नई दिल्ली: भारत ने गुरुवार को स्पाइक एंटी टैंक मिसाइल का सफल परीक्षण किया. यह मिसाइल अब नाग जैसे टैंक विरोधी मिसाइलों की श्रेणी में शामिल हो गया है. कहा जाता रहा है कि इस मिसाइल का इस्तेमाल पाकिस्तान की नापाक हरकतों को टारगेट करने के लिए किया जाएगा. पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर में बसाए गए आतंकी कैंपों पर भारत की खास नजर है. यह स्पाइक मिसाइल भारतीय जखीरे में इजरायल से किए गए एक समझौते के बाद शामिल किया जा रहा है. इजरायल भारत को 240 स्पाइक मिसाइल सौंपेगा.
चीफ ऑफ डिफेंस स्टॉफ की निगरानी में हुआ परीक्षण
भारतीय सेना ने इनका परीक्षण भी शुरू कर दिया है. मध्यप्रदेश के महू में इस मिसाइल का परीक्षण किया गया. सीडीएस (चीफ ऑफ डिफेंस स्टॉफ) व सेना प्रमुख जनरल बिपिन रावत ने इस परीक्षण को नजदीक से देखा. बताया जा रहा है कि मिसाइल का इस्तेमाल बंकर बस्टर मोड में होगा. पीओके में आतंकी कैंप जहां से कई उग्रवादियों को ट्रेनिंग दी जा रही है, वहां भारतीय सेना ने पहुंचने का एक जरिया ढूंढ़ लिया है.
बालाकोट एयरस्ट्राइक के बाद इजरायल से मंगाई गई स्पाइक
भारत ने बालाकोट एयरस्ट्राइक के बाद इजरायल से कुछ अत्याधुनिक तकनीकों की खरीददारी शुरू कर दी है. इजरायल ने भारत को स्पाइक मिसाइलों की खूबियां बताई और इसके बाद समझौते पर दोनों देशों ने हामी भर दी. और जैसे ही हामी भरी, उसके कुछ ही दिनों के भीतर मिसाइल भारत में पहुंच गई. बालाकोट एयरस्ट्राइक में सेना ने सर्जिकल स्ट्राइक कर पाकिस्तानी शिविरों को तबाह तो किया था लेकिन पर रही-सही कसर फिर भी बाकी रह गई है.
भारत ने अब जोरदार प्रहार करने की रणनीति बना ली है. इसके अलावा भारतीय नौसेना ने डीआरडीओ की बनाई गई ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल का भी सफलतापूर्वक परीक्षण कर लिया है. भारतीय नौसेना ने ब्रह्मोस के अपडेटेड वर्जन का दोबारा परीक्षण किया. इसका मोडिफिकेशन भारत की रक्षा अनुसंधान संगठन ने किया. इसके अलावा पिछले एक सप्ताह में भारत ने दो मिसाइल टेस्ट किए और दोनों ही रात के समय में किए गए. अग्नि-2 और पृथ्वी-2 दोनों ही लंबी दूरी की मार करने वाली मिसाइलें हैं जिनका परीक्षण रात में किया गया.
अग्नि-2 उच्च नेविगेशन सिस्टम से लैस एक अत्याधुनिक मिसाइल
अग्नि-2 का परीक्षण ओडिशा के बालासोर में रात में ही किया गया. इस मिसाइल की मारक क्षमता 2000 किमी. है जिसे बढ़ा कर 3000 किमी. तक की जा सकती है. यह एक बैलिस्टिक मिसाइल है. अग्नि-2 की खास बात है कि यह मिसाइल 1 टन तक वॉरहेड यानी युद्ध सामग्री ले जाने में सक्षम है और जमीन से जमीन तक मार करने वाला अत्याधुनिक तकनीक का इंटिग्रेटेड मिसाइल है.
यह सॉलिड फ्यूल से चलित मिसाइल है जिसकी लंबाई 20 मीटर है और इस मिसाइल में सटीक निशाने पर वार करने के लिए उच्च विशुद्ध नेविगेशन सिस्टम का प्रयोग किया गया है.
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पृथ्वी छोटी दूरी की मार करने वाली बैलिस्टिक मिसाइल
दूसरी मिसाइल पृथ्वी-2 है जिसका परीक्षण 20 नवंबर को किया गया. यह मध्यम रेंज की सतह से सतह तक मार करने वाली बैलिस्टिक मिसाइल है. इसका परीक्षण भी रात में ही किया गया. यह मिसाइल परमाणु हथियार ले जाने में भी सक्षम है और तकरीबन 350 किमी. तक वार कर सकती है.
इसे भी ओडिशा से ही लेकिन चांदीपुर में परीक्षण किया गया. इसके अलावा भारत और भी कई मिसाइलों के परीक्षण की तैयारी में जुटा हुआ है. भारत नवंबर महीन के शुरुआती दिनों में पनडुब्बी से 3500 किमी. की दूरी तक टारगेट तक मार गिराने वाले मिसाइल K-4 का परीक्षण करने की तैयारी में है.