राहुल के बाद उदित भी भूले मर्यादा, कहा-2024 से पहले फिर हो सकता है पुलवामा

उदितराज ने विवादित टिप्पणी करते हुए कहा है कि 2024 के पहले फिर से पुलवामा जैसा कोई नृशंस हमला हो सकता है. उन्होंने राहुल गांधी के बयान का समर्थन किया और केंद्र पर निशाना साधते हुए शहीदों की जाति-वर्ग पर भी टिप्पणी कर दी. 

Written by - Zee Hindustan Web Team | Last Updated : Feb 15, 2020, 01:21 PM IST
    • कांग्रेस 40 जवानों के बहे खून का राजनीतिक सौदा करने से बाज नहीं आ रही है
    • सत्ता बनाए रखने के लिए 40 जवानों की जान का सौदा भी कर सकते हैंः उदित राज
राहुल के बाद उदित भी भूले मर्यादा, कहा-2024 से पहले फिर हो सकता है पुलवामा

नई दिल्लीः देश को दहला देने वाले पुलवामा अटैक को एक साल हो गए हैं, लेकिन कांग्रेस 40 जवानों के बहे खून का राजनीतिक सौदा करने से बाज नहीं आ रही है. राहुल गांधी से लेकर कांग्रेसी नेताओं की जुबान से लगातार शहादत के लिए अपमानजनक शब्द निकल रहे हैं. अब कांग्रेस नेता उदित राज ने भी पुलवामा अटैक को लेकर बदजुबानी की है.

उन्होंने विवादित टिप्पणी करते हुए कहा है कि 2024 के पहले फिर से पुलवामा जैसा कोई नृशंस हमला हो सकता है. उन्होंने राहुल गांधी के बयान का समर्थन किया और केंद्र पर निशाना साधते हुए शहीदों की जाति-वर्ग पर भी टिप्पणी कर दी. 

राहुल गांधी के समर्थन में किया अपमान
पुलवामा हमले को लेकर राहुल गांधी के बयान के बाद कांग्रेस पार्टी के नेता उदित राज ने विवादित बयान दिया है. उन्होंने राहुल गांधी के बयान का समर्थन करते हुए कहा है कि 2024 में चुनाव से पहले और पुलवामा अटैक हो सकता है. उन्होंने यह भी आशंका जताई कि सत्ता में बने रहने के लिए मोदी सरकार ने 40 जवानों की जान का सौदा किया.

उदित राज केंद्र सरकार पर निशाना साध रहे थे. हमलावर होने के अंदाज में उन्होंने तंज पर तंज कसे और राहुल गांधी से भी आगे बढ़कर उनका समर्थन करने के चक्कर में शहीदों का अपमान कर दिया. 

उदित बोलेः सत्ता के लिए जवानों की जान का सौदा
पुलवामा में उन्होंने सरकार का हाथ बताते हुए ट्वीट किया, 'जो लोग सत्ता पाने के लिए गुजरात में नरसंहार करवा सकते हैं, वो सत्ता बनाए रखने के लिए 40 जवानों की जान का सौदा भी कर सकते हैं.

इनके लिए देशभक्ति और राष्ट्रवाद जनता को भरमाने का एक टूल भर है. 

जाति-वर्ग पर भी की टिप्पणी
एक अन्य ट्वीट में उदित राज ने कहा, 'सोशल मीडिया पर राष्ट्रवाद का प्रचार करने वाले लोग अक्सर उच्च जाति के होते हैं और जिन सैनिकों ने मुख्य रूप से हमले में अपनी जान गंवाई वे SC/ST/OBC समुदायों से आते हैं. हाशिए पर खड़े समुदायों को सत्ताधारी सवर्णों की देशभक्ति की कीमत चुकानी पड़ती है.

जांच की मांग रहे हैं उदित
उदित राज ने कहा, 'राहुल जी ने बहुत ही माकूल सवाल किया है. पूरे देश को पूछना चाहिए इनसे कि पुलवामा हमले में क्या सच्चाई है. जब 14 फरवरी 2019 को यह हुआ तो भाजपा के कार्यकर्ता पूरे देश में कैंडल मार्च निकालने लगे. ये विपक्ष का काम है. पक्ष का काम है तुरंत पता लगाइए.

पक्ष-विपक्ष दोनों के काम को भाजपा ने अपने ऊपर ले लिया और उससे चुनाव जीते जो राहुल जी ने उठाया है. हम पूरा समर्थन करते हैं. जांच होनी चाहिए वरना 2024 से पहले भी ऐसा कुछ होगा इस देश में. 

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