'राष्ट्र के प्रहरी' हैं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का आज जन्मदिन है. पीएम मोदी का नाम ज़ेहन में आते ही एक छवि उभरती है. छवि राष्ट्र के प्रहरी की, छवि राष्ट्र के सेवक की, राष्ट्र के निर्माता की और 'आत्मनिर्भर क्रांति' के नायक की. नरेन्द्र मोदी जब पहली बार प्रधानमंत्री बने तभी उन्होंने ऐलान कर दिया था कि वो प्रधानमंत्री नहीं बल्कि प्रधान सेवक हैं. पाकिस्तान और चीन के सामने जिस तरह डटकर खड़े हैं. राष्ट्र के प्रहरी है, आज उनके जन्मदिन पर हम उनकी कुछ विशेषताओं के बारे में बताते हैं.

Written by - Zee Hindustan Web Team | Last Updated : Sep 17, 2020, 02:22 PM IST
    • 'राष्ट्र के प्रहरी' नरेंद्र मोदी को जन्मदिन की शुभकामनाएं
    • जन्मदिन के अवसर पर पीएम मोदी की कुछ विशेषताएं
'राष्ट्र के प्रहरी' हैं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज 70 वर्ष के हो गए. पूरा देश उनका जन्मदिन मना रहा है. प्रधानमंत्री मोदी के लिए दीवानगी संपूर्ण राष्ट्र में है. वो इसलिए क्योंकि देश की जनता देश की बागडोर नरेंद्र मोदी के हाथों में देकर निश्चिंत है. ये निश्चिंतता इसलिए है क्योंकि देश के 137 करोड़ लोग जानते हैं कि देश सबसे बड़े राष्ट्र प्रहरी के हाथों में सुरक्षित है. 

जब चीन और पाकिस्तान युद्ध की धमकी देते हैं. LOC और LAC पर सेना तैनात करते हैं. तोपें और मिसाइलें तैनात करते हैं, ऐसे वक्त में प्रधानमंत्री मोदी बॉर्डर का दौरा करते हैं. प्रधानमंत्री मोदी का सीमा पर पड़ने वाला हर कदम चीन और पाकिस्तान को ये बताने के लिए काफी है कि भारत के लिए उसकी धरती ही मां है.

सेना का हौसला बढ़ाते हैं प्रधानमंत्री मोदी

राष्ट्र रक्षा पर प्रधानमंत्री मोदी की कही गई हर बात यही बताती है कि समझ ले चीन, ये 62 नहीं.. 2020 न्यू इंडिया है. जान ले चीन कि ये राष्ट्र के प्रहरी मोदी का भारत है. 16 सितंबर को ही चीन के सरकारी अख़बार ग्लोबल टाइम्स ने धमकी भरे शब्द लिखे. 

उसने लिखा कि "भारत पंडित जवाहर लाल नेहरू की गलती को दोहरा रहा है. भारत का वर्तमान प्रशासन सीमा पर आक्रामक व्यवहार दिखा रहा है. भारत की मोदी सरकार भी नेहरू की रणनीति पर काम कर रही और चीन-अमेरिका तनाव का फायदा उठाना चाहती है. भारत के रक्षा मंत्री भी अतिआत्मविश्वास दिखारहे हैं."

ये चीन की हताशा है जिसका अक्स उसके सरकारी अखबार में साफ साफ दिखाई देता है. वो इसलिए क्योंकि आज का भारत काफी बदला हुआ है. आज मजबूत राजनीतिक इच्छा शक्ति है. तुरंत फैसला लेने की दक्षता है और सबसे महत्वपूर्ण बात ये कि भारत के पास हाईटेक हथियार हैं. राफेल जैसा मारक फाइटर प्लेन है.अत्याधुनिक हथियारों से लैस सेना है और इसके पीछे प्रधानमंत्री का नेतृत्व है. सेना का सम्मान है, जिसके बारे में खुद ऐलान किया गया है. देश के जवानों के साथ सरकार और देश पूरी तरह साथ है.

भारत के प्रधानमंत्री की हुंकार से चीन को घबराहट हो रही होगी. क्योंकि यहां खुद पीएम अग्रिम मोर्चे पर सेना का नेतृत्व कर रहे हैं. चीन को ललकार रहे हैं और वहां जिनपिंग अपनी ही सेना को दुत्कार रहे हैं. यही अंतर भारतीय जवानों का जोश हाई करा देता है.

प्रधानमंत्री मोदी सिर्फ़ तनाव काल में ही सेना का हौसला नहीं बढ़ाते बल्कि त्योहारों में भी प्रधानमंत्री मोदी सेना के साथ ही होते हैं. सेना से बात करते हैं, उन्हें मिठाइयां खिलाते हैं.

सिर्फ चीन ही नहीं पाकिस्तान को भी पीएम मोदी उसकी हैसियत में रखते है. ये प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का नेतृत्व ही है कि मौजूदा दौर में चीन पाकिस्तान गीदड़भभकियां चाहे जितनी दे. लेकिन वो जानते हैं कि हिन्दुस्तान फिलहाल सबसे मज़बूत हाथों में है.

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