भोपाल: मध्यप्रदेश के शाजापुर जिले का रिछोदा गांव, जहां एक घटना ने कई मां की गोद उजाड़ दी. पिता के लाल को दुनिया से छीन लिया. वो भी उस वक्त जब पूरे देश में त्योहार का सीजन चल रहा है. दीवाली को लेकर लोगों में उमंग, उल्लास और खुशी का माहौल है. और एक घटना ने मां के आंखे के तारे को ही हमेशा-हमेशा के लिए उससे जुदा कर दिया.एक तरफ दिवाली को रौशनी से जगमग करने की तैयारी चल रही है तो, एक घटना के चलते कई घरों के चिराग बुझ गए.
कुएं में गिरी स्कूली वैन
दरअसल, रिछोदा गांव की एक घटना ने प्रशासन पर सवाल खड़ा कर दिया है. रिछोदा गांव के स्कूल में बच्चों से भरी वैन एक कुए में जा गिरी. सूत्रों की मानें तो इस वैन में 24 बच्चें सवार थे. यह उस वक्त की घटना है जब स्कूल की छुट्टी के समय बच्चे वैन में बैठकर घर लौट रहे थे. घटना में 4 बच्चों की मौत की बात सामने आ रही है. हादसे के बाद मौके पर पुलिस और कई अधिकारी पहुंचे और बचावकार्य को अंजाम दिया.
इस घटना के बाद प्रशासन व्यवस्था को लेकर एक बड़ा सवाल उठ रहा है. जिस स्कूल में बच्चे अपना भविष्य बनाने के लिए जाते हैं. वहां प्रशासन के गैर जिम्मेदाराना व्यवस्था के चलते बच्चों ने अपनी जान गवां दी. आपको बता दें कि इस घटना की मुख्य वजह बिना मुंडेर का कुआं है. और जब तक यह मुंडेर बनाया नहीं जाएगा तब तक ऐसी घटना घटती रहेगी. हादसे के बाद कलेक्टर एसपी घटनास्थल पर तो पहुंचे. लेकिन अगर प्रशासन पहले ही इस पर ध्यान देता तो बच्चों को मौत के कुएं में गिरने से रोका जा सकता था.
इस घटना के बाद मध्य प्रदेश के सीएम कमलनाथ ने ट्वीट किया-
शाजापुर के रिछोदा में एक निजी स्कूल की स्कूली बच्चों से भरी वैन के कुएँ में गिरने की घटना बेहद दुःखद ।
तत्काल राहत कार्य करने के निर्देश।
दुर्घटना में मृत बच्चों के परिवारों के प्रति मेरी शोक संवेदनाएँ।
1/2— Office Of Kamal Nath (@OfficeOfKNath) October 18, 2019
प्रशासन के लिए महज यह एक हादसा है लेकिन जिस घर का जलता हुआ चिराग बुझ गया उनके बच्चे की मौत का जिम्मेदार कौन है? क्या प्रशासन की सद्भावना काफी है? जब तक प्रशासन अपने कामों को लेकर सजग नहीं होगी तब तक ऐसे न जाने कितने मासूम यूं ही दम तोड़ते रहेंगे. और हर कोई सिर्फ हाथ पर हाथ धरे बैठा रहेगा, देखता रहेगा.