दिल्ली: जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय के पूर्व छात्र संघ अध्यक्ष कन्हैया कुमार पर शिकंजा कसता जा रहा है. दिल्ली सरकार द्वारा देशद्रोह का केस चलाने की अनुमति दे दी गयी है. इस पर भाजपा नेता कपिल मिश्रा ने कहा कि ये देश की जनता की जीत है.
आपको बता दें कि दिल्ली चुनाव में ये मुद्दा जोर शोर से उठा था कि अरविंद केजरीवाल देशद्रोह के आरोपियों पर केस चलाने की अनुमति क्यों नहीं दे रहे हैं. चुनाव जीतने का बाद आम आदमी पार्टी से कपिल मिश्रा ने कहा था कि देश हित में इन लोगों पर केस चलाने वाली फाइल पास कर दो.
देश में आपसी एकता जरूरी: कपिल मिश्रा
टुकड़े टुकड़े गैंग की फाइल क्लीयर होना देश की जनता की जीत हैं
अगर हम एक रहेंगे तो इस देश के खिलाफ बोलने वाला, आतंकियों के पक्ष में नारे लगाने वाला कोई कानून से नहीं बच पायेगा
भारत माता की जय
— Kapil Mishra (@KapilMishra_IND) February 28, 2020
कपिल मिश्रा ने कहा कि अगर हम एक रहेंगे तो इस देश के खिलाफ बोलने वाला, आतंकियों के पक्ष में नारे लगाने वाला कोई कानून से नहीं बच पायेगा. कपिल मिश्रा ने कन्हैया पर लिये गये इस एक्शन को देश की जनता की जीत बताया है. आज ही JNU स्टुडेंट यूनियन ने केजरीवाल के खिलाफ प्रोटेस्ट किया और गुस्से में केजरीवाल ने ये फाइल क्लियर कर दी. इससे साफ हैं कि ये काम कितना आसान था और केजरीवाल जानबूझकर इतने लंबे समय से देहद्रोहियों को बचा रहे थे.
लंबे समय से केजरीवाल ने अटका रखी थी फाइल
केजरीवाल को आखिर "टुकड़े टुकड़े" गैंग की फाइल को पास करना पड़ा
आज ही JNU स्टुडेंट यूनियन ने केजरीवाल के खिलाफ प्रोटेस्ट किया और गुस्से में केजरीवाल ने ये फाइल क्लियर कर दी
इससे साफ हैं कि ये काम कितना आसान था और केजरीवाल जानबूझकर इतने लंबे समय से देहद्रोहियों को बचा रहे थे
— Kapil Mishra (@KapilMishra_IND) February 28, 2020
कन्हैया समेत सभी आठ आरोपियों को खिलाफ देशद्रोह के मामले में अब मुकदमा चलेगा. इस मामले की फाइल काफी वक्त से दिल्ली सरकार के पास लटकी थी और बीजेपी ने इसे चुनाव में मुद्दा भी बनाया था. 9 फरवरी 2016 को दिल्ली के जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय में कथित रूप से देश विरोधी नारे लगाने का मामला सामने आया था.
क्या है पूरा मामला?
जेएनयू में नारेबाजी का वीडियो 9 फरवरी को सामने आया था, जिसमें कथित रूप से देश विरोधी नारे लगाए गए थे. वीडियो सामने आने के बाद छात्र संघ के तत्कालीन अध्यक्ष कन्हैया कुमार और अन्य के खिलाफ राजद्रोह का मुकदमा दर्ज हुआ, लेकिन पटियाला हाउस कोर्ट में सुनवाई के दौरान दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने दिल्ली सरकार से इसके लिए अनुमति नहीं मिलने की जानकारी दी थी.
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