राजस्थान के 'प्राणघातक' सिस्टम ने 400 से ज्यादा बच्चों को 'मार डाला'?

राजस्थान में बच्चों की मौत का सिलसिला लगातार बढ़ता ही जा रहा है. पिछले एक महीने में राजस्थान में 410 से ज्यादा बच्चों की मौत हो गई है. कोटा के जेके लोन अस्पताल में भारी बदइंतजामी मिली. जेके लोन अस्पताल पर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की रिपोर्ट सामने आई. जो वाकई हैरान करने वाली है.

Written by - Zee Hindustan Web Team | Last Updated : Jan 5, 2020, 06:34 PM IST
    1. पिछले एक महीने में राजस्थान में 410 से ज्यादा बच्चों की मौत
    2. कोटा के जेके लोन अस्पताल में भारी बदइंतजामी मिली
    3. जेके लोन अस्पताल पर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की रिपोर्ट
    4. कोटा में हाइपोथरमिया नाम की बीमारी से गई बच्चों की जान- रिपोर्ट
राजस्थान के 'प्राणघातक' सिस्टम ने 400 से ज्यादा बच्चों को 'मार डाला'?

नई दिल्ली: देश में 'शिशु नरसंहार' का खेल चल रहा है. ऐसा हम इसलिए कह रहे हैं क्योंकि 'प्राणघातक' सिस्टम ने कई मां की गोद सूनी कर दी है. कई घर के चिराग बुझा दिए हैं. इसकी तादाद लगातार बढ़ती जा रही है. और जिसकी जवाबदेही है वो सरकार सिर्फ सफाई पेश करने में जुटी हुई है.

राजस्थान में मौत का आंकड़ा छू रहा आसमान

बच्चों की मौत मामले में स्वास्थ्य मंत्रालय की टीम ने केंद्र सरकार को रिपोर्ट सौंप दी है. इस रिपोर्ट में कहा गया है कि अस्पताल प्रशासन की लापरवाही के चलते यहां बच्चों की लगातार मौते हुईं. राजस्थान की हकीकत हैरान करने वाली है. पिछले एक महीने में राजस्थान में 410 से ज्यादा बच्चों की मौत हो चुकी है.

जोधपुर, राजस्थान

  • एक महीने में 146 बच्चों की मौत

कोटा, राजस्थान

  • एक महीने में 110 बच्चों की मौत

बीकानेर 

  • एक महीने में 162 बच्चों की मौत 

जोधपुर में 146, कोटा में 110 और बीकानेर में 162 बच्चों की मौत हो चुकी है. रिपोर्ट के मुताबिक कोटा में हाइपोथरमिया नाम की बीमारी का नाम सामने आया है. सवाल है कि देश में 'शिशु नरंसहार' के कितने अस्पताल हैं.

जोधपुर का आंकड़ा क्या कहता है?

राजस्थान के कोटा और बूंदी के बाद जोधपुर में भी बच्चों की मौत का मामला सामने आया है. जोधपुर के एसएन मेडिकल कॉलेज में 146 बच्चों की मौत का आंकड़ा सामने आया है. अस्पताल प्रशासन के मुताबिक पिछले सालों के मुताबिक ये आंकड़ा कम है और लोग दूर दराज के इलाकों से बच्चों को देरी से अस्पताल लाते हैं. जिससे बच्चों को बचा पाना मुश्किल हो जाता है.

पिछले एक महीने में राजस्थान में 410 से ज्यादा बच्चों की मौत हो गई है. यहां के सीएम अशोक गहलोत का गैर जिम्मेदाराना बयान आता है. खुद डिप्टी सीएम जवाबदेही की बात करने लगे हैं. लोग नाराज हैं, प्रदर्शन कर रहे हैं. लेकिन हालात सुधर नहीं रहे.

कोटा में मौत बांटने वाले अस्पताल की हकीकत क्या है. आइए हम आपको बताते हैं.

  • 13 बच्चों पर एक स्टाफ
  • 77 प्रतिशत वार्मर खराब
  • 15 में से 6 वेंटिलेटर बेकार
  • 3087 बच्चे एसएनसीयू में भर्ती
  • 1 साल 616 बच्चों की मौत
  • 20% अधिक बच्चों की मौत
  • 33 दिनों में 110 बच्चों की मौत

राजस्थान में मंत्रियों के हीटर On, बच्चों की हीटर Off! 

राजस्थान में कोटा के जेके लोन अस्पताल में आज तीन और बच्चों की मौत हो गई. इससे साथ ही बच्चों की मौत का आंकड़ा 110 पहुंच गया है. केंद्र की जांच टीम ने अपनी रिपोर्ट में अस्पताल की कई कमियों का खुलासा किया है. रिपोर्ट के मुताबिक अस्पताल में 20.2% ज्यादा बच्चों की मौत हुई है. ज्यादा ठंड के बाद भी अस्पताल के 77 प्रतिशत वार्मर काम नहीं कर रहे थे. 4 बच्चों पर एक स्टाफ होना चाहिए लेकिन 13 बच्चों पर एक स्टाफ है.

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