T-72 Main Battle Tank: भारत के मुख्य युद्धक टैंक T-72 MBT की हाल ही में एक तस्वीर सामने आई. जिसके सुरक्षा कवच ने सबको चौंका दिया. इन बदलावों में कैनोपी स्लैट, कैज ऑर्मर और बॉल एंड बॉल चेन दिखाई दे रहे हैं. दरअसल, T-72 MBT भारतीय सेना के बख्तरबंद बेड़े की रीढ़ मानी जाती है. वर्तमान में भारत के 2,400 से ज्यादा T-72 टैंक हैं. ऐसे में चीन के साथ LAC या पाकिस्तान के साथ LoC जैसे बॉर्डर की सुरक्षा के लिए, ये बदलाव महत्वपूर्ण माने जा रहे हैं.
T-72 को चारों से दिया गया सुरक्षा कवच
हालिया तस्वीर को देखने से मालूम चला है कि T-72 टैंक के टॉप की सुरक्षा के लिए, कैनोपी स्लैट ( टैंक के ऊपर छत) लगाया है, और चारों ओर से पिंजरेनुमा तरीके से ढक दिया गया है. जिसे जरूरत पड़ने पर, पीछे की ओर खोला जा सकता है.
वहीं कैनोपी स्लैट और टैंक के पिछले हिस्से को अतिरिक्त सुरक्षा देने के लिए बॉल-एंड-बॉल चेन लगाया है. जो टैंक के अंदर बैठे सैनिक को, किसी संभावित नजदीकी हमले से बचाएगा. इतना ही नहीं, टैंक के इंजन की सुरक्षा के लिए कवच टाइलें भी लगाई गई हैं. इससे टैंक को एक लेयर अतिरिक्त सुरक्षा मिलती है.
ड्रोन के हमले से बचाएगा कैनोपी स्लैट
टैंक को सबसे ज्यादा नुकसान तब होता है, जब उसकी बाहरी लेयर पर डायरेक्ट विस्फोट होता है. ऐसे में कैनोपी स्लैट और उसमें लगे बॉल चेन, गोला-बारूद जैसे हमलों को कुछ दूर पहले ही ध्वस्त कर देगा. स्लैट आर्मर का मुख्य उद्देश्य टॉप-अटैक हथियारों, जैसे कि FGM-148 जैवलिन एंटी-टैंक मिसाइल या कामिकाजे ड्रोन, के फ्यूजिंग मैकेनिज्म को बाधित करना है. ये हथियार शेप्ड चार्जेस पर निर्भर करते हैं, जो टैंकों के अपेक्षाकृत पतले ऊपरी कवच (टॉप आर्मर) को भेदने के लिए डिजाइन किए जाते हैं.
घुसपैठियों से बचाएगा नया कवच
तस्वीर में दिखाई दे रही T-72 MBT टैंक की सुरक्षा कवच, घुसपैठियों से भी बचाने मदद करेगा. ऐसे कई ऑपरेशन होते हैं. जहां पर दुश्मन रेकी लगाकर बैठा रहता है. और मौका मिलते ही टैंक के इंजन और अंदर बैठे सैनिक को नुकसान पहुंचाता है. ऐसे में चारों तरफ से मिली सुरक्षा कवच से घुसपैठियों के हमले को रोकने में मदद मिलेगी.
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