Singhu Border Murder Case: दो लोगों ने किया आत्मसमर्पण, पहले हो चुकी है दो गिरफ्तारी

सिंघू बॉर्डर पर किसान प्रदर्शन स्थल पर पीट-पीटकर दलित मजदूर की हत्या के मामले में दूसरे आरोपी को गिरफ्तार कर लिया गया है, जबकि इसके बाद दो अन्य आरोपियों ने सोनीपत पुलिस के समक्ष आत्मसमर्पण कर दिया.

Written by - Zee Hindustan Web Team | Last Updated : Oct 17, 2021, 09:22 AM IST
  • सिंघू बॉर्डर हत्या मामले में 4 लोग गिरफ्तार हो गए हैं
  • हाल में इस केस में 2 अन्य लोगों को गिरफ्तार किया है
Singhu Border Murder Case: दो लोगों ने किया आत्मसमर्पण, पहले हो चुकी है दो गिरफ्तारी

नई दिल्ली: हरियाणा के सोनीपत में सिंघू बॉर्डर पर किसान प्रदर्शन स्थल पर पीट-पीटकर दलित मजदूर की हत्या के मामले में दूसरे आरोपी को गिरफ्तार कर लिया गया है, जबकि इसके बाद दो अन्य आरोपियों ने सोनीपत पुलिस के समक्ष आत्मसमर्पण कर दिया. वहीं, मृतक के परिजनों ने बेअदबी करने के हमलावरों के दावे पर सवाल उठाए हैं और पूरे मामले की उच्च स्तरीय जांच कराने की मांग की.

अंतिम संस्कार में नहीं हुआ कोई शामिल

इसी बीच, पंजाब के तरन तारन जिले के गांव में भारी सुरक्षा व्यवस्था के बीच परिजनों की मौजूदगी में मृतक लखबीर सिंह का अंतिम संस्कार कर दिया गया. लखबीर के अंतिम संस्कार के दौरान कोई ग्रंथी वहां अरदास के लिए मौजूद नहीं था, और न ही उसके गांव चीमा कलां से कोई अंतिम संस्कार में शामिल हुआ.

शुक्रवार को गिरफ्तार हुआ था सरबजीत सिंह

इस बर्बर हत्याकांड को अंजाम देने के आरोप में शुक्रवार को सरबजीत सिंह को गिरफ्तार कर लिया गया था. सरबजीत को शनिवार को हरियाणा के सोनीपत जिले की एक अदालत में पेश किया गया जहां से उसे 7 दिन की पुलिस हिरासत में भेज दिया गया. पुलिस ने बताया कि इसके कुछ घंटे बाद अन्य आरोपी नारायण सिंह को अमृतसर देहात पुलिस ने अमृतसर जिले के अमरकोट गांव से गिरफ्तार कर लिया.

शनिवार को 2 अन्य लोगों ने किया आत्मसमर्पण

इस जघन्य हत्या के मामले में शनिवार की देर शाम दो अन्य लोगों ने सोनीपत पुलिस के समक्ष कुंडली में आत्मसमर्पण कर दिया. दोनों पंजाब के फतेहगढ़ साहिब के रहने वाले हैं. आत्मसमर्पण करने से पहले उन्होंने मीडिया से बातचीत की थी. सूत्रों ने बताया कि पुलिस मामले में उन लोगों से पूछताछ करेगी, इसके बाद उन्हें औपचारिक रूप से गिरफ्तार किया जाएगा. इसके बाद मामले में गिरफ्तार किए गए लोगों की संख्या 4 हो जाएगी.

नारायण सिंह का दावा

इससे पहले अमृतसर में नारायण सिंह ने हालांकि दावा किया कि उसने पुलिस को इसकी सूचना दे दी थी कि वह आत्मसमर्पण कर रहा है. गिरफ्तारी से पहले मीडिया से बातचीत में नारायण ने कहा कि ‘‘लखबीर सिंह को बेअदबी करने की सजा दी गई है.’’ उसके चेहरे पर कोई अफसोस नहीं था. उसने कहा कि बारगड़ी बेअदबी कांड में अब तक किसी को गिरफ्तार नहीं किया गया है, लेकिन अब कोई भी व्यक्ति ‘‘इस तरह का जघन्य अपराध करेगा तो वह उसे मौके पर सजा देगा.’’

आत्मसमर्पण से लगाई थी अरदास

गिरफ्तारी से पहले नारायण सिंह ने अमरकोट गुरद्वारे में अरदास की और इस दौरान कुछ लोगों ने उसे फूलों और नोटों (रुपये) की माला पहनाकर सम्मानित किया. पुलिस के अनुसार, सरबजीत सिंह ने इस जघन्य हत्या में कुछ और लोगों के शामिल होने का दावा किया था. इसके बाद दिल्ली की सीमाओं पर उन विरोध स्थलों को खाली कराने के लिए कार्रवाई किए जाने की मांग की गई है, जहां किसान पिछले साल नवंबर से केंद्र सरकार के 3 कृषि कानूनों को खत्म करने के लिए प्रदर्शन कर रहे हैं.

आंदोलन पर नहीं पड़ेगा घटना का असर- किसान नेता

किसान नेताओं ने हालांकि, कहा कि इस घटना का उनके आंदोलन पर किसी प्रकार का प्रभाव नहीं पड़ेगा. उन्होंने कहा कि प्रदर्शन स्थलों पर सीसीटीवी कैमरे लगवा कर तथा और अधिक स्वयंसेवकों की तैनाती कर सुरक्षा को और पुख्ता किया जाएगा. पंजाब के तरन तारन जिले के रहने वाले श्रमिक लखबीर सिंह का शव शुक्रवार को सिंघू बॉर्डर पर अवरोधकों से बंधा मिला था. उसका एक हाथ कटा हुआ था और उसके शरीर पर तेज धारदार हथियार से हमले के कई निशान मौजूद थे.

लखबीर सिंह के परिवार ने किया इस आरोप से इंकार

अपराध के कुछ घंटे बाद, निहंगों की तरह नीले कपड़े पहने सरबजीत सिंह ने दावा किया कि उसने लखबीर को सिखों की पवित्र ग्रंथ की ‘बेअदबी’ करने की ‘सजा’ दी है. पंजाब के तरन तारन जिले में लखबीर सिंह का परिवार सदमे में है और उन्होंने कहा कि वह कभी पवित्र ग्रंथ की बेअदबी नहीं कर सकते. सरबजीत के दावों पर सवाल उठाते हुए मृतक की पत्नी जसप्रीत कौर और उसकी बहन राज कौर ने कहा कि लखबीर सिंह का ‘‘पवित्र पुस्तक गुरू ग्रंथ साहिब के प्रति असीम आदर था.’’

जसप्रीत ने कहा, ‘‘ईश्वर में उनका (लखबीर) पूरा भरोसा था. वह पवित्र ग्रंथ की बेअदबी के बारे में सोच भी नहीं सकते... जब भी वह गुरद्वारा जाते तो वह अपने परिवार और समाज की भलाई के लिए प्रार्थना करते थे.’’ उन्होंने कहा कि लखबीर का कोई आपराधिक रिकॉर्ड नहीं है और कभी उनके चरित्र पर किसी ने सवाल नहीं उठाया. मृतक के परिवार ने सच्चाई सामने लाने के लिए पूरे मामले की उच्चस्तरीय जांच कराने की मांग की.

पूछताछ में सरबजीत ने खोले हैं कई राज

इससे पहले, लखबीर की पीट-पीटकर हत्या करने के आरोप में गिरफ्तार सरबजीत सिंह को शनिवार को सोनीपत की एक अदालत ने 7 दिन की पुलिस हिरासत में भेज दिया. सोनीपत पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि सरबजीत की हिरासत मांगते हुए पुलिस ने अदालत में कहा कि उन्हें गिरफ्तार आरोपी से कुछ चीजें बरामद करनी है. उन्होंने बताया कि सरबजीत ने पूछताछ के दौरान 4 और लोगों के नाम बताए हैं और घटना में उनकी संलिप्तता का संकेत दिया है.

मृतक के शरीर पर मिले 34 घाव

अधिकारी ने बताया कि सरबजीत को दोपहर में 2 बजे कड़ी सुरक्षा के बीच अदालत में पेश किया गया, आरोपी को लेकर पुलिस की सीआइए की टीम अदालत पहुंची थी और वहां भारी संख्या में पुलिस की तैनाती की गई थी. इससे पहले पुलिस सूत्रों ने बताया कि पुलिस ने अदालत से आरोपी सरबजीत को 2 हफ्ते के लिए पुलिस रिमांड में भेजे जाने का अनुरोध किया था. पुलिस ने पोस्टमार्टम रिपोर्ट के हवाले से कहा है कि मृत व्यक्ति के शरीर पर घाव के 34 निशान मिले हैं.

अदालत ने दिए ये आदेश

मामले की सुनवाई करते हुए दीवानी न्यायाधीश (जूनियर डिवीज़न) किम्मी सिंगला की अदालत ने सरबजीत को 7 दिन की पुलिस रिमांड में भेज दिया. अदालत ने कहा, ‘‘आरोपी जहां भी जाएगा उसके बारे में प्रतिदिन प्रविष्टि दर्ज की जाएगी और हर रोज चिकित्सकीय जांच कराना भी अनिवार्य होगा.’’ इसके साथ ही अदालत ने यह भी कहा कि आरोपी पक्ष का अधिवक्ता अगर अपने मुवक्किल से मिलना चाहे तो उसके लिए एक घंटे का समय निर्धारित किया गया है.

इससे पहले आरोपी ने 4 अन्य लोगों के इस कांड में शामिल होने का दावा करते हुए कहा कि सामने लाए जाने पर वह उन्हें पहचान लेगा. पुलिस सूत्रों ने बताया कि जब आरोपी सरबजीत को अदालत से बाहर लाया गया तो मौके पर मीडिया के कैमरे को देखकर उसने अपना आपा खो दिया और उसने कथित रूप से धमकी दी तथा गालियां भी दीं.

चमकौर साहिब और गुरदासपुर ले जाया जाएगा आरोपी

इस बीच, आरोपी के अधिवक्ता मोनार्क भारद्वाज ने बताया कि अदालत ने दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद उनके मुवक्किल को 7 दिनों के पुलिस रिमांड पर भेजा है. उन्होंने बताया कि जिसमें पुलिस को हिदायत दी गई है कि प्रतिदिन आरोपी की मेडिकल जांच कराई जाएगी. उन्होंने बताया कि घटना मे प्रयुक्त हुए हथियार और अन्य आरोपियों की तलाश के लिए आरोपी को चमकौर साहिब और गुरदासपुर भी ले जाया जाएगा. इससे पहले पुलिस ने अदालत में अपनी दलील में कहा कि अन्य आरोपी पंजाब में छिपे हो सकते हैं.

5 से ज्यादा लोग हो सकते हैं अपराध में शामिल- डीएसपी

सोनीपत के पुलिस उपाधीक्षक वीरेंद्र सिंह ने फोन पर बताया, ‘‘हमने सरबजीत को अदालत में पेश किया. अदालत ने आरोपी को 7 दिन की पुलिस रिमांड में भेज दिया है. आरोपी ने मामले में 4 और लोगों की संलिप्तता का संकेत दिया है और उनके नाम लिए हैं...हम इस संबंध में जांच कर रहे हैं. हमें गिरफ्तार आरोपी से अपराध में इस्तेमाल हथियार समेत कुछ सामान बरामद करने हैं और साथ ही उसने जो कपड़े पहन रखे थे, वे भी बरामद करने हैं.’’

डीएसपी ने बताया कि अपराध में शामिल आरोपी 5 से ज्यादा हो सकते हैं। मामले की आगे जांच की जा रही है. हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहरलाल खट्टर ने शुक्रवार को राज्य के गृह मंत्री अनिल विज और वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों से मुलाकात की तथा दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने के निर्देश दिए थे.

मौजूदा न्यायाधीश से जांच कराने की मांग

पंजाब के उप मुख्यमंत्री सह गृह मंत्री सुखजिंदर सिंह रंधावा ने सिंघू बॉर्डर पर पीट-पीटकर एक दलित व्यक्ति की हत्या किए जाने के पूरे मामले की जांच मौजूदा न्यायाधीश से कराने की मांग शनिवार को की. रंधावा ने बयान जारी कर कहा, ‘‘यह लोगों की धार्मिक मान्यताओं से जुड़ा एक बेहद ही संवेदनशील मसला है और उन किसानों से भी जुड़ा है जो केंद्र सरकार के कृषि कानूनों के खिलाफ लगभग एक साल से शांतिपूर्वक विरोध कर रहे हैं.’’

उन्होंने कहा, ‘‘इस महत्वपूर्ण मोड़ पर, धार्मिक भावनाओं को भड़काने और किसानों के आंदोलन को बदनाम करने वाले असामाजिक तत्वों की पहचान करना बहुत महत्वपूर्ण है.’’ इस बीच, उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री एवं बहुजन समाज पार्टी प्रमुख मायावती ने ट्वीट में कहा, ‘‘पंजाब के दलित मुख्यमंत्री से बसपा, पीड़ित परिवार को आर्थिक सहायता के तौर पर 50 लाख रुपये देने तथा परिजन को सरकारी नौकरी दिए जाने की मांग करती है, जैसा कि लखीमपुर खीरी मामले में उन्होंने किया था.’’

भाजपा ने विपक्ष पर हमला बोला

कांग्रेस ने कहा है कि यह सरकार की जिम्मेदारी है कि पीट-पीट कर हत्या किए जाने के मामले की जांच कराए जबकि भारतीय जनता पार्टी ने जोर देकर कहा कि असामाजिक तत्व अपनी राजनीति के लिए किसान आंदोलन का इस्तेमाल कर रहे हैं. भाजपा ने विपक्ष पर हमला बोला और कहा कि कांग्रेस कार्यकारी समिति की बैठक में उन्होंने इस मामले को नहीं उठाया. भाजपा प्रवक्ता गौरव भाटिया ने सवाल किया कि विपक्षी दल क्या हत्या की इस ‘‘तालिबान मानसिकता’’ के साथ खड़ा है.

उन्होंने कहा, ‘‘वोट बैंक की घटिया राजनीति के लिए विपक्षी दल खासकर कांग्रेस इस अहम मुद्दे पर चुप्पी साधे रखेगी.’’ कृषि कानूनों का विरोध करने वाले कृषक संगठनों का प्रमुख संगठन संयुक्त किसान मोर्चा ने शुक्रवार को एक बयान जारी कर घटना से खुद को अलग कर लिया था और कहा था कि वह यह स्पष्ट करना चाहता है कि ‘‘घटना के दोनों पक्ष’’ से मोर्चा का कोई संबंध नहीं है.

इस बीच, इस बर्बर हत्या की निंदा करते हुये हरियाणा के उप मुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला एवं भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता रतन लाल कटारिया ने कहा कि विरोध स्थल पर जो कुछ भी हुआ उसकी जिम्मेदारी से संयुक्त किसान मोर्चा बच नहीं सकता है.

जननायक जनता पार्टी के नेता दुष्यंत चौटाला ने कही ये बात

हरियाणा में सत्तारूढ़ गठबंधन में शामिल जननायक जनता पार्टी के नेता दुष्यंत चौटाला ने कहा, ‘‘यह एक जघन्य अपराध है. पुलिस अपना काम कर रही है, मामले की जांच की जारी है....लेकिन (संयुक्त किसान मोर्चा के) 40 नेता अपनी जिम्मेदारी से बच नहीं सकते हैं.’’ उन्होंने कहा कि किसानों का आंदोलन की अगुवाई किसान संघों के नेता कर रहे हैं और किसी भी संगठन या विभाग में कुछ गलत होता है तो उसके प्रमुख को जिम्मेदार ठहराया जाता है. उन्होंने कहा कि इसी प्रकार किसी आंदोलन में इसके नेता जिम्मेदार हैं.

पूर्व केंद्रीय मंत्री रतन लाल कटारिया ने भी मुद्दे पर की टिप्पणी

इस जघन्य हत्या की पर टिप्पणी करते हुये पूर्व केंद्रीय मंत्री रतन लाल कटारिया ने कहा,‘‘जिस तरह तालिबान द्वारा किए गए बर्बर अपराध और हत्याओं के बारे में सुना जाता है, उसी प्रकार लखबीर सिंह को मौत के घाट उतार दिया गया.‘‘ अंबाला से भाजपा सांसद ने कहा, ‘‘किसान के विरोध स्थल पर होने वाली किसी भी घटना की जिम्मेदारी संयुक्त किसान मोर्चा की है और विरोध स्थल पर जो हुआ है, उसके लिए वे जिम्मेदारी से नहीं बच सकते.’’

इस बीच, राष्ट्रीय अनुसचित जाति आयोग के अध्यक्ष विजय सांपला ने शनिवार को कहा कि किसान नेता इस घटना से अपने हाथ अलग नहीं कर सकते. पत्रकारों से बातचीत में सांपला ने कहा कि धरना स्थल पर जो भी घटना होती है, उसके लिए किसान नेता जिम्मेदार होते हैं. उन्होंने कहा, ‘‘उनकी भूमिका अपराधियों की तरह ही है. वे इस घटना से अपना हाथ नहीं खींच सकते हैं.

स्वयंसेवकों की तैनाती में होंगे बदलाव- मीडिया प्रभारी

सांपला ने मामले में हरियाणा पुलिस से रिपोर्ट तलब किया है. इससे पहले राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग ने हरियाणा पुलिस से किसानों के प्रदर्शन स्थल पर दलित व्यक्ति की हत्या करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने के लिए कहा था. दिल्ली उत्तर प्रदेश सीमा पर गाजीपुर में विरोध प्रदर्शन की अगुवाई कर रहे भारतीय किसान संघ (बीकेयू) के मीडिया प्रभारी धर्मेंद्र मलिक ने कहा कि प्रदर्शन स्थलों पर और अधिक सीसीटीवी कैमरे लगाए जाएंगे और स्वयंसेवकों की तैनाती में बदलाव किया जाएगा. बीकेयू (लोखोवाल) के महासचिव हरिंदर सिंह लोखोवाल ने आरोप लगाया कि यह घटना लखीमपुर खीरी की घटना से ध्यान भटकाने की साजिश है.

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