नई दिल्ली: गुरुवार के दिन यानी 2 जनवरी की सुबह बदरपुर के ताजपुर रोड के पास गश्त के दौरान थाना बदरपुर के कॉन्स्टेबल धीरज और कॉन्स्टेबल निहाल ने एक बच्चे को रोते-बिलखते अकेला देखा. बच्चे को देखते ही दोनों बच्चे के पास गए और उससे पूछताछ की पर महज 3 साल की होने की वजह से बच्चा कुछ भी स्पष्ट बता नहीं पाया.
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क्या है पूरा मामला?
जिसके बाद पुलिस ने बदरपुर के स्टॉफ ने दिल्ली और हरियाणा के नजदीकी पुलिस स्टेशन में लापता बच्चे की रिपोर्ट की जांच करवाई. साथ ही सोशल मीडिया का उपयोग करते हुए बच्चे के विवरण को पुलिस स्टेशन के विभिन्न व्हाट्सएप ग्रुपों में अपलोड कर दिया गया. इसके अलावा रिक्शा और टीएसआर में लाउड हैलर का उपयोग कर बच्चे की लापता होने की सूचना दी गई. पांच घंटे तक चली जांच पड़ताल के बाद बच्चे की पहचान की गई. बच्चा की पहचान शाजाद पिता जफरुद्दीन व सोसाइटी कैंप ताजपुर पहाड़ी, बदरपुर के निवासी के रूप में हुई. पुलिस कर्मचारियों ने बच्चे के माता-पिता को सूचित किया और फिर बच्चे को उन्हें सुरक्षित सौंप दिया. घटना के बारे में पता चला कि बच्चा सुबह अपने घर के बाहर खेलने गया था उसी दौरान वह रास्ता भूल गया था. बच्चे के माता-पिता दिहाड़ी मजदूरी का काम करते हैं.
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दिल्ली पुलिस की ऑपरेशन मिलाप के जरिए किए गए कार्य सराहनीय है.