मेरठ में पोलियो पिलाने गई थी टीम, NPR की टीम समझ कर की मारपीट

यह वाकया शनिवार का है. मेरठ के लिसाड़ी गेट क्षेत्र में टीम पोलियो दवा पिलाने गई थी. बताया गया कि टीम को स्थानीय लोगों ने नेशनल पॉपुलेशन रजिस्टर (एनपीआर) टीम समझकर बंधक बना लिया और मारपीट कर दी. टीम को कमरे में बंद कर दिया, इसके साथ ही उनके सरकारी रजिस्टर फाड़ दिए गए. वैक्सीन छीन ली, घंटेभर तक हंगामा चला.

Written by - Zee Hindustan Web Team | Last Updated : Jan 27, 2020, 12:27 PM IST
मेरठ में पोलियो पिलाने गई थी टीम, NPR की टीम समझ कर की मारपीट

मेरठः नागरिकता कानून और एनपीआर के खिलाफ लोगों में अफवाह और नाराजगी इस कदर है कि लोग अन्य सरकारी विभागों के लिए भी मुश्किलें खड़ी कर रहे हैं. एक तो लोगों में जानकारी का अभाव है, दूसरा वह इस कानून को लेकर गलत धारणा बना चुके हैं, जिससे निकलना ही नहीं चाह रहे हैं. ऐसा ही एक मामला मेरठ से आया है. यहां के एक इलाके में गुस्साए लोगों ने पोलियो पिलाने गई टीम के साथ अभद्रता कर दी और मारपीट भी की. पीड़ित टीम के सदस्यों ने बताया कि लोगों ने उन्हें एनपीआर (नेशनल पॉपुलेशन रजिस्टर) की टीम समझ लिया और बंधक बना लिया. 

भीड़ ने की अभद्रता
यह वाकया शनिवार का है. मेरठ के लिसाड़ी गेट क्षेत्र में टीम पोलियो दवा पिलाने गई थी. बताया गया कि टीम को स्थानीय लोगों ने नेशनल पॉपुलेशन रजिस्टर (एनपीआर) टीम समझकर बंधक बना लिया और मारपीट कर दी. टीम को कमरे में बंद कर दिया, इसके साथ ही उनके सरकारी रजिस्टर फाड़ दिए गए. वैक्सीन छीन ली, घंटेभर तक हंगामा चला. स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने पहुंचकर लोगों को समझाया और टीम को बंधन मुक्त कराया. इस मामले में अज्ञात लोगों के खिलाफ थाना लिसाड़ी गेट में मुकदमा दर्ज किया गया है. 

नाम पूछने पर हुआ बवाल
पल्स पोलियो टीम में स्टाफ नर्स नीतू और एक सहयोगी दीपक के अनुसार वह शनिवार सुबह लिसाड़ी गेट के लखीपुरा गली स्थित के घरों में बच्चों को पोलियो ड्रॉप पिलाने के लिए पहुंचे थे. एक परिवार ने बच्चों को दवा पिलाने से मना कर दिया. इस पर टीम ने उन बच्चों व परिवार के नाम दर्ज करने के लिए पूछताछ शुरू की. इस पर परिवार भड़क और आरोप है कि कुछ लोगों ने टीम से अभद्र भाषा का प्रयोग किया.

दो युवकों ने दीपक का कॉलर पकड़ लिया. पोलियो दवा और सरकारी दस्तावेज छीन लिए. स्टाफ नर्स नीतू को कमरे में बंद कर दिया. इस बीच मौके पर भीड़ जमा हो गई और उन्हें एनपीआर (NPR) टीम वाला बताने लगी. उन्हें धमकी दी गई, कि उन्हें छोड़ा नहीं जाएगा. भीड़ ने सरकार के खिलाफ नारे लगाने शुरू कर दिए. मामला बढ़ता चला गया. इस बीच एक युवक ने फोन कर और लोगों को भी जुटा लिया.

टीम दिखाती रही सुबूत, नहीं मानी भीड़ 
हंगामे के बीच स्वास्थ्य विभाग की टीम के दोनों सदस्यों ने अपने परिचय पत्र दिखाए. बावजूद इसके भीड़ कुछ सुनने को तैयार नहीं थी. जैसे-तैसे दीपक ने प्रभारी चिकित्साधिकारी को फोन कर घटनाक्रम की जानकारी दी. लखीपुरा यूपीएचसी के प्रभारी चिकित्साधिकारी डॉ. कदीर अहमद खान अपनी टीम के साथ मौके पर पहुंचे. डब्लूएचओ की फील्ड मॉनीटर भी घटनास्थल पर आ गईं. टीम ने भीड़ को समझाया कि वे स्वास्थ्य विभाग से हैं. पोलियो दवा पिला रहे हैं. इससे जुड़े सुबूत भी दिखाए.

स्कूल संचालक ने दी दंगा कराने की धमकी
टीम के मुताबिक, इमरान नामक शख्स ने भीड़ को उकसाया. वह स्कूल संचालक है. उसने स्वास्थ्य टीम को जान से मार डालने और शहर में दंगा कराने तक की धमकी दे डाली. मामला बढ़ता देख स्वास्थ्य विभाग की टीम जैसे-तैसे वहां से निकलकर समर गार्डन पुलिस चौकी पर पहुंची. स्टाफ नर्स ने छेड़छाड़, बंधक बनाने, सरकारी कार्य में बाधा डालने, डकैती, मारपीट जैसी गंभीर धाराओं में इमरान और अज्ञात भीड़ के खिलाफ थाना लिसाड़ी गेट में मुकदमा दर्ज कराया है.

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