उन्नावः उत्तर प्रदेश में संत शोभन सरकार का बुधवार को निधन हो गया. यह वही संत हैं, जिन्होंने उन्नाव के किए में 1000 टन सोना होने का दावा किया था. जिसके बाद उन्नाव के डौंडियाखेड़ा में खुदाई की गई थी. उनके निधन के बाद भक्तों में शोक व्याप्त हो गया है. संत बुधवार सुबह ब्रह्मलीन हो गए.
सुबह करीब पांच बजे अपने आश्रम स्थित आरोग्यधाम अस्पताल में अंतिम सांस ली. शोभन सरकार ने उन्नाव के राजा राम बख्श सिंह के किले में एक हजार टन सोने का खजाना होने का दावा किया था. उन्होंने यह दावा सपने के आधार पर किया था.
अंतिम दर्शनों के लिए पहुंचे भक्त
इस दावे पर उन्नाव के ढौंडिया खेड़ा में आर्किलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया (ASI) की टीम ने किले में खजाने की खोज की थी, हालांकि किले में खजाना नहीं मिला था. शोभन सरकार के निधन के बाद कानपुर देहात के शिवली कोतवाली क्षेत्र के बैरी में बने उनके आश्रम में अंतिम दर्शन के लिए भक्त पहुंचे हैं.
यह था दावा
शोभन सरकार ने दावा किया था कि उन्हें सपने में किले के शिव चबूतरे के पास 1000 टन सोने के दबे होने का पता चला है. इसके बाद ही साधु शोभन सरकार ने सरकार से सोना निकलवाने की बात कही थी. सरकार के सपने के आधार पर ही सरकार ने खजाने की तलाश शुरू कर दी थी.
हालांकि कई दिनों तक चली खुदाई के बाद भी कुछ हाथ नहीं लगा था. खुदाई के मामले में तब केंद्र में रही कांग्रेस सरकार और प्रदेश की सपा सरकार की बहुत किरकिरी हुई थी.
खजाने पर शुरू हो गई थी सियासत
शोभन सरकार के सपने के आधार पर किले में की गई खुदाई के पर केंद्र और राज्य सरकार की किरकिरी भी हुई थी. खजाने की कहानियों के बीच उसके कई दावेदार भी सामने आ गए थे. राजा के वंशजों ने भी उन्नाव में डेरा डाल लिया था. इस दौरान तत्कालीन केंद्र सरकार की ओर से कहा गया था कि अगर खजाना मिलता है तो उस पर सिर्फ देशवासियों का ही हक होगा. वहीं समाजवादी पार्टी की सरकार ने कहा था कि खजाने में निकली संपत्ति पर राज्य सरकार का हक होगा.
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11 साल उम्र में हो गया था वैराग्य
शोभन सरकार का पूरा नाम परमहंस स्वामी विरक्तानंद उर्फ शोभन सरकार था. इनका जन्म कानपुर देहात के शुक्लन पुरवा में हुआ था. पिता का नाम पंडित कैलाशनाथ तिवारी था. कहते हैं कि शोभन सरकार को 11 साल की उम्र में वैराग्य प्राप्त हो गया था. कपड़े के नाम पर बाबा सिर पर साफा बांधते थे. गेरुए रंग की लंगोट पहनते थे और सिर पर चादर बांधते थे और बदन पर अंगवस्त्र होता था.
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