नई दिल्ली: आग लगाओ और भाग जाओ अब नहीं चलेगा, दंगा भड़काओगे बड़ा पछताओगे. ट्विटर की दंगा कंपनी का खेल खत्म हो गया है. गाजियाबाद में अब्दुल समद की पिटाई मामले में जय श्री राम के नारे के बहाने हिंदुओं को गाली देने की बहुत कोशिश हुई.
अभिव्यक्ति के नाम पर 'दंगा'जीवी काम पर!
हिंदू दंगाई गुंडा उपद्रवी सब कहा गया, लेकिन अब पुलिस जांज में सच सामने आने के बाद जिन भी लोगों ने अपराध के मामले को सांप्रदायिक रंग देकर समाज में विद्वेष फैलाने, लड़ाने दंगा कराने की कोशिश की उन सब पर FIR कर दी गई है.
Fake News को लेकर Twitter पर बड़ी कार्रवाई हुई है. IT नियमों की अनदेखी पर कानूनी सुरक्षा वापस ली. भारत में Twitter के खिलाफ पहली बार FIR दर्ज हुई. बुजुर्ग के पिटाई मामले में Twitter समेत 9 पर FIR दर्ज हुई. गाजियाबाद में दर्ज FIR में पत्रकार, नेता भी आरोपी हैं. IT मंत्री रविशंकर प्रसाद ने Twitter को चेतावनी दी. सरकार ने कहा कि Twitter को बहुत मौके दिये, अब और नहीं.
Twitter पर क्यों FIR?
अब आपको ये बता देते हैं कि आखिर ट्विटर पर FIR दर्ज क्यों की गई है. बुजुर्ग की पिटाई को सांप्रदायिक रंग देने का आरोप है. ट्विटर ने आरोपियों के झूठे कंटेंट ना जांचे, ना हटाए. सोशल प्लेटफार्म को 'साज़िश' में इस्तेमाल होने दिया. पुलिस के स्थिति स्पष्ट करने पर भी ट्वीट्स नहीं हटाए. आरोप- ट्विटर ने रोकने की बजाए अफवाह फैलने दी.
Twitter पर क्या Action?
भारत में Twitter को मिली कानूनी सुरक्षा खत्म हो सकती है. IT एक्ट की धारा-79 में मिली इम्यूनिटी खत्म होगी. नए IT नियम नहीं मानने पर Twitter मुश्किल में है. Twitter अब भारत के सभी कानूनों के दायरे में है. आपत्तिजनक कंटेंट पर जिम्मेदार ठहराया जा सकेगा. कानून तोड़ा, तो Twitter का इंडिया हेड जिम्मेदार होगा.
किन 9 पर FIR?
- मोहम्मद जुबेर (को फाउंडर ALT न्यूज)
- राना अयूब (पत्रकार)
- द वायर (न्यूज़ वेबसाइट)
- सलमान निज़ामी (कांग्रेस नेता)
- मसकूर उस्मानी (कांग्रेस नेता)
- समा मोहम्मद (कांग्रेस नेता)
- सबा नकवी (पत्रकार)
- Twitter Inc
- Twitter Communications India Pvt
किन धाराओं में FIR?
IPC-153
(दंगे भड़काने की कोशिश)
IPC-153-A
(समुदायों में नफ़रत बढ़ाना)
IPC-295-A
(धर्म विशेष का अपमान)
IPC-505
(अफ़वाह को बढ़ावा देना)
IPC-120-B
(आपराधिक साजिश में शामिल)
IPC-34
(आपराधिक कार्य में कई लोग)
Twitter की सफाई
इस मामले पर ट्विटर ने अपनी सफाई पेश की है. ट्विटर की तरफ से कहा गया है कि हम IT मंत्रालय को प्रक्रिया से अवगत करा रहे हैं. हमने अंतरिम मुख्य अनुपालन अधिकारी को बरकरार रखा है. इसका विवरण जल्द ही सीधे मंत्रालय के साथ साझा करेंगे. नए दिशानिर्देशों के पालन की हरसंभव कोशिश कर रहे हैं.
Twitter का टाइम ओवर?
1- Twitter को बहुत मौक़े दिये अब वो इसका <<हकदार>> नहीं
2- उत्तर प्रदेश की घटना में Twitter की <<मनमानी>> दिखी है
3- Twitter हमेशा तथ्यों की जांच पर <<अति-उत्साही>> रहा है
4- यूपी जैसे कई मामलों में Twitter <<कार्रवाई में विफल>> रहा
5- गलत सूचनाओं से लड़ने में Twitter की <<नाकामी>> साबित
6- एक विदेशी संस्था <<बोलने के अधिकार>> की अगुवा ना बने
7- विदेशी संस्था को भारत के <<कानून का पालन>> करना होगा
8- भारत में रहकर देश के कानून की <<अनदेखी>> नहीं चल सकती
9- ट्विटर जैसे प्लेटफॉर्म कानून मानने में <<आनाकानी>> क्यों करते हैं?
10- विदेश में <<भारतीय कंपनियां >> भी वहां के नियमों को मानती हैं
11- याद रखें <<कानून का शासन>> भारतीय समाज की आधारशिला है
(रविशंकर प्रसाद)
राहुल पर भी कार्रवाई?
कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने कहा था कि 'मैं ये मानने को तैयार नहीं हूं कि श्रीराम के सच्चे भक्त ऐसा कर सकते हैं. ऐसी क्रूरता मानवता से कोसों दूर है और समाज व धर्म दोनों के लिए शर्मनाक है.' तो क्या राहुल के इस बयान को लेकर उनपर भी कार्रवाई होनी चाहिए?
इसपर यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा था कि प्रभु श्री राम की पहली सीख है-"सत्य बोलना" जो आपने कभी जीवन में किया नहीं. शर्म आनी चाहिए कि पुलिस के सच्चाई बताने पर भी आप समाज में जहर फैलाने में लगे हैं.
ट्विटर को 'कम्युनल Tool' किसने बनाया?
कुल 7 लोगों और ट्विटर पर एफआईआर की गई है, लेकिन बड़ा सवाल अब ये कि क्या नेताओं को एफआईआर से इम्यूनिटी मिली हुई है? क्या कई नेताओं ने भी दंगे की आग में घी डालने का पूरा प्रयास किया उनपर कार्रवाई नहीं होगी? और सबसे बड़ा सवाल ये कि हम ये मानते हैं कि ट्विटर को जिन भी लोगों पर मामला दर्ज हुआ है जांच पूरी होने तक उन सबका अकाउंट निलंबित नहीं होना चाहिए.
इसे भी पढ़ें- भारत में Twitter की बढ़ सकती है मुसीबतें, भड़क गए मंत्री रविशंकर प्रसाद
Zee Hindustan News App: देश-दुनिया, बॉलीवुड, बिज़नेस, ज्योतिष, धर्म-कर्म, खेल और गैजेट्स की दुनिया की सभी खबरें अपने मोबाइल पर पढ़ने के लिए डाउनलोड करें ज़ी हिंदुस्तान न्यूज़ ऐप.