शाहीन बाग के धरने का मामला पहुंचा सुप्रीम कोर्ट, मॉनिटरिंग कराने की मांग
राजधानी दिल्ली के शाहीन बाग में नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ प्रदर्शन पिछले 35 से ज्यादा दिनों से जारी है. अब ये मामला देश की सर्वोच्च अदालत में पहुंच गया है. इस विरोध प्रदर्शन से करीब 10 लाख से ज्यादा लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ता है.
नई दिल्ली: देश की राजधानी दिल्ली के शाहीन बाग इलाके में पिछले 35 से ज्यादा दिनों से जारी विरोध प्रदर्शन से दिल्ली के लोगों को खासा परेशानी हो रही है. लोग त्रस्त हैं, लेकिन सरकार विरोधी प्रदर्शनकारी मस्त हैं. इस बीच कालिंदी कुंज रोड पर CAA के विरोध में धरना प्रदर्शन का मामला देश के सर्वोच्च अदालत यानी सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया है.
शाहीन बाग के धरने का मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंचा
दिल्ली हाईकोर्ट के आदेश में सुधार को लेकर याचिका
दिल्ली HC ने पुलिस को दिये थे 'उचित कदम' के निर्देश
याचिका में शाहीन बाग की स्थिति को लेकर मॉनिटरिंग की मांग
SC के रिटायर्ड जज या दिल्ली HC के जज से मॉनिटरिंग कराने की मांग
वकील अमित साहनी ने SC में दायर याचिका में कहा कि रोड जाम से लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ा रहा है, लेकिन दिल्ली HC ने स्थिति की मॉनिटरिंग को लेकर कोई खास दिशा निर्देश देने के बजाए पुलिस को उचित कदम उठाने को कहकर मामले का निपटारा कर दिया. याचिकाकर्ता ने मांग की है कि वहां बन रही स्थिति को और खराब होने से रोकने और हिंसक होने से बचने के लिए सुप्रीम कोर्ट अपने रिटायर्ड जज या दिल्ली HC के सेवारत जज से मॉनिटरिंग कराए.
दिल्ली की जनता पिछले एक महीने से समय से भीषण जाम से जूझ रही है. लेकिन, प्रदर्शनकारियों को लोगों की समस्याओं से कोई लेने देना नहीं है. इसका जीता जागता सबूत भी सामने आ चुका है.
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इस बीच दिल्ली अल्पसंख्यक आयोग के अध्यक्ष ज़फरुल इस्लाम ने शाहीन बाग़ में लोगों से अपील की है कि उन्हें लोगों की परेशानी का ध्यान रखते हुए एक तरफ़ की सड़क से हट जाना चाहिये.
आपको बता दें, दिल्ली के शाहीन बाग में हो रहे प्रदर्शन के चलते 10 लाख से ज्यादा लोग हर दिन ट्रैफिक जाम से जूझने को मजबूर हो चुके हैं. जबकि, लोगों को बेबस करने वाले प्रदर्शनकारी मस्त हैं. कोई क्रिकेट खेलने में लगा हुआ है तो, कोई गिल्ली डंडा खेलने में मस्त है.
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