जम्मू-कश्मीर में लंबे समय से शांति बनी हुई थी. बड़ी संख्या में पर्यटक घाटी पहुंच रहे थे. लेकिन 22 अप्रैल को पहलगाम में जिस तरह से आतंकियों ने हमला बोला. पूरी घाटी दहल उठी. इस आतंकी हमले में हमले में कम से कम 27 लोगों के मौत की खबर सामने आ रही है. यह हमला सैलानियों के ऊपर किया गया है. रिपोर्ट के मुताबिक, पहले उनसे नाम पूछा गया और फिर गोली मार दी गई. इस हमले में दो विदेशी पर्यटकों की भी जान चली गई. जिनमें एक इटली और दूसरा इजरायल का सैलानी है. इस कायराना हमले के पीछे किसका हाथ है, इसको लेकर जांच जारी है. यह कश्मीर में पिछले 10 सालों में घटी सबसे बड़े आंतकी घटनाओं में से एक है.
इन आतंकी हमलों ने देश को झकझोरा
वहीं दूसरी ओर, पिछले एक दशक (2015 से 2025 के बीच) जम्मू-कश्मीर में कुछ ऐसे आतंकी हमले हुए, जिसने देश को झकझोर कर रख दिया. इन हमलों में बड़ी संख्या में सुरक्षाबलों और नागरिकों की जानें गईं. ये वे आतंकी हमले हैं, जिससे कश्मीर की वादी दहल उठी.
उरी हमला-
18 सितंबर 2016 को उरी में भारतीय सेना के कैंप पर आतंकी हमला हुआ, जिसमें 16 जवान शहीद हो गए थे. इस हमले के पीछे जैश-ए-मोहम्मद का हाथ बताया गया था. इस हमले में शामिल सभी 4 आतंकियों को सेना के जवानों ने मार गिराया था. साल 2016 में यह पिछले 20 साल में सबसे बड़ा आतंकी हमला था.
अमरनाथ यात्रा पर हमला-
आतंकियों ने 10 जुलाई 2017 को अमरनाथ यात्रियों की बस को निशाना बनाया, जिसमें 8 तीर्थयात्रियों की मौत हो गई थी, जबकि दर्जनों लोग घायल हो गए थे. यह हमला लश्कर-ए-तैयबा के आतंकियों द्वारा अंजाम दिया गया. भारतीय सैनिकों ने भी घटना को अंजाम देने वाले कई आतंकियों को अलग-अलग ऑपरेशन में ढेर कर दिया.
सुंजवान हमला-
उरी हमले के करीब 2 साल बाद, 10 फरवरी 2018 को सुंजवान मिलिट्री स्टेशन पर आतंकी हमला हुआ था. हिंदुस्तान की रिपोर्ट के मुताबिक, इस हमले में 3 जवान शहीद हो गए और एक नागरिक की भी मौत हो गई थी. जवाब में भारतीय सैनिकों ने तीन आतंकियों को मार गिराया था.
पुलवामा हमला-
14 फरवरी 2019 को पुलवामा में सीआरपीएफ के काफिले पर आत्मघाती हमला हुआ, जिसमें 40 जवान शहीद हो गए. यह हमला पाकिस्तान स्थित आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद द्वारा किया गया था. यह आजाद भारत के इतिहास में सबसे घातक आतंकी हमलों में से एक माना जाता था.
रियासी हमला-
9 जून 2024 को रियासी जिले में शिवखोड़ी से लौट रही तीर्थयात्रियों की बस पर हमला किया गया. जिसमें 9 हिंदू तीर्थयात्रियों की जान चली गई. हमले में 41 से ज्यादा घायल भी हो गए. यह हमला पहाड़ी इलाकों में छिपे आतंकियों ने किया था. हमले के वक्त चालक भी घायल हो गया था, जिसके बाद बस खाई में गिर गई थी.
आतंकियों के खिलाफ जीरो टॉलरेंस पॉलिसी
जम्मू-कश्मीर में आतंकियों के खिलाफ जीरो टॉलरेंस पॉलिसी अपनाई जाती है. यही वजह है कि पिछले कुछ सालों में आतंकी घटनाओं में भारी कमी आई थी. हालांकि, कश्मीर में शांति दहशतगर्दों को हजम नहीं हुई.
आंकड़े बताते हैं कि साल 2019 से लेकर 2023 तक, आतंकी घटनाओं और मुठभेड़ों में 77% की कमी आई थी. वहीं आम नागरिकों की मौतों में भी 75% की गिरावट देखी गई. यह जानकारी गृह मंत्रालय ने गृह मामलों से जुड़ी संसद की स्थायी समिति को दी. जिसमें बताया गया कि जम्मू-कश्मीर में किस स्तर पर शांति बहाल हुई है.
पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद पीएम मोदी, गृह मंत्री अमित शाह और मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला समेत कई लोगों ने शोक व्यक्त किया है. साथ ही, पीएम मोदी ने आतंकियों से निपटने के लिए अमित शाह को आदेश भी दिया है.
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