मुंबईः महाराष्ट्र की महा विकास अघाड़ी सरकार ने गणतंत्र दिवस के मौके पर अपनी महत्वकांक्षी योजना जनता को समर्पित कर दी है. योजना है 10 रुपये में भोजन उपलब्धता कि, जिसे शिव भोजन योजना का नाम दिया गया है. यह योजना महा विकास अघाड़ी सरकार के न्यूनतम साझा कार्यक्रम का हिस्सा है और शिवसेना के चुनावी घोषणा पत्र का प्रमुख वादा था.
सरकार ने इस योजना के लिए पिछले महीने ही मंजूरी दे दी थी. 71वें गणतंत्र दिवस के मौके पर इसे पायलट परियोजना के तहत लॉन्च किया गया. राज्य के सभी जिलों में निर्धारित जगहों या कैंटीनों में निर्धारित समय पर गरीबों को 10 रुपये में पूरा भोजन मुहैया कराया जाएगा.
125 केंद्रो पर हुई शुरुआत
फिलहाल महाराष्ट्र में 125 सेंटर्स पर 'शिव भोजन' योजना की शरुआत की गई है. 10 रुपये की थाली के लिए सरकार 40 रुपये का अनुदान देगी. मुंबई में नायर, केईएम, सायन अस्पताल और धारावी महिला बचत गट में ये योजना शुरू कर दी गई है. कांग्रेस नेता और मुंबई के पालक मंत्री असलम शेख ने इस योजना की यहां शुरुआत की. शिव भोजन थाली में दो चपाती, एक सब्जी, चावल, दाल और एक मिठाई शामिल रहेगी, जो प्रति दिन दोपहर 12 बजे से अपराह्न दो बजे के बीच उपलब्ध रहेगी.
Maharashtra government rolled out 'Shiv Bhojan' scheme to provide meals for Rs 10 in the state. State Cabinet Minister Eknath Shinde inaugurated the scheme at a Thane-based centre. There are 3 such centers in Thane, 2 in Bhiwandi & one each in Vashi & Mira Bhayander. (26.1.20) pic.twitter.com/ZEelKW4fHK
— ANI (@ANI) January 26, 2020
सैकड़ों की संख्या में लोगों ने 10 रुपये की इस थाली का आनंद उठाया, जिसमें मंत्री भी शामिल रहे. अधिकांश लोगों ने भोजन की गुणवत्ता और मात्रा की तारीफ की, लेकिन कई लोगों ने भोजन उपलब्धता की अवधि बढ़ाने का सुझाव दिया, ताकि ज्यादा लोग इसका लाभ उठा सकें.
सरकार प्रति थाली 40 रुपये का अनुदान देगी
राज्य सरकार ने इस पायलट परियोजना के लिए प्रारंभिक तौर पर पहले तीन महीने के लिए 6.4० करोड़ रुपये का बजट निर्धारित किया है. इस योजना पर जैसी प्रतिक्रिया मिलेगी उसकी समीक्षा के आधार पर इसे अन्य इलाकों और सुदूर हिस्सों में भी शुरू किया जाएगा. कैंटीन बाजारों, अस्पतालों, बस अड्डों, रेलवे स्टेशनों, सरकारी कायार्लयों जैसे सार्वजनिक स्थानों पर चलाई जाएंगी.
मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के अनुसार, ग्राहक इस थाली के लिए 1० रुपये का भुगतान करेंगे, लेकिन वास्तविक लागत शहरी इलाकों में 5० रुपये और ग्रामीण इलाकों में 35 रुपये बैठेगी. अंतर की राशि का भुगतान जिला प्रशासन को राज्य सरकार ग्रांट के रूप में देगी.
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