कन्हैया पर चलेगा देशद्रोह का केस, कपिल मिश्रा ने बताया देश की जनता की जीत

जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय का पूर्व छात्र संघ अध्यक्ष और देश विरोधी नारे लगाने का आरोपी कन्हैया कुमार बड़ी मुश्किलों में है क्योंकि दिल्ली सरकार ने उस पर राष्ट्रद्रोह का मुकदमा चलाने की अनुमति दे दी है.

Written by - Zee Hindustan Web Team | Last Updated : Feb 29, 2020, 12:54 AM IST
    • देश में आपसी एकता जरूरी: कपिल मिश्रा
    • लंबे समय से केजरीवाल ने अटका रखी थी फाइल
    • केजरीवाल जानबूझकर इतने लंबे समय से देहद्रोहियों को बचा रहे थे: कपिल
कन्हैया पर चलेगा देशद्रोह का केस, कपिल मिश्रा ने बताया देश की जनता की जीत

दिल्ली: जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय के पूर्व छात्र संघ अध्यक्ष कन्हैया कुमार पर शिकंजा कसता जा रहा है. दिल्ली सरकार द्वारा देशद्रोह का केस चलाने की अनुमति दे दी गयी है. इस पर भाजपा नेता कपिल मिश्रा ने कहा कि ये देश की जनता की जीत है. 

आपको बता दें कि दिल्ली चुनाव में ये मुद्दा जोर शोर से उठा था कि अरविंद केजरीवाल देशद्रोह के आरोपियों पर केस चलाने की अनुमति क्यों नहीं दे रहे हैं. चुनाव जीतने का बाद आम आदमी पार्टी से कपिल मिश्रा ने कहा था कि देश हित में इन लोगों पर केस चलाने वाली फाइल पास कर दो.

देश में आपसी एकता जरूरी: कपिल मिश्रा

कपिल मिश्रा ने कहा कि अगर हम एक रहेंगे तो इस देश के खिलाफ बोलने वाला, आतंकियों के पक्ष में नारे लगाने वाला कोई कानून से नहीं बच पायेगा. कपिल मिश्रा ने कन्हैया पर लिये गये इस एक्शन को देश की जनता की जीत बताया है. आज ही JNU स्टुडेंट यूनियन ने केजरीवाल के खिलाफ प्रोटेस्ट किया और गुस्से में केजरीवाल ने ये फाइल क्लियर कर दी. इससे साफ हैं कि ये काम कितना आसान था और केजरीवाल जानबूझकर इतने लंबे समय से देहद्रोहियों को बचा रहे थे.

लंबे समय से केजरीवाल ने अटका रखी थी फाइल

 

कन्हैया समेत सभी आठ आरोपियों को खिलाफ देशद्रोह के मामले में अब मुकदमा चलेगा. इस मामले की फाइल काफी वक्त से दिल्ली सरकार के पास लटकी थी और बीजेपी ने इसे चुनाव में मुद्दा भी बनाया था. 9 फरवरी 2016 को दिल्ली के जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय में कथित रूप से देश विरोधी नारे लगाने का मामला सामने आया था. 

क्या है पूरा मामला?

जेएनयू में नारेबाजी का वीडियो 9 फरवरी को सामने आया था, जिसमें कथित रूप से देश विरोधी नारे लगाए गए थे. वीडियो सामने आने के बाद छात्र संघ के तत्कालीन अध्यक्ष कन्हैया कुमार और अन्य के खिलाफ राजद्रोह का मुकदमा दर्ज हुआ, लेकिन पटियाला हाउस कोर्ट में सुनवाई के दौरान दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने दिल्ली सरकार से इसके लिए अनुमति नहीं मिलने की जानकारी दी थी. 

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