अयोध्या में राम मंदिर में ग्राउंड फ्लोर के अलावा दो और मंजिलें बनाए जाने की योजना है. जिसके लिए पत्थर तराशने का काम 70 फीसदी पूरा किया जा चुका है. बचा हुआ 30 फीसदी काम भी तेजी से पूरा किया जा रहा है. 

राजस्थान से लाए जा रहे हैं राम मंदिर के लिए पत्थर
राम मंदिर के लिए राजस्थान के भरतपुर के पास बंसीपुर की पहाड़ियों के पत्थर लाए जा रहे हैं. यहां की खदानों में विशेष लाल और सफेद पत्थर पाए जाते हैं. जिन्हें तराश कर राम मंदिर के लिए तैयार किया जा रहा है. राम मंदिर आंदोलन में मुख्य भूमिका निभाने वाले विश्व हिंदू परिषद् के संस्थापक अशोक सिंघल ने 30 साल पहले राम मंदिर के लिए भरतपुर खदानों से पत्थर लाने का फैसला किया था. तब से यहां से पत्थर अयोध्या के कारसेवकपुरम में लाए जा रहे हैं. जहां पर इन्हें तराशकर प्रस्तावित राम मंदिर के लिए तैयार करने का काम चल रहा है. 

हजारों साल है इन पत्थरों की उम्र
राम मंदिर के लिए भरतपुर खदान के पत्थरों का चुनाव इसलिए किया गया है क्योंकि इन पत्थरों के बारे में मान्यता है कि वह पूरे 1000 साल तक अक्षुण्ण रहते हैं. गुजरात से आए इंजीनियरों और वास्तु विशेषज्ञों ने कई महीनों तक इन खदानों पर रिसर्च करने के बाद यहां के पत्थरों के इस्तेमाल पर मुहर लगाई थी. यहां से पत्थर निकालने और तराशने के लिए सिरोही जिले के पिंडवाना और बयाना में वर्कशॉप तैयार की गई है. 

इस बार की दीपावली अयोध्या के लिए हो सकती है खास
अभी तक मिले संकेतों के मुताबिक सुप्रीम कोर्ट 18 नवंबर तक राम मंदिर निर्माण पर फैसला सुना सकता है. ऐसे में अयोध्या में जबरदस्त जश्न की तैयारी चल रही है. इस बार राम की पैड़ी के अलावा पूरे अयोध्या में तीन दिनों तक हर घर में जलेंगे दीये. इसके अलावा गुप्तारघाट, भरतकुंड समेत अयोध्या के 13 प्रमुख मंदिरों में तीन दिनों तक प्रतिदिन 5001 दीये जलेंगे. इसके अलावा अयोध्या के सभी 10 हजार मंदिरों और घरों में भी दीये जलाए जाएंगे. अयोध्या का जिला प्रशासन, नगर निगम और शहर के कई बड़े शैक्षणिक संस्थान इस दीपोत्सव की तैयारियों में जुटे हुए हैं. 

 

 

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