Nilgiri Hydroelectric Project: Tamil Nadu Power Distribution Corporation Limited और National Thermal Power Corporation की कंपनी NTECL इस हाइड्रोइलेक्ट्रिक प्रोजेक्ट को आगे बढ़ा रही है. करीब ₹5,000 करोड़ की लागत से बनने वाले इस प्रोजेक्ट से 1,000 मेगावाट बिजली राज्य के ग्रिड में जुड़ जाएगी. विशेषज्ञों का मानना है कि इस क्षेत्र में सुरंग बनाने से पहाड़ों और वन्यजीवों का संतुलन बिगड़ सकता है.
नीलगिरी ताहर
इस प्रोजेक्ट का इलाका एवलेन्च रिजर्व फॉरेस्ट और मुकुर्थी नेशनल पार्क के बीच आता है. बता दें कि यह नीलगिरी ताहर, बाघ, गोल्डन जैकल और अन्य वन्यजीवों का महत्वपूर्ण आवास क्षेत्र है. वन अधिकारी एस. गौतम के मुताबिक यह इलाका एक विशाल और लगातार फैलता हुआ जंगल है.
पर्यावरण पर खतरा
पर्यावरण विशेषज्ञ गॉडविन वसंत बॉस्को ने कहा कि यह इलाका बेहद नाजुक और संवेदनशील है. इतनी बड़ी परियोजना यहां के ecosystem को खराब कर सकती है. हाइड्रो-इकोलॉजिस्ट गोकुल हालन ने चेतावनी दी कि यहां पहले भी भारी वर्षा के दौरान सैकड़ों भूस्खलन हुए हैं. 2019 में 24 घंटे में 820 मिलीमीटर बारिश के कारण एवलेन्च पावर हाउस महीनों तक बंद रहा था.
अधिकारियों की प्रतिक्रिया
तमिलनाडु ग्रीन एनर्जी कॉरपोरेशन के प्रबंध निदेशक अनीश शेखर ने कहा कि दोनों जलाशय पहले से मौजूद हैं और अधिकांश काम भूमिगत ही होगा. केवल कुछ जगहों पर सड़क या पहुंच मार्ग बनाने की आवश्यकता होगी. उन्होंने कहा हमें इस प्रोजेक्ट के लाभ और नुकसान दोनों को तौलना चाहिए. वहीं राज्य वन सेवा के प्रमुख श्रीनिवास रेड्डी ने कहा कि अभी तक विभाग को इस प्रोजेक्ट का कोई आधिकारिक प्रस्ताव नहीं मिला है, इसलिए वह इसपर वह कमेंट नहीं करना चाहते हैं.
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