नई दिल्लीः आयकर विभाग ने इन्फ्रास्ट्रक्चर सेक्टर के कुछ बड़े कॉर्पोरेट्स और हवाला ऑपरेटरों के बीच मिलीभगत की साजिश का राजफाश किया है. नवंबर की शुरुआत में ही आयकर विभाग ने फर्जी बिल जारी करने वालों और हवाला के जरिए लेनदेन करने वालों के खिलाफ बड़ा अभियान चलाया था. छापों से आईटी डिपार्टमेंट ने 3300 करोड़ रुपये के हवाला रैकिट का पर्दाफाश किया. विभाग ने इस दौरान दिल्ली, मुंबई, हैदराबाद, ईरोद, पुणे, आगरा और गोवा में कुल 42 ठिकानों पर छापेमारी की थी.
महीने के पहले हफ्ते में इनकम टैक्स डिपार्टमेंट के सेन्ट्रल बोर्ड ऑफ डायरेक्ट टैक्सेज (सीबीडीटी) ने सोमवार को दावा किया कि आयकर विभाग ने दिल्ली, मुंबई और हैदराबाद जैसे तमाम शहरों में फैले 3300 करोड़ रुपये के हवाला रैकिट को सामने लाया है. सीबीडीटी का यह भी दावा है कि आईटी छापों के दौरान इन्फ्रास्ट्रक्चर सेक्टर के बड़े कॉर्पोरेट घरानों और हवाला कारोबारियों के बीच गठजोड़ होने के सबूत मिले हैं. इनकम टैक्स की छापेमारी से ऐसी जानकारियां सामने आई हैं जो कि बड़े कॉर्पोरेट्स, हवाला कारोबारियों के बीच बड़े नेक्सस को स्थापित करते हैं. आईटी डिपार्टमेंट के मुताबिक छापों से बोगस कॉन्ट्रैक्ट्स के जरिए करोड़ों रुपये इधर से उधर करने की भी बात सामने आई है. विभाग का दावा है कि यह रकम 3,300 करोड़ रुपये के करीब है.
Income Tax Department carried out searches in the first week of November, 2019 on a group of people indulging in issuing bogus bills and carrying on hawala transactions. The search operations covered 42 premises across Delhi, Mumbai, Hyderabad, Erode, Pune, Agra and Goa. pic.twitter.com/WQTB1JmT4J
— ANI (@ANI) November 11, 2019
दिल्ली और मंबई में हैं कंपनियां
विभाग की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि पैसों का हेर-फेर करने में शामिल कंपनियां मुख्य तौर पर देश की राजधानी दिल्ली क्षेत्र और मुंबई में स्थित हैं. इस तरह की एक अन्य कंपनी की तलाशी इसी साल अप्रैल में ली गई थी. सीबीडीटी ने कहा, 'जिन परियोजनाओं की राशि का हेर-फेर किया गया वे प्रमुख बुनियादी संरचना और आर्थिक तौर पर पिछड़ी श्रेणी से जुड़ी परियोजनाएं हैं. छापेमारी में आंध्र प्रदेश के एक नामी गिरामी व्यक्ति को 150 करोड़ रुपये से अधिक का भुगतान करने के भी सबूत मिले हैं. बताया गया कि इस छापेमारी में 4.19 करोड़ रुपये की अघोषित नकदी और 3.20 करोड़ रुपये के आभूषण भी बरामद किए गए हैं. सेन्ट्रल बोर्ड ऑफ डायरेक्ट टैक्सेज ने सोमवार को ही बताया कि चेन्नै बेस्ड एक एजुकेशनल इंस्टिट्यूट पर छापे के दौरान 350 करोड़ रुपये की अघोषित संपत्ति का पता चला. छापे के दौरान 8 करोड़ रुपये मूल्य की जूलरी और कैश भी बरामद हुए. सीबीडीटी ने बताया कि यह छापे 7 नवंबर को डाले गए थे.
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