श्रीनगर: जम्मू के नगरोटा टोल प्लाजा के पास मुठभेड़ में मारे गए तीनों आतंकवादी जैश-ए-मुहम्मद के अफजल गुरु स्क्वैड के सदस्य थे. इन सभी को आतंकियों के सरगना मसूद अजहर ने खास तौर भेजा था.
पुलवामा हमले की तर्ज पर हमले की थी साजिश
खुफिया एजेन्सियों को संदेह है कि ये तीनों आतंकवादी संसद हमले के दोषी अफजल गुरु की बरसी(9 फरवरी) या फिर 14 फरवरी को पुलवामा हमले की पहली बरसी पर कश्मीर में बड़ी वारदात करने की फिराक में थे. ये लोग चाहते थे कि किसी बड़े हमले को अंजाम दे कर कश्मीर में खत्म हो गए जैश के वजूद को फिर से ज़िंदा किया जाए.
पुलवामा हमले के मास्टरमाइंड का भाई कर रहा था मदद
कश्मीर पहुंचने के बाद इन आतंकवादियों ने पुलवामा हमले के मास्टरमाइंड आदिल डार के चचेरे भाई समीर डार की मदद ली. सूत्रों के हवाले से खबर आई है कि समीर डार ही जैश के इन आतंकियो का ओवर ग्राउंड वर्कर था. जो कि पहले भी इसी तरह अपने ट्रक में छुपा कर आतंकियो को कश्मीर ले जा चुका है. सुरक्षा नाके पर जब पुलिस ने ट्रक रोका तो उस समय समीर डार ट्रक चला रहा था. उसके साथ सह-चालक आसिफ अहमद मालिक और उनका एक और सहयोगी सरताज अहमद मंटू भी था.
ये सभी फिलहाल सुरक्षा बलों की हिरासत में हैं.
पंजाब से जुड़े हैं साजिश के तार
सूत्रों के हवाले से मिली जानकारी के मुताबिक पूछताछ में गिरफ्तार समीर डार और उसके साथियों ने बताया कि ये लोग पहले ही से तय कार्यक्रम के तहत पंजाब गए. वहां पहुंचकर उन्होंने पाकिस्तान में आतंकियों के आकाओं से बात की. फिर 29 जनवरी को पंजाब से जम्मू कश्मीर लखनपुर बॉर्डर क्रॉस करके जम्मू के इंडस्ट्रियल इलाके गंग्याल में एक निजी फैक्ट्री से प्लास्टिक पाउडर के बैग लोड किये. रात में एक सुनसान जगह पर ट्रक रोक कर इन तीनो ने प्लास्टिक पाउडर बैग से भरे ट्रक के बीच आतंकियों को छिपाने के लिए जगह तैयार की.
रात ढाई बजे इनके ट्रक ने सरोर नाके को क्रॉस किया और फिर ये लोग साम्बा पहुंच कर तय जगह पर आतंकवादियों का इंतजार करने लगे.
पाकिस्तान से आए थे तीनो आतंकवादी
जैश के तीनो इन आतंकियो ने गुरुवार और शुक्रवार की मध्यरात्रि में हथियारों की खेप के साथ बसंत दरिया के रास्ते हीरानगर-साम्बा क्षेत्र से घुसपैठ की. क्योंकि यहां से पाकिस्तान की सीमा सिर्फ 6 किलोमीटर लंबी है. इसके बाद समीर डार और उसके साथियों ने साम्बा क्षेत्र से जैश के तीनों आतंकवादियों को ट्रक में सवार करवा लिया.
तीनों आतंकवादी ट्रक में बनाये गए केबिन में हथियारों समेत छुप गए और कश्मीर के पुलवामा के लिए रवाना हो गए. लेकिन सुरक्षा बल मुस्तैद थे. जिसकी वजह से घुसपैठ के थोड़ी ही देर बाद ही नगरोटा के टोल प्लाजा पर इन आतंकियों को घेर लिया गया. चौकस जवानों ने आतंकियों को तुरंत मार गिराया.
मारे गए आतंकियों के पास से मिली हथियारों की भारी खेप
मारे गए आतंकियो के पास बरामद हथियारों को देखकर ये साफ पता चलता है कि इनके इरादे कितने खतरनाक थे. इनके पास से 5 एके-47 रायफल, एक पल्सर थर्मल इमेजर युक्त एम-4 स्नाइपर राइफल, 2 दर्जन से ज्यादा ग्रेनेड, 5 पिस्तौलें, 2 अंडर बैरल ग्रेनेड लांचर, सैटेलाइट फोन, जरुरी दवाएं मेडिसिन, एनर्जी सप्लीमेन्ट, फेंस काटने वाले कटर, स्टील बुलेट(बुलेट प्रूफ जैकेट को छेदने वाली) बरामद किया गया है. इस तरह के अत्याधुनिक हथियारों की बरामदगी से पता चलता है कि ये आतंकवादी लंबी साजिश रचकर देश को दहलाने आए थे.
आतंकियों ने हाल ही में की थी घुसपैठ
खास बात ये है कि मारे गए तीनों आतंकियों के जूते, कपड़े और हथियार पानी में पूरी तरह सराबोर थे. जम्मू कश्मीर के DGP ने भी बताया है कि ये आतंकी अभी भारतीय सीमा में घुसे ही थे. लेकिन मुस्तैद सुरक्षा व्यवस्था की वजह से सेना, सीआरपीएफ और जम्मू कश्मीर पुलिस ने ज्वाइंट ऑपरेशन करके इन आतंकियों को जहन्नुम पहुंचा दिया. सुरक्षा बलों ने इन आतंकियों को मार गिराया है और उनके मददगारों को गिरफ्तार कर लिया है. लेकिन अभी भी तलाशी जारी है. क्योंकि संदेह है कि इनके और भी साथी इलाके में सक्रिय हो सकते हैं.
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