लखनऊ: उत्तरप्रदेश में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार के चार साल पूरे हो गए हैं. इन चार सालों में लोगों ने योगी आदित्यनाथ के तेज तर्रार रूप को देखा. यूपी में बीते चार सालों को एक तरफ विपक्ष नाकाम साबित करने में जुटा है तो दूसरी तरफ पूरी भाजपा इन चार सालों को ऐतिहासिक साबित करने में जुटी है.
योगी सरकार ने जो काम कोरोना काल में किया उसकी तारीफ पूरे देश में हुई. योगी आदित्यनाथ ही पहले मुख्यमंत्री थे जिन्होंने सबसे पहले कोटा में फंसे छात्रों को सकुशल घर भेजने का प्रबंध किया था. इसके अलावा उन्होंने दूसरे राज्यों में फंसे मजदूरो को भी घर भेजने के लिये बेहतरीन काम किया. साथ ही योगी आदित्यनाथ की सरकार ने लव जिहाद रोकने के लिए एक कानून भी बनाया है. भाजपा इस कानून को अपनी सरकार की बड़ी सफलताओं में से एक बता रही है. लव जिहाद विरोधी कानून अखिलेश यादव और विपक्षी दलों को समाजविरोधी लग रहा है.
अपराधियों के एनकाउंटर पर विपक्ष ने अठाए सवाल
योगी सरकार ने सत्ता में आने के बाद कानून व्यवस्था सुधारने में बहुत काम किया. सरकार ने आपराधिक प्रवृत्ति के लोगों पर शिकंजा कसते हुए उन्हें गिरफ्तार करने के आदेश पुलिस को दिए जिसमें कई अपराधियों का एनकाउंटर भी करना पड़ा.
2017 में 28, 2018 में 41, 2019 में 34, 2020 में 26 और 2021 में अब तक 6 अपराधी मारे जा चुके हैं. इनामी अपराधियों में सबसे ज्यादा 50 हजार के 46, 25 हजार के 20, 1 लाख के 18 अपराधी मारे गए. मारे गए अपराधियों के साथ 2900 अपराधी घायल भी हुए. और इस मुठभेड़ में 14 पुलिसकर्मी शहीद भी हुए.
ये भी पढ़ें- UP में चला योगी का जादू, बने सबसे ज्यादा दिन तक शासन करने वाले भाजपाई मुख्यमंत्री
शिक्षा और स्वास्थ्य के लिये कई योजनाएं
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने केंद्र और राज्य की योजनाओं का उपयोग आबादी के एक बड़े हिस्से को अस्थायी सहायता प्रदान करने के लिए किया, जो अपने गृह राज्य में चले गए थे. यह राहत वित्तीय सहायता और मुफ्त भोजन के रूप में थी. प्रवासन ने एक और समस्या बेरोजगारी पैदा कर दी. योगी आदित्यनाथ ने समस्या को हल करने के लिए वन डिस्ट्रिक्ट वन प्रोडक्ट की अपनी प्रमुख योजना का प्रभावी ढंग से उपयोग किया.
ओडोओपी, एमएसएमई क्षेत्र से सहायता प्राप्त करने के साथ, राज्य में सबसे बड़ी ड्राइविंग फोर्स बनकर उभरी. इसकी सहायता से पारंपरिक और शिल्प कला को काफी ऊंचाई मिली. योगी सरकार ने मुख्य रूप से शिक्षा, स्वास्थ्य और बुनियादी ढांचे के विकास पर ध्यान केंद्रित किया है. शिक्षा की गुणवत्ता बढ़ाने के लिए कई कदम उठाए गए.
1 लाख 30 हजार से ज्यादा सरकारी शिक्षकों की भर्ती
योगी सरकार ने निष्पक्ष और पारदर्शी प्रक्रिया के तहत 1.30 लाख से अधिक शिक्षकों की भर्ती की. हालांकि विपक्षी दलों ने इस भर्ती प्रकिया पर भी सवाल खड़े किये. योगी सरकार ने शिक्षक भर्ती परीक्षा अनिवार्य कर दी है.
अब तक 1.35 लाख प्राथमिक स्कूलों का कायाकल्प किया गया है और बुनियादी सुविधाओं से लैस किया गया है. माता-पिता को प्रेरित करने और ड्रॉपआउट दर को कम करके बच्चों का नामांकन किया गया है.
ये भी पढ़ें- रविशंकर प्रसाद बोले, 'इंटरनेट साम्राज्यवाद' स्वीकार नहीं, 24 घंटे में हटानी होंगी महिलाओं की नग्न तस्वीरें
4 साल में कई नये विद्यालयों की स्थापना
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व वाली सरकार ने 3 राज्य विश्वविद्यालय, 51 नए सरकारी कॉलेज, 194 नए सरकारी माध्यमिक विद्यालय, 28 इंजीनियरिंग कॉलेज, 26 पॉलिटेक्निक, 79 आईटीआई, 248 इंटर कॉलेज और 771 कस्तूरबा विद्यालय योगी शासन में स्थापित किए गए हैं. 28 नए निजी विश्वविद्यालयों की मान्यता प्रक्रियाधीन है. हर अनरिज्वर्ड विभाग में एक राज्य विश्वविद्यालय खोला जाना है और गोरखपुर में एक नया सैनिक स्कूल स्थापित किया जाएगा.
मजदूरों के बच्चों की मुफ्त शिक्षा के लिए 18 मंडलों में अटल आवासीय विद्यालय स्थापित किए गए हैं. एक और प्रयास में, प्रतियोगी परीक्षाओं में बैठने वाले छात्रों के लिए मुफ्त कोचिंग के लिए अभ्युदय योजना शुरू की गई है. योजना के पहले चरण में 52,000 से अधिक उम्मीदवारों को पंजीकृत किया गया है. उत्तर प्रदेश में स्वास्थ्य के बुनियादी ढांचे का विकास एक अभूतपूर्व गति के साथ योगी के कार्यकाल के दौरान किया गया था.
ये भी पढ़ें- टीवी के 'राम' अरुण गोविल ने थामा बीजेपी का दामन
प्रत्येक दिन 1.75 लाख कोविड टेस्ट करके उत्तर प्रदेश देश में सबसे आगे था. देश का सबसे बड़ा प्लाज्मा बैंक लखनऊ में स्थापित किया गया. पूरे राज्य में 64,000 से अधिक कोविड हेल्प डेस्क भी स्थापित किए गए. बुनियादी ढांचे के विकास में, राज्य सरकार रेल, सड़क और हवाई संपर्क का बड़े पैमाने पर विकास सुनिश्चित कर रही है.
4 साल पूरे होने पर भव्य कार्यक्रम मनाएगी योगी सरकार
उत्तर प्रदेश में योगी आदित्यनाथ सरकार के चार साल शुक्रवार को पूरे हो रहे हैं. इसको लेकर सरकार सुधार, प्रदर्शन, परिवर्तन की थीम पर कई आयोजन करने जा रही है, जो हफ्ते भर चलेगा. उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव आर.के. तिवारी ने सभी जिलों को इन कार्यक्रमों को लेकर निर्देश जारी किए हैं.19 मार्च को सभी जिलों और सभी विधानसभा क्षेत्रों में प्रभारी मंत्री, विधायक और सांसद योगी सरकार के 4 साल पर होने वाले कार्यक्रमों में शामिल होंगे. 23 मार्च को 3051 जिला पंचायत वार्ड में युवा सम्मेलन का कार्यक्रम आयोजित होगा.
20 मार्च को विधायकों और विभागों द्वारा विधानसभा क्षेत्र में विकास कार्यों का शिलान्यास और लोकार्पण कार्यक्रम होंगे. यही नहीं, जहां भाजपा के विधायक नहीं है वहां सांसद और एमएलसी रहेंगे. 21 मार्च को किसानों के बीच जाएंगे. 826 ब्लॉक में कार्यक्रम होंगे किसानों को बताया जाएगा कि उनके लिए सरकार ने क्या किया है? साथ ही नगर निगम, नगरपालिका और नगर पंचायत में आत्मनिर्भर भारत और उत्तर प्रदेश का कार्यक्रम होगा.
विपक्षी दल योगी सरकार पर हमलावर
योगी सरकार अपने 4 सालों को क्रांतिकारी बता रही है और पूर्ववर्ती सरकारों से बेहतर काम करने का दावा कर रही है. दूसरी तरफ सपा के नेताओं का कहना है कि योगी सरकार में कानून व्यवस्था की बुरी हालत है. विकास दुबे का एनकाउंटर, हाथरस और उन्नाव में हुई बलात्कार की घटनाएं भाजपा सरकार की असफलता को दर्शाती हैं.
ये भी पढ़ें- जानिए क्या है रिप्ड जींस विवाद, इस कारण भड़क पड़ीं महिलाएं
योगी आदित्यनाथ सरकार जबरन होने वाले धर्मांतरण के खिलाफ उत्तर प्रदेश विधि विरुद्ध धर्मांतरण प्रतिषेध अध्यादेश-2020 लेकर आई है. इसे भी सपा समाजविरोधी बता रही है. अखिलेश यादव और कांग्रेस का कहना है कि लव जिहाद के बहाने योगी सरकार मुस्लिम समुदाय को निशाना बना रही है. अखिलेश यादव राज्य में पुलिस और प्रशासन की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े कर रहे हैं.
Zee Hindustan News App: देश-दुनिया, बॉलीवुड, बिज़नेस, ज्योतिष, धर्म-कर्म, खेल और गैजेट्स की दुनिया की सभी खबरें अपने मोबाइल पर पढ़ने के लिए डाउनलोड करें ज़ी हिंदुस्तान न्यूज़ ऐप.