सतर्क रहें लोग, किसी अफवाह में पड़कर कोई भी मुहिम न शुरू करें

कोरोना संकट के दौर में अफवाह भी एक बड़ी समस्या है. सोशल मीडिया पर किसी भी तरह कि अफवाह लॉकडाउन के फायदे कम कर सकती है. बुधवार को ऐसी ही एक अफवाह के बारे में खुद पीएम मोदी को सतर्क करना पड़ा.   

Written by - Zee Hindustan Web Team | Last Updated : Apr 8, 2020, 09:08 PM IST
    • प्रधानमंत्री नरेंद्र की अपील पर देशवासियों ने 22 मार्च को जनता कर्फ्यू का पालन किया था.
    • कोई मुझे सम्मान देना ही चाहता है तो जब तक कोरोना वायरस का संकट है तबतक एक गरीब परिवार की जिम्मेदारी लें
सतर्क रहें लोग, किसी अफवाह में पड़कर कोई भी मुहिम न शुरू करें

नई दिल्लीः कोरोना संकट के बीच अफवाह एक बड़ी समस्या है. सोशल मीडिया पर लोग तमाम तरह की अफवाह उड़ा दे रहे हैं, जिससे सोशल डिस्टेंसिंग खतरे में आ जा रही है. हालांकि मीडिया, पुलिस और स्थानीय प्रशासन लोगों को जागरूक कर रहे हैं और हर स्थिति पर नजर बनाए हुए हैं, लेकिन फिर भी कई बार गलत संदेश तेजी से वायरल हो जा रहे हैं. बुधवार को पीएम मोदी ने अफवाह और गलत मुहिम पर खुद हस्तक्षेप किया. 

कोरोना के बीच स्थितियां संभाल रहे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बुधवार को नाराजगी जाहिर की. उन्होंने ट्वीट कर उत्साही समर्थकों को फटकार लगाई और ऐसा न करने के लिए अपील की. दरअसल कुछ लोगों ने पीएम के सम्मान में पांच मिनट खड़े होकर उन्हें सम्मान देने जैसी मुहिम चलाई थी. उन्होंने ऐसा न करने के लिए अपील की है. 

प्रधानमंत्री ने किया ट्वीट
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने कुछ उत्साही समर्थकों को फटकार लगाई है. पीएम मोदी ने ट्वीट कर कहा है कि उनके ध्यान में लाया गया है कि कुछ लोग यह मुहिम चला रहे हैं कि 5 मिनट खड़े रहकर मोदी को सम्मानित किया जाए. पहली नजर में तो यह मोदी को विवादों में घसीटने की कोई खुराफात लगती है. पीएम मोदी ने कहा कि हो सकता है कि यह किसी की सदिच्छा हो. 

सोशल मीडिया पर चले थे मैसेज
पीएम ने कहा कि मेरा आग्रह है कि यदि सचमुच में आपके मन में इतना प्यार है और मोदी को सम्मानित ही करना है तो एक गरीब परिवार की जिम्मेदारी कम से कम तब तक उठाइए, जब तक कोरोना वायरस का संकट है. मेरे लिए इससे बड़ा सम्मान कोई हो ही नहीं सकता.

सोशल मीडिया पर कुछ लोग मुहिम चला रहे हैं कि आने वाले रविवार यानी कि 12 अप्रैल को 5 मिनट के लिए खड़ा होकर पीएम मोदी को सम्मानित किया जाए. इस बाबत लोग ट्विटर-फेसबुक पर मैसेज शेयर कर रहे हैं. हालांकि पीएम की अपील के बाद ऐसे कई मैसेज को डिलीट कर दिया गया है. हो सकता है कि यह किसी की सदिच्छा हो, तो भी मेरा आग्रह है कि यदि सचमुच में आपके मन में इतना प्यार है और मोदी को सम्मानित ही करना है तो एक गरीब परिवार की जिम्मेदारी कम से कम तब तक उठाइए, जब तक कोरोना वायरस का संकट है। मेरे लिए इससे बड़ा सम्मान कोई हो ही नहीं सकता।

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प्रधानमंत्री नरेंद्र की अपील पर देशवासियों ने 22 मार्च को जनता कर्फ्यू का पालन किया था. इसके बाद पीएम मोदी ने 25 मार्च से 14 अप्रैल तक लॉकडाउन की घोषणा की है. 5 अप्रैल को रात 9 बजे पीएम मोदी ने 9 मिनट के लिए लोगों से दीया जलाने की अपील की थी. लोगों ने बड़े उत्साह के साथ इसका पालन किया था.

इसके पहले सिंदूर लगाने की फैली थी अफवाह
नवरात्र के शुरू होने के समय देश के कई हिस्सों में सिंदूर लगाने की अफवाह फैल गई थी. इसकी कई सूचनाएं बिहार, झारखंड और बंगाल से मिली थीं. वहां महिलाएं एक-दूसरे को सिंदूर लगाने लॉकडाउन तोड़कर निकल पड़ी थीं. जिसे बाद में पुलिस ने समझाकर बंद कराया था. पश्चिमी यूपी के कई जिलों में भी रात भर जागते रहने की अफवाह फैल गई थी, जिससे लोग रात भर जागते रहे थे. इन सभी तरीकों से लॉकडाउन और सोशल डिस्टेंसिंग पर असर पड़ता है. 

पहले भी समझा चुके हैं पीएम मोदी, कर चुके हैं अपील
इसके पहले भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लोगों से अफवाहों से दूर रहने को कहा था. उन्होंने सामाजिक कार्यकर्ताओं से कोरोना पर गलत सूचनाएं और अंधविश्वास दूर करने की अपील की थी. पीएम ने कहा, 'आस्था के नाम पर लोगों के इकट्ठा होने की खबरें हैं. लोगों को समझाया जाए कि इस महामारी को रोकने के लिए सामाजिक दूरी बेहद जरूरी है. 

वीडियो काॅन्फ्रेंसिंग के जरिए पीएम ने कहा, गरीबों को जरूरी वस्तुएं पहुंचाने के लिए आपकी भूमिका अहम है. साथ ही भ्रांतियों को दूर करने में भी मदद करें. उन्होंने कहा, बड़े संकट के दौर में आप लोगों की मदद की जरूरत है. 

 

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