Sunita Williams: नासा (NASA) की अंतरिक्ष यात्री सुनीता विलियम्स और उनके साथी बुच विल्मोर, अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) में नौ महीने तक रहने के बाद आखिरकार धरती पर लौट आए. जैसे ही उनके सुरक्षित उतरने की खबर भारत पहुंची, गुजरात के एक गांव में जश्न का माहौल छा गया.
विलियम्स के पिता भारतीय मूल के हैं और उनकी जड़ें मेहसाणा जिले के झूलासन से जुड़ी हैं.
प्रार्थनाओं से लेकर आरती और यज्ञ तक, ग्रामीणों ने खुशी मनाई और पटाखे फोड़कर उनका स्वागत किया. आइए उनके बारे में और जानते हैं.
सुनीता विलियम्स का गुजरात के गांव से संबंध
विलियम्स का पैतृक गांव गुजरात के मेहसाणा जिले में स्थित झूलासन गांव है. उनका जन्म 19 सितंबर, 1965 को अमेरिका के ओहियो के यूक्लिड में भारतीय माता-पिता दीपक पांड्या और बोनी पांड्या के घर हुआ था.
उनके न्यूरोसाइंटिस्ट पिता1957 में संयुक्त राज्य अमेरिका चले गए और स्लोवेनियाई-अमेरिकी उर्सुलाइन बोनी से शादी कर ली.
गुजरात सरकार के नागरिक जुड़ाव मंच (Citizen Engagement Platform) के अनुसार, इस छोटे से गांव की आबादी लगभग 7,000 है, जिन्हें इस बात पर गर्व है कि अंतरिक्ष यात्री उनके गांव से जुड़ी हुई है.
दरअसल, गांव में एक छोटी सी लाइब्रेरी है जिसका नाम उसके पिता के पारिवारिक घर के साथ-साथ उसके दादा-दादी के नाम पर रखा गया है.
बीबीसी के अनुसार, विलियम्स अंतरिक्ष मिशन सफलतापूर्वक पूरा करने के बाद तीन बार झूलासन गईं. वह 1972, 2007 और 2013 में अपने पैतृक गांव गईं.
एक बार के दौरान उन्होंने अपने पैतृक शहर के एक स्कूल को धन भी दान किया, जहां स्कूल के मंदिर में अभी भी उनके दादा-दादी की तस्वीर लगी हुई है.
बता दें कि जैसे ही वह मैक्सिको की खाड़ी में सुरक्षित लैंड हुईं तो झूलासन में भव्य उत्सव मनाया गया.
समोसे से प्यार
NDTV के अनुसार, विलियम्स ISS पर समोसे खाने वाली पहली अंतरिक्ष यात्री थीं. 2016 में चैनल के साथ एक साक्षात्कार में उन्होंने कहा 'मुझे समोसे बहुत पसंद हैं. मैंने कुछ खास चीजें मांगी थीं जो मुझे घर की याद दिलाती थीं, और उनमें से एक चीज समोसे थे. जब हम लंबे समय तक अंतरिक्ष में होते हैं तो हमें कुछ देखभाल पैकेज मिलते हैं और वहां समोसे होना एक अच्छा आश्चर्य था.'
कल्पना चावला से दोस्ती
विलियम्स ने बताया था कि वह कल्पना चावला के साथ तब से घनिष्ठ मित्र हैं, जब वे नासा में शामिल होने के बाद पहली बार मिले थे. उन्होंने कहा, 'हमने साथ में बहुत सी चीजें कीं. प्रकृति की सैर की, काफी बाइक राइडिंग की, खूब बातें कीं. वह ऐसी थीं, जिनसे आप खुद ही जुड़ जाते.'
विलियम्स को पीएम मोदी का निमंत्रण
विलियम्स को लिखे पत्र में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उनके अच्छे स्वास्थ्य और सुरक्षित वापसी की कामना की. उन्होंने कहा कि उनकी उपलब्धियां 1.4 अरब भारतीयों के लिए गर्व का विषय हैं.
1 मार्च को लिखे पत्र में पीएम मोदी ने कहा, 'जब मैं संयुक्त राज्य अमेरिका की अपनी यात्राओं के दौरान राष्ट्रपति ट्रंप या राष्ट्रपति बाइडन से मिला, तो मैंने आपके बारे में पूछा. 1.4 अरब भारतीयों ने हमेशा आपकी उपलब्धियों पर गर्व किया है. हाल की घटनाओं ने एक बार फिर आपकी प्रेरणादायी दृढ़ता को प्रदर्शित किया है. भले ही आप हजारों मील दूर हों, लेकिन आप हमारे दिलों के करीब हैं. भारत के लोग आपके अच्छे स्वास्थ्य और आपके मिशन में सफलता के लिए प्रार्थना कर रहे हैं.'
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