मुंबईः एक महीने तक महाराष्ट्र के सीएम पद के लिए जो रार चली, लगता है वह शपथ ग्रहण हो जाने तक जारी ही रहने वाली है. बॉम्बे हाई कोर्ट ने शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे के शिवाजी पार्क में शपथ लेने को लेकर टिप्पणी की है. हालांकि कोर्ट ने स्पष्ट किया है कि वह शपथ समारोह के लिए कुछ नहीं कह रहे हैं, फिर भी इसका ध्यान रखा जाना चाहिए कि यह परंपरा न बन जाए. शिवसेना अध्यक्ष उद्धव ठाकरे के शिवाजी पार्क में शपथ ग्रहण समारोह को लेकर बॉम्बे हाई कोर्ट ने आपत्ति जताई है. कोर्ट ने शिवाजी पार्क में शपथ ग्रहण समारोह को लेकर सुरक्षा की दृष्टि से चिंता व्यक्त की है. बॉम्बे हाई कोर्ट का कहना है कि सार्वजनिक मैदान में इस तरह के समारोह आयोजित करना एक नियमित परंपरा नहीं होना चाहिए.
2010 में घोषित हुआ था साइलेंस जोन
जस्टिस एससी धर्माधिकारी और आरआइ चागला की एक खंडपीठ ने यह बात कही. कोर्ट ने साथ ही यह भी स्पष्ट कर दिया कि अदालत शपथ ग्रहण समारोह के बारे में कुछ नहीं कह रही है. उनका कहना है कि अगर ऐसा होता है, तो हर कोई ऐसे समारोहों के लिए पार्कों का उपयोग करना चाहेगा. उद्धव ठाकरे गुरुवार शाम मध्य मुंबई के दादर में स्थित शिवाजी पार्क में महाराष्ट्र के अगले मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ग्रहण करने जा रहे हैं. कोर्ट ने कहा, हम शपथ ग्रहण समारोह के बारे में कुछ भी नहीं कहना चाहते हैं.
हम केवल प्रार्थना कर रहे हैं कि इस समारोह के दौरान कोई भी अनहोनी न हो. दरअसल, एक एनजीओ की ओर से जनहित याचिका दायर किए जाने के बाद हाईकोर्ट ने 2010 में इस क्षेत्र को साइलेंस जोन घोषित कर दिया था.
गुरुवार शाम होना है समारोह
कोर्ट ने एक एनजीओ की याचिका पर सुनवाई करते हुए पूछा कि क्या शिवाजी पार्क एक खेल का मैदान है या मनोरंजन स्थल? न्यायमूर्ति धर्माधिकारी ने कहा, 'क्या होगा कि समारोह आयोजित करना एक नियमित परंपरा बन जाएगा और हर कोई इस तरह के समारोहों के लिए मैदान का उपयोग करना चाहेगा.अदालत ने सुरक्षा पहलू पर भी चिंता जताई और कहा कि समारोह के लिए लाखों लोग इकट्ठा होंगे, गुरुवार शाम 6:40 बजे शपथ ग्रहण का समय निर्धारित किया गया है.
Mumbai Police: Around 2000 police personnel will be deployed at Shivaji Park for the swearing in ceremony (Uddhav Thackeray as Maharashtra CM) tomorrow. pic.twitter.com/Nfsn48zsFn
— ANI (@ANI) November 27, 2019
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खास मौकों पर ही आयोजित हो सकते हैं कार्यक्रम
अदालत ने कहा, इसके लिए अधिकारियों को सुरक्षा के पहलुओं पर भी विचार करना होगा. आप हर किसी की जान जोखिम में नहीं डाल सकते. कल होने वाले शपथ ग्रहण समारोह की तैयारी के लिए बुधवार शाम ट्रकों में कुर्सियों और बांस जैसी सामग्री को लाया जाएगा. इसका मतलब यह है कि पार्क बुधवार और गुरुवार दोनों दिन उपलब्ध नहीं होगा. सार्वजनिक उपयोग के लिए शुक्रवार को ही खुलेगा. उच्च न्यायालय ने 2010 में गैर सरकारी संगठन की ओर से जारी जनहित याचिका दायर किए जाने के बाद क्षेत्र को 'साइलेंस जोन' घोषित कर दिया था.
अदालत ने तब कहा था कि पार्क में केवल 6 दिसंबर (बी आर अंबेडकर की पुण्यतिथि), 1 मई (महाराष्ट्र स्थापना दिवस) और 26 जनवरी (गणतंत्र दिवस) पर कार्यक्रम योजित किए जा सकते हैं.
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