Kashmir terrorism: कश्मीर में आतंकवाद के खिलाफ आखिरी जंग, दो आतंकी मारे गए, एक गिरफ्तार
जम्मू कश्मीर में सुरक्षा बलों के हाथ बड़ी कामयाबी लगी है. शनिवार सुबह मुठभेड़ में दो खूंखार आतंकवादी मार गिराए गए. वहीं एक को गिरफ्तार करने में सफलता मिली है. पिछले दो दिनों में पांच आतंकी मार गिराए गए हैं. इसके अलावा कई आतंकी समर्थकों को हिरासत में लिया गया है.
श्रीनगर: जम्मू कश्मीर(Jammu Kashmir) में आतंकवाद(Terrorism) को जड़ से खत्म किया जा रहा है. बंदूक थामे आतंकी या तो मारे जा रहे हैं या फिर गिरफ्तार हो रहे हैं.
बारामूला से गिरफ्तार हुआ जुनैद
जम्मू-कश्मीर पुलिस, सेना और सीआरपीएफ के जवानों को हिज्बुल मुजाहिदीन के स्थानीय आतंकी जुनैद फारूक पंडित को गिरफ्तार करने में सफलता हाथ लगी है. उसे पकड़ने के लिए बारामूला के टपर पत्तन में खुफिया सूचना के आधार पर जाल बिछाया गया था.
जुनैद को बारामूला के पत्तन एक चेक नाके पर जांच के दौरान गिरफ्तार किया गया. जुनैद फारूक पंडित नाम का ये शख्स अंग्रेजी में एमए है. वह 9 जून 2019 को आतंकी संगठन में शामिल हुआ था. जिसके बाद उसने अपना नाम अबु तलहा रख लिया था. वह बारामुला जिले के हामरे पत्तन का निवासी है.
आतंकी संगठन में शामिल होने के बाद उसने एके-47(AK-47) के साथ अपनी फोटो सोशल मीडिया पर पोस्ट की थी. जिसके बाद से सुरक्षा बल उसकी तलाश में थे.
पिछले दिनों में आतंकवाद पर कड़ा प्रहार
जम्मू कश्मीर में पिछले दो दिनों में आतंकवाद के खिलाफ युद्ध में सुरक्षा बलों को बड़ी सफलता मिली है. दो दिनों में पांच आतंकियों को मार गिराया गया है. शनिवार की सुबह दक्षिण कश्मीर के बिजबेहरा संगम इलाके में लश्करे तैयबा के दो आतंकियों को मार गिराया गया. यहां पर शुक्रवार रात से ही मुठभेड़ जारी थी. इन आतंकियों के पास से हथियार और गोला बारुद भी बरामद किया गया है.
कई आतंकी समर्थक गिरफ्तार
पहले बडगाम में पुलिस ने जैश ए मोहम्मद के आतंवादियों की मदद करने वाले स्थानीय आतंकी साकिब अहमद लोन को गिरफ्तार किया. उसके पास से कई आपत्तिजनक सामग्री बरामद की गई.
इसके बाद दक्षिण कश्मीर के शोपियां के हेफ इलाके से हिज्बुल मुजाहिदीन(Hizbul Mujahideen) के तीन संदिग्धों को गिरफ्तार किया गया. इनके नाम हैं- शमीम भट्ट उर्फ शाहिद, जुबैर अहमद पाडर और बिलाल अहमद तेली. इन तीनों की उम्र 20 साल से ज्यादा नहीं है. इनके पास से एक एके-47 रायफल, पिस्तौलें और गोलियां बरामद की गई हैं.
इन लोगों की पहचान पर सेब के बागीचों में आतंकियों के छुपने का एक ठिकाना भी नष्ट किया गया है.
इन आतंकी समर्थकों को सुरक्षा बलों की भाषा में ओवर ग्राउंड वर्कर(OWG) कहा जाता है. ये लोग बिना सामने आए आतंकवादियों को वारदात करने के लिए संसाधन मुहैया कराने का काम करते हैं.
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