Rafale Marine 26 fighter jets deal: भारत सोमवार को फ्रांस के साथ 26 राफेल-मरीन लड़ाकू जेट ( Rafale-Marine fighter jets) खरीदने के लिए ₹63,887 करोड़ (यूरो 6.6 बिलियन) का सौदा करेगा. ये राफेल विमान विमानवाहक पोत आईएनएस विक्रांत (Aircraft Carrier INS Vikrant) से संचालित होंगे.
दरअसल, फ्रांसीसी रक्षा मंत्री सेबेस्टियन लेकॉर्नू भारत की यात्रा पर आने वाले थे, मगर पहलगाम में पाकिस्तानी आतंकवादियों द्वारा किए गए आतंकी हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव बढ़ गया है, जिस कारण उन्होंने अपना दौरा रद्द कर दिया. इस हमले में 26 निर्दोष लोगों की जान चली गई थी. भारत ने आतंकी हमले के पीछे सीमा पार से जुड़े होने का आरोप लगाया है.
बता दें कि वायुसेना के लिए ये फाइटर जेट बेहद जरूरी हैं. भारत ने इस डील पर अपनी हामी भर दी है, लेकिन फांस रक्षा मंत्री को भारत दौर पर आकर डील फाइनल करनी थी, जहां वे अब नहीं आ रहे हैं तो तब भी यह डील समय से फाइनल होगी.
अब कैसे होगी डील डन?
दोनों देशों के वरिष्ठ रक्षा अधिकारी नई दिल्ली में इस सौदे पर हस्ताक्षर करेंगे, जबकि दोनों रक्षा मंत्री वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए इसे अंतिम रूप देंगे.
सरकार से सरकार के बीच होने वाले इस सौदे में 22 सिंगल-सीटर और चार ट्विन-सीटर विमान शामिल होंगे. साथ ही बेड़े के रखरखाव, लॉजिस्टिकल सपोर्ट, कर्मियों के प्रशिक्षण और स्वदेशी विनिर्माण कंपोनेंट्स का पूरा पैकेज ऑफसेट के रूप में शामिल होगा. इस समझौते में नौसेना के सैनिकों के लिए ट्रेनिंग भी शामिल है. इसमें भारतीय वायु सेना द्वारा पहले से इस्तेमाल किए जा रहे 36 राफेल के लिए स्पेयर और उपकरण भी शामिल हैं.
कब तक मिलेंगे राफेल?
राफेल एम विमानों की डिलीवरी अनुबंध को अंतिम रूप दिए जाने के लगभग चार साल बाद शुरू होने की बात कही जा रही है. भारतीय नौसेना को 2029 के अंत तक पहला बैच मिलने की उम्मीद है, जबकि पूरा ऑर्डर 2031 तक पूरा हो जाएगा.
एक बार डिलीवर होने के बाद ये जेट भारत के विमानवाहक पोतों, INS विक्रमादित्य और स्वदेशी INS विक्रांत से संचालित होंगे.
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