चेन्नई: तमिलनाडु के तिरुचिरापल्ली जिले में बड़े स्तर पर एक रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया जा रहा था. यह ऑपरेशन बोरवेल में फंसे 2 वर्षीय बच्चे सुजीत विल्सन की जिंदगी बचाने की थी. लेकिन अफसोस 80 घंटे तक चले इस ऑपरेशन के बावजूद सुजीत को बचाया नहीं जा सका और सारी कोशिशें नाकाम साबित हुई.
बता दें कि 3 दिन पहले शुक्रवार की शाम करीब 5:30 बजे खेलते वक्त सुजीत का पांव फिसल गया और वह बोरबेल में जा गिरा. पहले तो वह 30 फीट की गहराई में जाकर अटक गया लेकिन उसके बाद सुजीत लगभग 80 फीट नीचो चला गया. उसके बाद जब आसपास के लोगों ने प्रशासन को इसकी सूचना दी तो प्रशासन की पूरी टीम सुजीत को बचाने में जुट गई. कई मशीनों को काम पर लगाया गया लेकिन चट्टानी इलाके की वजह से मशीनें काम नहीं आई.
बचाव कार्य में राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन बल (NDRF) और राज्य आपदा मोचन बल (SDRF) भी जुटी हुई थी. साथ ही तमिलनाडु के उपमुख्यमंत्री ओ पनीरसेल्वम ने भी इस बचाव कार्य पर अपनी नजरे बनाये हुए थे और राज्य के स्वास्थ्य मंत्री सी विजयभास्कर, राजस्व मंत्री आरबी उदय कुमार, और राजस्व विभाग के कमिश्नर जे राधाकृष्णन भी घटनास्थल पर ही मौजूद थे. ताकि सुजीत को सही सलामत बाहर निकाला जा सकें. बचाव दल ने विशेष उपकरण 'बोरवेल रोबोट' का भी इस्तेमाल सुजीत को बचाने के लिए किया लेकिन वह भी सफल नहीं रहा. तमाम कोशिशों के बाद भी मासूम सुजीत ने दम तोड़ दी.
लगभग 80 फीट की गहराई में गिरे सुजीत को बचाने के लिए उसके बगल में 100 फीट की खुदाई की जा रही थी लेकिन बीति रात 80 घंटे बाद जब बोरवेल से गंध आने लगी और सुजीत की कोई हलचल नहीं हो रही थी तो बचावकर्मी ने सुजीत को मृत घोषित कर दिया. बचावकर्मी ने फिर देर रात सुजीत के शव को बोरवेल से बाहर निकाला. शव को पोस्टमार्टम के लिए तमिलनाडु के मनाप्पराई सरकारी अस्पताल में ले जाया गया. जिसके बाद उसका अंतिम संस्कार कर दिया गया.