अवैध धर्मांतरण कराने में मौलाना कलीम सिद्दकी अरेस्ट, विदेश से मिलती थी फंडिंग

मौलाना कलीम ग्लोबल पीस सेंटर के अध्यक्ष हैं. इसके अलावा वह जमीयत-ए-वलीउल्लाह के अध्यक्ष भी हैं. मौलाना कई मदरसों के प्रभारी हैं. उनकी गिनती देश के बड़े मौलानाओं में होती है.   

Written by - Zee Hindustan Web Team | Last Updated : Sep 22, 2021, 03:52 PM IST
  • एटीएस ने मेरठ से की गिरफ्तारी
  • लखनऊ ले जाकर होगी पूछताछ
अवैध धर्मांतरण कराने में मौलाना कलीम सिद्दकी अरेस्ट, विदेश से मिलती थी फंडिंग

नई दिल्लीः उत्तर प्रदेश के अवैध धर्मांतरण मामले में यूपी एटीएस ने बड़ी कार्रवाई की है. एटीएस ने मेरठ से इस्लामी विद्वान मौलाना कलीम सिद्दीकी को गिरफ्तार किया है. उन्हें लखनऊ लाया जा रहा है, जहां उनसे पूछताछ की जाएगी. 

चल रही है जांच
एडीजी प्रशांत कुमार ने कहा कि 20 जून को अवैध धर्मांतरण गिरोह संचालित करने वाले लोग गिरफ्तार गिए गए थे. इस संबंध में मुकदमा दर्ज किया गया था. उमर गौतम और इसके साथियों को ब्रिटिश आधारित संस्था से लगभग 57 करोड़ रुपये की फंडिंग की गई थी. जिसके खर्च का ब्योरा अभियुक्त नहीं दे पाए. इस संबंध में आज के अभियुक्त को छोड़कर कुल 10 लोग गिरफ्तार हुए थे, जिसमें से 6 के खिलाफ विभिन्न तिथियों में चार्जशीट दाखिल की जा चुकी है, 4 के खिलाफ जांच चल रही है.

एडीजी ने आगे बताया कि जांच में तथ्य प्रकाश में आए कि मौलाना कलीम सिद्दीकी अवैध धर्मांतरण के कार्य में लिप्त है और विभिन्न प्रकार की शैक्षणिक, सामाजिक, धार्मिक संस्थाओं की आड़ में यह देशव्यापी स्तर पर किया जा रहा है, जिसके लिए विदेशों से भारी फंडिंग प्राप्त की जा रही है.

ग्लोबल पीस सेंटर के अध्यक्ष हैं मौलाना
मौलाना कलीम ग्लोबल पीस सेंटर के अध्यक्ष हैं. इसके अलावा वह जमीयत-ए-वलीउल्लाह के अध्यक्ष भी हैं. मौलाना कई मदरसों के प्रभारी हैं. उनकी गिनती देश के बड़े मौलानाओं में होती है. वहीं, मौलाना की गिरफ्तारी पर सपा नेता ने बीजेपी पर निशाना साधा है.

 

सांसद शफीकुर रहमान बर्क ने कहा कि यह गलत है. बीजेपी सरकार के पास मुस्लिमों को परेशान करने के अलावा कोई काम नहीं है.

गौरतलब है कि 64 वर्षीय मौलाना कलीम सिद्दीकी मंगलवार शाम सात बजे बाकी साथी मौलानाओं के साथ मेरठ के लिसाड़ीगेट में हूमायुंनगर की मस्जिद माशाउल्लाह के इमाम शारिक की रिहाइश पर एक प्रोग्राम में शिरकत के लिए आए थे. करीब रात नौ बजे इशा की नमाज के बाद वह अपने साथियों के साथ कार में फुलत के लिए निकले थे.

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संदिग्ध गतिविधि के चलते सिद्दीकी सुरक्षा एजेंसी के निशाने पर थे. मौलाना के मेरठ आने की जानकारी एजेंसी को पहले से थी. उन पर कई धर्मांतरण कराने के आरोप हैं.

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