खटीमा: उत्तराखंड के नए मुख्यमंत्री के रूप में पुष्कर सिंह धामी का नाम घोषित होते ही यहां उनके परिजनों और समर्थकों में खुशी की लहर दौड गई जिन्होंने ढोल नगाडे बजाकर जश्न मनाया और जमकर ठुमके भी लगाए. मूल रूप से पिथौरागढ़ जिले के डीडीहाट तहसील के कनालीछीना के रहने वाले धामी का पूरा जीवन उधम सिंह नगर जिले के खटीमा में ही बीता है. उन्होंने यहीं अपनी शिक्षा ग्रहण की और छात्र राजनीति में प्रवेश किया.
उन्होंने यहीं से 2012 में विधानसभा का चुनाव लड़ा और जीते. वर्ष 2017 में एक बार फिर वह यहीं से दोबारा चुनाव जीते और विधायक बने. उन्होंने सरकार का हिस्सा बनकर भले ही काम नहीं किया हो लेकिन वह लंबे समय से संगठन के लिए कार्य करते रहे हैं.
मुख्यमंत्री घोषित होने के बाद धामी ने कहा कि कनालीछीना उनकी जन्मभूमि है और खटीमा कर्मभूमि. खटीमा के नगरा तराई गांव में भी ढोल नगाड़ों के बीच उनके समर्थक खूब थिरके. खुशी के आंसुओं के बीच उनकी मां बिशना देवी ने कहा कि उनसे लोग कहा करते थे कि पुष्कर मुख्यमंत्री बनेगा और देश में नाम रोशन करेगा. उन्होंने कहा, 'आज वह दिन आ गया है और वह चाहती हैं कि पुष्कर लोगों के लिए अच्छा काम करे.'
धामी की पत्नी गीता ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से लेकर भाजपा अध्यक्ष जेपी नडडा और गृहमंत्री अमित शाह का धन्यवाद करते हुए उम्मीद जताई कि वह हमेशा की तरह अपनी इस जिम्मेदारी को भी बखूबी निभाएंगे और राज्य के लोगों की सेवा करेंगे.
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