इस प्रोजेक्ट से भारतीय सेना की ताकत में होगा जबरदस्त इजाफा

भारतीय सेना में अब किसी भी हथियार या सैन्य उपकरणों के पुराने पड़ने की चिंता नहीं करनी होगी. सेना की इलेक्ट्रोनिक कोर ऐसा सिस्टम बना रही है, जो कि किसी भी हथियार के खराब होने या पुराने पड़ने की स्थिति में तुरंत संबंधित विभाग को अलर्ट कर देगा.    

Last Updated : Oct 14, 2019, 04:06 PM IST
    • अलग-अलग श्रेणियों के 30 लाख उपकरणों का आधुनिकीकरण
    • नौसेना में 500 एयरक्राफ्ट, 200 जहाज, 24 हमलावर पनडुब्बियां
इस प्रोजेक्ट से भारतीय सेना की ताकत में होगा जबरदस्त इजाफा

नई दिल्ली: ऐसे समय में जब पूरी दुनिया कृत्रिम बुद्धि (Artificial Intelligence) के क्षेत्र में नए-नए अविष्कार की ओर तेजी से बढ़ रही है, तब दुनिया की चौथी सबसे बड़ी सैन्यशक्ति वाला देश भारत इस और एक नए उड़ान के साथ आगे बढ़ता जा रहा है. भारतीय सेना के जंगी हथियारों को समय-समय पर धारदार बनाए रखने के लिए एक रियल टाइम डाटाबेस तंत्र को तैयार किया जा रहा है. इस प्रोग्राम को भारतीय थलसेना के इलेक्ट्रॉनिक्स और मेकेनिकल कोर द्वारा डिजाइन किया जा रहा है. 

उन्नत तकनीक से लैस होगी सेना

दरअसल, ये 'प्रोजेक्ट बी-हाइव'(Project Beehive) का हिस्सा है जिसके तहत भारतीय थलसेना के तमाम जंगी अस्त्र-शस्त्रों को ज्यादा से ज्यादा स्वचालित बनाया जा रहा है. इससे कम समय में छोटे स्मार्ट नेटवर्क की मदद से एकीकृत (integrated)कर इसके हालिया स्थिति का जायजा ले कर ठीक किया जा सकता है. भारतीय सेना के ईएमई कोर के लेफ्टिनेंट जनरल अनिल कपूर ने इस रियल टाइम डेटाबेस सिस्टम के बारे में बताते हुए कहा कि अगले 5 साल भारतीय सेना के लिए बदलाव वाले होंगे. इस दौरान भारतीय सेना के 30 लाख उपकरणों को एक ही सिस्टम के तहत इंटिग्रेट किया जाएगा ताकि उन सारे उपकरणों की समय-समय पर जांच पड़ताल कर  उसे फिट रखने की कोशिश की जा सके. 

प्रोजेक्ट बी-हाइव से बढ़ेगी सेना की शक्ति
प्रोजेक्ट बी-हाइव भारतीय सेना के लिहाज से बड़ा जरूरी है. कारण कि इस प्रोजेक्ट में सभी उपकरणों को एक छतरी के नीचे ला कर उसे स्वचालित बनाया जाएगा. इससे सेना के 2000 अलग-अलग श्रेणियों के 30 लाख उपकरणों के आधुनिकीकरण किए जाने की योजना है. यह प्रोजेक्ट दिल्ली के सेना मुख्यालय से इतर अन्य सेना कमांड से संचालित होगा. इस प्रोजेक्ट को 8 मापदंडों में विभक्त किया गया है जिसमें पहले भाग का प्लान तैयार कर लिया गया है. हालांकि, ये पहली बार नहीं जब भारतीय सेना अपने अस्त्र-शस्त्र के आधुनिकीकरण के लिए इस तरह के वर्कशॉप या प्रोजेक्ट ले कर आई हो. 2017 में हनीबी वर्कशॉप (Honeybee Workshop) जिसको WASPs का नाम दिया गया था, उसके अंतर्गत 200 से भी ज्यादा वर्कशॉप कराए गए थे ताकि शस्त्रों के रख-रखाव से ले कर इनकी तकनीकी जानकारी भी दी जा सके.

 नौसेना की शक्ति को ले कर भी है तैयारियां
10 सितंबर को सरकार ने भारतीय सेना की शक्ति को बढ़ाने को ले कर एक बड़ा ऐलान किया था. सरकार ने अगले पांच-सात सालों में 130 बिलियन डॉलर की राशि भारतीय सेना के जंगी शस्त्रों में इजाफे के लिए देने का फैसला किया है. इसके अलावा सरकार ने तत्काल प्रभाव से 2600 इंफेन्ट्री जंगी गाड़ियों  और 1700 अन्य लड़ाई के साधनों को सेना में शामिल करने का आदेश जारी किया है. सरकार किसी भी तरह की चूक मोल नहीं लेना चाहती. शायद यहीं कारण है कि पहले ही नौसेना में 500 एयरक्राफ्ट, 200 जहाज, 24 हमलावर पनडुब्बी  को अगले 3-4 सालों में सैन्यशक्ति बढ़ाने के लिए शामिल करने का आदेश जारी कर दिया है. फिलहाल नौसेना के पास 132 जहाज, 220 एयरक्राफ्ट और 15 पंडुब्बी . इतनी बड़ी संख्या में नौसेना में जंगी बेड़ों की भर्ती सरकार के हमले के प्रति सजग रवैये को दर्शाता है. 

 

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