राजनाथ सिंह और तीनों सेना प्रमुखों के चेहरे पर मुस्कान, क्या कहानी बयां करती है ये तस्वीर

Rajnath Singh Photo viral: पाकिस्तान द्वारा भारत की पश्चिमी सीमा पर ड्रोन और मिसाइल हमलों के शुरू करने के 24 घंटे से भी कम समय बाद एक बैठक हुई, जिसमें चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल अनिल चौहान, आर्मी चीफ जनरल उपेन्द्र द्विवेदी, एयर चीफ मार्शल एपी सिंह और नौसेना प्रमुख एडमिरल दिनेश के त्रिपाठी शामिल हुए.

Written by - Nitin Arora | Last Updated : May 9, 2025, 02:09 PM IST
राजनाथ सिंह और तीनों सेना प्रमुखों के चेहरे पर मुस्कान, क्या कहानी बयां करती है ये तस्वीर

Rajnath Singh Photo:  सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रही एक तस्वीर में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और भारत के सशस्त्र बलों के प्रमुख नई दिल्ली में बंद कमरे में हुई एक उच्च स्तरीय बैठक के दौरान शांत और मुस्कुराते हुए दिखाई दिए. इस बैठक में चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल अनिल चौहान, थल सेनाध्यक्ष जनरल उपेंद्र द्विवेदी, एयर चीफ मार्शल एपी सिंह और नौसेना प्रमुख एडमिरल दिनेश के त्रिपाठी शामिल हुए. यह बैठक पाकिस्तान द्वारा भारत की पश्चिमी सीमा पर ड्रोन और मिसाइल हमलों के शुरू करने के 24 घंटे से भी कम समय के अंदर हो रही थी.

तस्वीर में दिखा अच्छा माहौल
इस बैठक का नजारा देखने लायक था.पाकिस्तान की ओर से बिना उकसावे के हमले के बाद दोनों देशों में तनाव बेहद बढ़ गया, जहां भारत ने भी जवाबी हमला किया.

इसके बाद जहां भारत के रक्षा से जुड़े अधिकारी शांत, आत्मविश्वासी, संयमित और यहां तक ​​कि खुश दिखाई दिए. यह तस्वीर राष्ट्र को एक स्पष्ट और सकारात्मक संदेश देती है. यह दिखाती है भारत सुरक्षित है. इसका नेतृत्व हमेशा अलर्ट है और चिंता का कोई कारण नहीं है.

सेना प्रमुखों के साथ राजनाथ सिंह की तस्वीर भारत के लिए एक विश्वास का प्रतीक बन गई है. उकसावे के सामने, देश के नेतृत्व ने चिंता के बजाय संयम और शोर के बजाय शक्ति को चुना.

रक्षा मंत्री की बैठक
रक्षा मंत्री, चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ और तीनों सेनाओं के प्रमुखों के बीच बैठक दो घंटे तक चली. ब्रीफिंग के दौरान सेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने पाकिस्तान के साथ मौजूदा हालात पर जानकारी दी, जबकि एयर चीफ मार्शल एपी सिंह ने भारतीय वायुसेना की जवाबी कार्रवाई के बारे में विस्तार से बताया.

दरअसल, इस शांत माहौल के पीछे राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़े एक महत्वपूर्ण घटनाक्रम की कहानी छिपी हुई है. 8-9 मई की दरम्यानी रात को पाकिस्तान ने एक समन्वित हवाई हमला किया, जिसमें नियंत्रण रेखा और अंतरराष्ट्रीय सीमा पर भारत के सैन्य ढांचे को अस्थिर करने के उद्देश्य से कई सारे ड्रोन और गोला-बारूद तैनात किए गए.

भारत के मजबूत और बहुस्तरीय वायु रक्षा ग्रिड की बदौलत इन प्रयासों को प्रभावी ढंग से विफल कर दिया गया. देश की एडवांस प्रणालियां - जिनमें इंटरसेप्टर मिसाइलें, एकीकृत थिएटर कमांड और निगरानी रडार शामिल हैं. यह सब हरकत में आईं और 50 से अधिक ड्रोन को निष्क्रिय कर दिया और भारतीय हवाई क्षेत्र के 1,800 किलोमीटर के विशाल क्षेत्र में 15 महत्वपूर्ण रक्षा स्थलों की सुरक्षा की.

वायु रक्षा इकाइयों के समर्थन से सेना ने उधमपुर, सांबा, जम्मू, अखनूर, नगरोटा (सभी जम्मू और कश्मीर में) और पठानकोट (पंजाब) में बड़े पैमाने पर ड्रोन-विरोधी अभियान चलाया. इस मुठभेड़ में एल-70 तोपों, Zu-23एमएम, Schilka और अन्य काउंटर-यूएएस प्लेटफार्मों सहित अत्याधुनिक प्रणालियों का उपयोग किया गया, जिससे वास्तविक समय में हवाई खतरों को विफल करने की भारतीय सेना की जबरदस्त क्षमता पर प्रकाश डाला गया.

भारत की रक्षात्मक शक्ति में रूस निर्मित एस-400 वायु रक्षा प्रणाली भी शामिल थी, जिसे 'सुदर्शन चक्र' कहा जाता है, जिसने लगभग 50 स्थानों पर हमलों को विफल करने में महत्वपूर् भूमिका निभाई. इसके साथ ही, सटीक जवाबी हमलों के लिए इजरायली मूल के HAROP ड्रोन तैनात किए गए थे, जिससे संतुलन भारत के पक्ष में और अधिक झुक गया.

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