नई दिल्ली: महाराष्ट्र के महा-पॉलिटिक्स का आज अंत हुआ. प्रदेश की राजनीति में ठाकरे परिवार ने पहली बार मुख्यमंत्री पद की शपथ ली. उद्धव ठाकरे जो कल तक चुनाव में भी नहीं उतरे थे, आज प्रदेश के मुख्यमंत्री बन गए हैं. यह दांवपेंच लंबे समय तक चला और अंत में सुप्रीम कोर्टे के दरवाजे पर जा कर खत्म हुआ. आज मुबंई के शिवाजी पार्क में महा विकास अघाड़ी के यानी की शिवसेना-एनसीपी-कांग्रेस के विधायकों ने मंत्रीपद की भी शपथ ली. तीनों ही पार्टियों के दो-दो विधायकों ने मंत्रीपद की शपथ ली.
एनसीपी के दो नेता जिन्होंने ली शपथ
एनसीपी के छगन भुजबल ने मंत्री पद की शपथ ली. वे महाराष्ट्र में लगातार 10 साल से 2004 से 2014 तक पीडब्ल्यूडी मंत्री रह चुके हैं. एनसीपी के जयंत पाटिल ने भी शपथ ग्रहण समारोह में मंत्रीपद की शपथ ली. महाराष्ट्र विधानसभा का 9 बार बजट पेश कर चुके हैं.
शिवसेना के दो नेता जिन्होंने ली शपथ
महाराष्ट्र विधान परिषद् के सदस्य सुभाष देसाई ने भी शिवसेना की ओर से शपथ ली है. शिवसेना के वरिष्ठ नेताओं में उनकी गिनती होती है. शिवसेना के एकनाथ शिंदे जो पार्टी के विधायक दल के नेता भी हैं, उन्होंने भी मंत्री पद की शपथ ली. कोपरी पंचपखाड़ी से तीन बार विधायक रहे हैं एकनाथ शिंदे
कांग्रेस से दो नेताओं ने ली शपथ
कांग्रेस के नितिन राउत ने भी मंत्री पद की शपथ ली है. नागपुर उत्तर सीट से कांग्रेस के विधायक हैं और प्रभावी नेताओं में गिने जाते हैं. कांग्रेस के विधायक दल के नेता बाला साहेब थोराट ने भी महाराष्ट्र में मंत्री पद की शपथ ली. विधानसभा के सबसे कद्दावर और पुराने नेताओं में से एक हैं बालासाहेब थोराट.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दी बधाई
शपथ ग्रहण के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उद्धव ठाकरे को महाराष्ट्र का नया मुख्यमंत्री बनने पर बधाई दी है. इसके अलावा उन्होंने उम्मीद किया कि मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे प्रदेश के लिए अच्छा कार्य करेंगे.
Prime Minister Narendra Modi tweets, "Congratulations to Uddhav Thackeray Ji on taking oath as the CM of Maharashtra. I am confident he will work diligently for the bright future of Maharashtra." pic.twitter.com/1Bo1ZvxduZ
— ANI (@ANI) November 28, 2019
शपथ लेेने वाले मंत्रियों का परिचय
1.जयंत पाटिल शरद पवार के बेहद करीबी नेताओं में शुमार किए जाने वाले जयंत राजाराम पाटिल महाराष्ट्र की राजनीति में जाना-माना नाम है. वह इस्लामपुर वालवा विधानसभा क्षेत्र से विधायक हैं. वह पृथ्वीराज चव्हाण सरकार में ग्रामीण विकास मंत्री रहे हैं.
इससे पहले वह वित्त मंत्री और गृह मंत्री भी रहे हैं.जयंत पाटिल महाराष्ट्र में कांग्रेस और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) की साझा सरकार (1999 से 2008) में वित्त मंत्री बनाए गए. जयंत पाटिल के नाम महाराष्ट्र विधानसभा में 9 बजट पेश करने का रिकॉर्ड है.
2. छगन भुजबल एनसीपी के दिग्गज नेता हैं. भुजबल महाराष्ट्र के पूर्व उप मुख्यमंत्री रह चुके हैं. एक वक्त था जब वे बालासाहेब ठाकरे के भाषणों से बेहद प्रभावित थे. बाला साहेब की राह पर चलकर आक्रमक भाषण शैली अपनाने की वजह से वे शिवसेना के प्रमुख नेताओं की लिस्ट में शामिल हो घए. साल 1985 में मुंबई के मेयर भी चुने गए.
बाला साहेब का भरोसा जीतने में भी छगन कामयाब रहे. बालासाहेब ने एक बार मुंबई के शिवाजी पार्क में एक रैली के दौरान उन्हें सम्मानित भी किया था. जब शरद पवार कांग्रेस से अलग जाकर राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी बनाई तब छगन भुजबल भी शामिल हो गए. साल 1999 में मुंबई से हार मिलने के बाद उन्होंने नासिक को अपना नया राजनीतिक ठिकाना बना लिया. साल 2004 से 2014 तक वे सार्वजनिक विभाग के मंत्री भी रहे. इस दौरान भ्रष्टाचार के कई गंभीर आरोप उन पर लगे. मार्च 2016 में दिल्ली में निर्मित महाराष्ट्र सदन घोटाले में उन्हें गिरफ्तार किया गया. 2018 में जाकर उन्हें जमानत मिली.
3. बालासाहेब भाऊसाहेब थोराट किसानों और भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस विधायक और महाराष्ट्र प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रमुख हैं. वह सहकारिता आंदोलन में, मिल्क कोऑपरेटिव के संस्थापक के रूप में और संगमनेर जिला और राज्य सहकारी बैंक के पूर्व अध्यक्ष के रूप में जाने जाते हैं.बाला साहेब थोराट 8 बार विधायक रह चुके हैं
तथा वर्तमान में महाराष्ट्र प्रदेश कांग्रेस समिति के प्रमुख हैं. 288 विधायकों में से थोराट एकमात्र ऐसे विधायक हैं जिन्होंने 8 बार विधानसभा चुनाव में जीत दर्ज की है. बाला साहेब थोराट की गिनती महाराष्ट्र कांग्रेस के दिग्गज नेताओं में होती है.
4. नितिन राउत कांग्रेस के दलित चेहरे हैं. वह नागपुर उत्तर से विधायक हैं. वह पहले भी महाराष्ट्र में मंत्री रह चुके हैं. नितिन राउत नागपुर से आने वाले दलित समुदाय के नेता हैं. यही वजह है कि राज्य के दलितों के बीच कांग्रेस की छवी बेहतर करने के लिए यह कदम उठाया गया है. कांग्रेस के इस फैसले से नागपुर बेल्ट में पार्टी की पैठ मजबूत होगी. साफ शब्दों में कहें तो प्रदेश में नितिन राउत के जरिए कांग्रेस दलितों में बड़ा मैसेज देना चाहती है.
एक तरह से कांग्रेस द्वारा नितिन राउत को मंत्री बनाना सोशल इंजीनियरिंग फॉर्मूले को मैनेज करना है. महाराष्ट्र सरकार में नितिन राउत इससे पहले भी मंत्री रह चुके है. जानकारी के लिए आपको बता दें कि जब राज्य में कांग्रेस की सरकार थी, तब जल संरक्षण मंत्री के रूप में नितिन अपनी भूमिका निभा चुके हैं. यही वजह है कि अनुभवी होने की वजह से भी उन्हें यह पद ऑफर किया गया है.
5. एकनाथ शिंदे शिवसेना के विधायक दल के नेता हैं. देवेंद्र फडणवीस सरकार में कैबिनेट मंत्री रहे एकनाथ शिंदे ठाणे को कोपरी पंचपखाड़ी विधानसभा क्षेत्र से लगातार 2004, 2009, 2014 और 2019 में जीत मिली. विधायक चुने जाने से पहले एकनाथ शिंदे ठाणे महानगर पालिका में दो कार्यकाल तक नगर सेवक भी रह चुके हैं.
एकनाथ शिंदे की पकड़ ठाणे जिले में बेहद ज्यादा है. लोकसभा चुनाव और निकाय चुनावों में भी जिस उम्मीदवार को ये समर्थन कर दें, उसे जीत मिलनी तय मानी जाती है. अक्टूबर 2014 से दिसंबर 2014 में महाराष्ट्र विधानसभा में विपक्ष के नेता रह चुके एकनाथ शिंदे की गिनती शिवसेना के कद्दावर नेताओं में होती है. 2014 में देवेंद्र फडणवीस सरकार में एकनाथ शिंदे को महाराष्ट्र राज्य सरकार में PWD के कैबिनेट मंत्री के रूप में नियुक्त किया गया था.
6. सुभाष देसाई की गणना शिवसेना के वरिष्ठ नेताओं में होती है. महाराष्ट्र विधानसभा के सदस्य सुभाष देसाई गोवेगांव से 1990, 2004 और 2009 में विधायक रह चुके हैं. 2014 में महाराष्ट्र के उद्योग मंत्री संभाल चुके हैं. विधानसभा में शिवसेना के विधायक दल के नेता भी सुभाष देसाई साल 2009 से 2014 के बीच रह चुके हैं.