पहलगाम आतंकी हमले का खुला असली राज, पाकिस्तान में बैठे थे आतंकियों के हैंडलर; जानें विदेश मंत्रालय ने क्या कहा

पहलगाम हमले की जांच में सामने आया कि आतंकी पाकिस्तान में बैठे हैंडलर्स से संपर्क में थे. विदेश मंत्रालय ने संसद समिति को बताया कि हमले में द रेजिस्टेंस फ्रंट का स्टाइल था, जो आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा का ही दूसरा नाम है.

Written by - Prashant Singh | Last Updated : May 20, 2025, 12:21 AM IST
  • पाकिस्तान से जुड़ी कम्युनिकेशन नोड्स की हुई पहचान
  • पाकिस्तानी हैंडलर्स के संपर्क में थे TRF के आतंकी
पहलगाम आतंकी हमले का खुला असली राज, पाकिस्तान में बैठे थे आतंकियों के हैंडलर; जानें विदेश मंत्रालय ने क्या कहा

Pahalgam terror attack report: पहलगाम आतंकी हमले की शुरुआती जांच में एक बड़ा खुलासा हुआ है. जिसका सीधा कनेक्शन पाकिस्तान से जुड़ता है. रिपोर्ट के मुताबिक, पहलगाम में जब आतंकी हमला हुआ, तब आतंकी पाकिस्तानी हैंडलर्स के संपर्क में थे. जिसको लेकर विदेश मंत्रालय ने बताया कि जांच में ‘कम्युनिकेशन नोड्स’ की पहचान हुई है, जो आतंकियों और पाकिस्तान में बैठे उनके मास्टरमाइंड्स के बीच संपर्क का माध्यम थे. वहीं, हमले का तरीका आतंकी गुट TRF स्टाइल का था, जो आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा की एक शाखा है.

हमले के पीछे पाकिस्तान से संपर्क
पहलगाम में हुए आतंकी हमले की शुरुआती जांच में बड़ा खुलासा हुआ है. विदेश मंत्रालय ने संसद की स्थायी समिति को जानकारी दी कि हमले में शामिल आतंकियों के पाकिस्तान में बैठे मास्टरमाइंड्स से सीधे संपर्क थे. मंत्रालय ने बताया कि आतंकियों और उनके हैंडलर्स के बीच ‘कम्युनिकेशन नोड्स’ की पहचान की गई है, जो इलेक्ट्रॉनिक कम्युनिकेशन के जरिए काम कर रहे थे.

मंत्रालय की ने यह भी बताया कि हमले की शैली पूर्व में हुए ऐसे कई हमलों से मिलती-जुलती थी, जिनकी जिम्मेदारी द रेजिस्टेंस फ्रंट (TRF) ने ली थी. TRF को लश्कर-ए-तैयबा का ही दूसरा नाम बताया गया है, जिसे पहले से ही संयुक्त राष्ट्र द्वारा प्रतिबंधित आतंकवादी संगठन माना गया है.

पाकिस्तान को अंतरराष्ट्रीय मंचों पर किया गया बेनकाब
विदेश मंत्रालय ने यह भी स्पष्ट किया कि पाकिस्तान की जमीन पर आतंकियों की मौजूदगी कोई नई बात नहीं है. मंत्रालय के मुताबिक पाकिस्तान लंबे समय से आतंकी संगठनों को शरण देता रहा है और यह बात अंतरराष्ट्रीय स्तर पर साबित हो चुकी है.

ऑपरेशन सिंदूर के तहत भारत की जवाबी कार्रवाई
विदेश मंत्रालय की जानकारी के मुताबिक, भारत ने 7 मई को ऑपरेशन सिंदूर के तहत पाकिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (PoK) में 9 आतंकी ठिकानों पर मिसाइल हमले किए. इन ठिकानों में बहावलपुर स्थित जैश-ए-मोहम्मद का मुख्यालय और मुरिदके में लश्कर-ए-तैयबा का बेस भी शामिल था.

बता दें, इस ऑपरेशन में 100 से ज्यादा आतंकियों को मार गिराया गया, जिनमें यूसुफ अजहर, अब्दुल मलिक रऊफ और मुदस्सिर अहमद जैसे हाई-वैल्यू टारगेट्स शामिल थे. यह कार्रवाई जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में 26 निर्दोष नागरिकों की हत्या के दो हफ्ते बाद की गई थी.

वहीं, सीजफायर के बाद केंद्र सरकार ने आतंकवाद के खिलाफ भारत की स्थिति को दुनिया भर में रखने के लिए एक बड़ा कदम उठाया है. जिसके तहत सरकार ने सात दलों में कुल 51 नेताओं, सांसदों और पूर्व मंत्रियों को शामिल किया है, जो विभिन्न देशों की राजधानियों में जाकर भारत का पक्ष रखेंगे. इन नेताओं में सभी प्रमुख पार्टियों के प्रतिनिधि शामिल हैं. भारत की यह कूटनीतिक कोशिश दुनिया को यह समझाने की है कि आतंकवाद के खिलाफ उसकी नीति स्पष्ट और अडिग है. साथ ही, पाकिस्तान के असली चेहरे को बेनकाब करना है.

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