India Vs China: गलवान और पैंगोंग में क्या हुआ था? लोकसभा में राजनाथ सिंह ने बताया सच

देश के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह (Rajnath Singh) ने चीन की नापाक हरकतों का पूरा सच बताते हुए ये जानकारी दी कि चीन ने अप्रैल में ईस्टर्न लद्दाख की सीमा पर अपने सैनिकों की संख्या और हथियारों को बढ़ाया, जिसके बाद मई के महीने में हमारे सैनिकों की पेट्रोलिंग में China ने व्यवधान पैदा किया..

Written by - Zee Hindustan Web Team | Last Updated : Sep 15, 2020, 04:38 PM IST
  • संसद में राजनाथ सिंह ने बताया चीन का सच
  • कैसे गलवान में China ने की नापाक हरकत
  • पैंगोंग में भी चीन की गुस्ताखी का सच जानिए..
India Vs China: गलवान और पैंगोंग में क्या हुआ था? लोकसभा में राजनाथ सिंह ने बताया सच

नई दिल्ली: लोकसभा में मंगलवार को रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने चीन से जारी सीमा विवाद को लेकर बयान देते हुए उसका काला सच सबके सामने रख दिया. अपने बयान में राजनाथ सिंह ने चीन के करतूत की सारी जानकारी दी और ये भी बताया कि कैसे अप्रैल से लेकर अबतक चालबाज चीन भारत की सीमा में बार-बार घुसपैठ करने की कोशिश में जुटा हुआ है.

सभी हालात से निपटने को तैयार है भारत

इस दौरान रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह (Rajnath Singh) ने संसद में ये भी साफ कर दिया कि भारत हर परिस्थिति से निपटने को तैयार है. 

उन्होंने कहा कि "अब मैं सदन को इस साल उत्पन्न परिस्थितियों से अवगत कराना चाहता हूं. अप्रैल माह से Eastern Ladakh की सीमा पर चीन की सेनाओं की संख्या तथा उनके armaments में वृद्धि देखी गई."

राजनाथ सिंह (Rajnath Singh) ने कहा कि "मई महीने की के प्रारंभ में चीन ने गलवान घाटी क्षेत्र में हमारी troops के normal, traditional patrolling pattern में व्यवधान  शुरू किया, जिसके कारण face-off की स्तिथि उत्पन्न हुई."

रक्षा मंत्री ने कहा कि "हमने चीन को diplomatic तथा military channels के माध्यम से यह अवगत करा दिया, कि इस प्रकार की गतिविधियां, status quo को unilaterally बदलने का प्रयास है. यह भी साफ कर दिया गया कि ये प्रयास हमें किसी भी सूरत में मंजूर नहीं है."

15 जून को गलवान में चीन की करतूत

उन्होंने बताया कि "LAC पर friction बढ़ता हुआ देख कर दोनों तरफ के सैन्य कमांडरों ने 6 जून 2020 को मीटिंग की. इस बात पर सहमति बनी कि reciprocal actions के द्वारा disengagement किया जाए. दोनों पक्ष इस बात पर भी सहमत हुए कि LAC को माना जाएगा तथा कोई ऐसी कार्रवाई नहीं की जाएगी, जिससे status-quo बदले. इस सहमति के violation में चीन द्वारा एक violent face off की स्थिति 15 जून को गलवान में create की गई. हमारे बहादुर सिपाहियों ने अपनी जान का बलिदान दिया पर साथ ही चीनी पक्ष को भी भारी क्षति पहुंचाई और अपनी सीमा की सुरक्षा में कामयाब रहे."

रक्षा मंत्री ने ये भी कहा कि "इस पूरी अवधि के दौरान हमारे बहादुर जवानों ने, जहां संयम की जरूरत थी वहां संयम रखा तथा जहां शौर्य की जरुरत थी, वहां शौर्य प्रदर्शित किया. चूंकि हम मौजूदा स्थिति का dialogue के जरिए समाधान चाहते हैं, हमने Chinese side के साथ diplomatic और military engagement बनाए रखा है. इन discussions में तीन key principles हमारी approach को तय करते हैं."

रक्षामंत्री ने कहा, 

(i) दोनों पक्षों को LAC का सम्मान और कड़ाई से पालन करना चाहिए
(ii) किसी भी पक्ष को अपनी तरफ से यथास्थिति का उल्लंघन करने का प्रयास नहीं करना चाहिए
(iii) दोनों पक्षों के बीच सभी समझौतों और understandings का पूर्णतया पालन होना चाहिए

पैंगोंग में फिर चीन की नापाक हरकत

राजनाथ सिंह ने बताया कि जब ये discussions चल ही रहे थे, चीन की तरफ से 29 और 30 अगस्त की रात को provocative सैनिक कार्रवाई की गई, जो पैंगोंग लेक (Pangong Lake) के South Bank area में status quo को बदलने का प्रयास था. लेकिन एक बार फिर हमारी सेना द्वारा timely और firm actions के कारण उनके ये प्रयास सफल नहीं हुए.

उन्होंने कहा कि "जैसा कि उपर्युक्त घटनाक्रम से स्पष्ट है, चीन की कार्रवाई से हमारे विभिन्न द्विपक्षीय समझौतों के प्रति उसका disregard दिखता है. चीन द्वारा troops की भारी मात्रा में तैनाती किया जाना 1993 और 1996 के समझौतों का उल्लंघन है."

'चीन ने समझौतों का पालन नहीं किया'

रक्षा मंत्री ने कहा कि "LAC का सम्मान करना और उसका कड़ाई से पालन किया जाना, सीमा क्षेत्रों में शांति और सद्भाव का आधार है, और इसे 1993 एवं 1996 के समझौतों में स्पष्ट रूप से स्वीकार किया गया है।  जबकि हमारी armed forces इसका पूरी तरह पालन करती हैं, Chinese side की ओर से ऐसा नहीं हुआ है."

उन्होंने बताया कि "अभी की स्थिति के अनुसार, Chinese side ने LAC  और अंदरूनी क्षेत्रों में बड़ी संख्या में सैनिक टुकड़ियां और गोलाबारूद mobilize किआ हुआ है. पूर्वी लद्दाख और Gogra, Kongka La और Pangong Lake का North और South Banks पर कई friction areas हैं, चीन की कार्रवाई के जवाब में हमारी armed forces ने भी इन क्षेत्रों में उपयुक्त counter deployments किए हैं ताकि भारत के security interests पूरी तरह सुरक्षित रहे"

जब रूस के मॉस्को में हुई थी मुलाकात

"भारत border areas में मौजूदा मुद्दों का हल, शांतिपूर्ण बातचीत और consultation के जरिए किए जाने के प्रति committed है. इस उद्देश्य को पाने के लिए मैं अपने Chinese counterpart से 4 सितंबर को Moscow में मिला और उनसे हमारी in-depth discussion हुई. मैंने स्पष्ट तरीके से हमारी चिन्ताओं को चीनी पक्ष के समक्ष रखा, जो उनकी बड़ी संख्या में troops की तैनाती, aggressive behaviour और unilaterally status quo बदलने की कोशिश, (जो bilateral agreements के उल्लंघन) से सम्बंधित था.

"मैंने यह भी स्पष्ट किया, कि हम इस मुद्दे को शांतिपूर्ण ढंग से हल करना चाहते हैं और हम चाहते हैं कि चीनी पक्ष हमारे साथ मिलकर काम करें. वहीं हमने यह भी स्ष्ट कर दिया कि हम भारत की sovereignty और territorial integrity की रक्षा के लिए पूरी तरह से determined हैं."

राजनाथ सिंह ने ये स्वीकार किया कि "इस वर्ष की स्थिति, वह पहले से बहुत अलग है, फिर भी हम मौजूदा स्थिति के शांतिपूर्ण समाधान के प्रति committed हैं. इसके साथ-साथ मैं सदन को आश्वस्त करना चाहता हूं कि हम सभी परिस्थितियों से निपटने के लिए तैयार हैं."

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