मुंबई: महाराष्ट्र के जालना से कांग्रेस के विधायक कैलाश गोरंट्याल ने कहा कि मैंने और मेरे समर्थकों राज्य पार्टी अध्यक्ष को अपना त्याग पत्र सौंपने का फैसला किया है. मुझे तीसरी बार विधायक के रूप में चुना गया है और मैं अपने लोगों के लिए काम करता हूं. फिर भी मुझे मंत्री नहीं बनाया गया है. विधायक कैलाश गोरंट्याल की इस बात को फिलहाल पार्टी आलाकमान के सामने एक धमकी के रूप में देखा जा रहा है.
अब्दुल सत्तार ने भी दिया था इस्तीफा
शिवसेना के कोटे से राज्यमंत्री बनाए गए अब्दुल सत्तार के इस्तीफे की खबर आई थी. बताया जाता है कि कैबिनेट मंत्री नहीं बनाए जाने से वो नाराज थे. साथ ही यह भी कहा जा रहा है कि जिला परिषद चुनाव में कांग्रेस को समर्थन देने के पार्टी के फैसले से भी वो खुश नहीं थे. पहले कहा जा रहा था कि कैबिनेट मंत्री का पद व दर्जा न मिलने से नाराज होकर अब्दुल सत्तार ने महाराष्ट्र मंत्रिमंडल से इस्तीफा दे दिया है.
एनसीपी विधायक भी हुए थे नाराज
मंत्रिमंडल विस्तार में जगह नहीं मिलने पर बीड के माजलगांव से राकांपा के चार बार के विधायक प्रकाश सोलंके ने सोमवार रात अपनी सीट से इस्तीफा देने के साथ ही साथ राजनीति से ही संन्यास लेने की धमकी दे दी थी हालांकि बाद में वे मान गए थे. गठबंधन सरकार बनवाने में अहम भूमिका निभाने वाले शिवसेना सांसद संजय राउत भी दो बार के विधायक अपने भाई सुनील राउत को मंत्री नहीं बनाए जाने से नाराज हैं.
लड़- झगड़ कर हुआ विभागों का बंटवारा
मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने मंत्रियों में विभागों का बंटवारा कर दिया है. इस क्रम में अजित पवार को वित्त मंत्रालय की कमान सौंपी गई है. वहीं एनसीपी के अनिल देशमुख महाराष्ट्र के गृहमंत्री बनाए गए हैं. कांग्रेस नेता बालासाहेब थोराट को राजस्व विभाग, अशोक चव्हाण को PWD और शिवसेना के एकनाथ शिंदे को शहरी विकास मंत्रालय दिया गया है. एनसीपी के नेता जयंत पाटिल को जल संसाधन (सिंचाई), छगन भुजबल को फूड और सिविल सप्लाई मिला है. शिवसेना के आदित्य ठाकरे को पर्यावरण, पर्यटन, एकनाथ शिंदे को नगर विकास और सुभाष देसाई को उद्योग विभाग मिला है.
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