नई दिल्ली. जनरल बिपिन रावत के लिए यह दुहरा आनंद का क्षण था जब उन्हें स्वयं प्रधानमंत्री ने अपने साथ रात्रि भोज पर आमंत्रित करके यह सुसमाचार सुनाया. देश के दो महान रक्षकों के बीच हुई यह वार्ता जितनी महत्वपूर्ण थी उतना ही राष्ट्रप्रेमियों के लिए भावुक करने वाली भी.
राष्ट्रवादी सरकार का राष्ट्रवादी कदम: नए सीडीएस बिपिन रावत
भारतीय सेना को मजबूत करने के लिए उठाया गया यह कदम देश की राष्ट्रवादी सरकार के लिए इसलिए भी अहम् था क्योंकि देश की सेना को मजबूत करने के साथ ही देश को और अधिक सुरक्षा प्रदान कर दी इस ऐतिहासिक निर्णय ने. तीनों सेनाओं के प्रमुख के पद का सृजन और उस पर एक योग्य और राष्ट्रवादी सेनाधिकारी की नियुक्ति देश के लिए बहुत बड़ा गौरव का अवसर है.
प्रधानमंत्री ने दिया सम्मान देश के नए सेना प्रमुख को
पीएम मोदी ने आमंत्रित किया जनरल रावत को रात्रिभोज पर और इस तरह न केवल जनरल बिपिन रावत को सम्मान प्रदान किया बल्कि देश की सेना को भी अनुभव कराया कि वह देश के लिए कितनी महत्वपूर्ण है. यह न केवल सेना प्रमुख जनरल रावत का सम्मान है बल्कि भारत की सेना का भी सम्मान है जिसे भारत के राष्ट्रवादी प्रधानमंत्री ने उन्हें प्रदान किया. इस तरह सारे देश ने भारतीय सेना को और उसके नए सेना प्रमुख को प्रतिष्ठा दी.
सेवानिवृत्ति के एक दिन पहले ही सौंपी बड़ी जिम्मेदारी
जनरल बिपिन रावत मंगलवार 31 दिसम्बर को अपने थल सेनाध्यक्ष के पद से सेवानिवृत्त होने वाले थे. किन्तु उसके एक दिन पहले ही सोमवार 30 दिसंबर को प्रधानमंत्री ने उन्हें नई जिम्मेदारी सौंप दी. प्रधानमंत्री ने जनरल रावत के साथ रात्रिभोज करते हुए उन्हें उनके नए और बड़े उत्तरदायित्व का समाचार सुनाया. यह रात्रिभोज प्रधानमंत्री आवास पर आयोजित किया गया था.