नई दिल्ली: भारत में कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर के बीच अबतक तकरीबन 20 करोड़ लोगों का टीकाकरण किया जा चुकी है. भारत में फिलहाल दो वैक्सीन कोविशील्ड और कोवैक्सीन लोगों को लगाई जा रही है. जिसके दो डोज लग रहे हैं.
वहीं जून में दो डोज वाली रूसी वैक्सीन स्पुतनिक-V भी लोगों को लगानी शुरू हो जाएगी. स्पुतनिक के एक डोज वाले टीके को भी जल्दी भारत लाने की चर्चा चल रही है.
नए स्ट्रेन के खिलाफ बेअसर हैं टीके?
हर दिन वायरस के नए-नए स्ट्रेन सामने आ रहे हैं. इस वजह से टीका लगवा चुके लोग भी कोरोना की चपेट में कई बार आ रहे हैं. ऐसे में सरकार को पुराने स्ट्रेन के आधार पर बनी वैक्सीन लगवा चुके लोगों की चिंता भी सता रही है. इस बात को लेकर भी चर्चा जोरों पर है कि क्या लोगों को आगे चलकर कोरोना का बूस्टर डोज भी लगवाना पड़ेगा?
केंद्र सरकार ने ऐसे में जानकारी दी है कि देश में यह अध्ययन किया जा रहा है कि कोविड-19 टीके के बूस्टर खुराक की जरूरत है या नहीं. इसके साथ ही सरकार ने जोर दिया कि कोई भी टीका वायरस से शत प्रतिशत सुरक्षा नहीं दे सकता.
यह भी पढ़िएः मेहुल चोकसी को सीधे भारत को सौंपने के मामले पर कैरेबियाई देशों में मतभेद
अगर जरूरी होगा तो दी जाएगी लोगों को जानकारी
प्रेस वार्ता में बूस्टर खुराक की जरूरत को लेकर पूछे गए सवाल के जवाब में नीति आयोग के सदस्य (स्वास्थ्य) डॉ.वीके पॉल ने कहा कि अगर जरूरत होगी तो उसकी जानकारी लोगों को दी जाएगी. टीकाकरण अभियान में हम सभी का इस बीमारी के खिलाफ टीकाकरण करना चाहते हैं.
डॉ.पॉल ने कहा, 'अगर बूस्टर खुराक की जरूरत होगी तो उसकी जानकारी दी जाएगी. अध्ययन चल रहा है. कोवैक्सिन का परीक्षण चल रहा है कि क्या छह महीने के बाद बूस्टर खुराक लेने की जरूरत है या नहीं. निर्देशों का पालन करिए, दो खुराक लीजिए और कोविड-19 अनुरूप व्यवहार कीजिए. आप गंभीर बीमारी से सुरक्षित हैं लेकिन सतर्क रहें. यह सुरक्षा शत-प्रतिशत नहीं है.'
डॉ.पॉल ने कहा, 'एक बार बूस्टर खुराक की जरूरत और उसके समय की जानकारी मिल जाएगी तो संबंधित दिशानिर्देश और प्रावधान से अवगत करा दिया जाएगा'
Zee Hindustan News App: देश-दुनिया, बॉलीवुड, बिज़नेस, ज्योतिष, धर्म-कर्म, खेल और गैजेट्स की दुनिया की सभी खबरें अपने मोबाइल पर पढ़ने के लिए डाउनलोड करें ज़ी हिंदुस्तान न्यूज़ ऐप.