आगरा नहीं अग्रवन कहिए, अलीगढ़ नहीं हरिगढ़ को जाइए

उत्तरप्रदेश सरकार प्रदेश के दो विरासती शहरों के नाम बदलने का फैसला कर सकती है. दुनिया का सात अजूबों में शामिल आगरा और अलीगढ़ का नाम बदलने की पूरी तैयारी कर ली गई है. आगरा को अब अग्रवन के नाम से जाना जाएगा. वहीं अलीगढ़ को हरिगढ़ के नाम से. 

Written by - Zee Hindustan Web Team | Last Updated : Nov 19, 2019, 06:12 PM IST
    • इतिहासकारों ने बताया पौराणिक नामों का रहस्य
    • मुगलकाल में नाम पड़ा आगरा
    • अब योगी सरकार कर रही नामकरण
    • अलीगढ़ का नाम बदलने की पहले भी हुई कोशिश
आगरा नहीं अग्रवन कहिए, अलीगढ़ नहीं हरिगढ़ को जाइए

लखनऊ: उत्तरप्रदेश की योगी सरकार ने आगरा के पौराणिक नाम के हिसाब से ही नए नाम को रखने का फैसला किया है. इसके लिए बकायदा अंबेडकर विश्वविद्यलय की ओर से शोध कराए गए थे. इस शोध में आगरा के पुराने नाम का पता लगाने की कोशिश की गई थी. इसके लिए जिला प्रशासन ने कुलपति को पत्र मिला था, जिसमें कहा गया है कि आगरा का नाम अगर पहले कुछ था तो इस विषय़ में शोध करके प्रमाण उपलब्ध कराया जाए.

इतिहासकारों ने बताया पौराणिक नामों का रहस्य

विश्वविद्यालय ने एक टीम का गठन किया. इसमें इसके नाम का पता लगाया गया. इतिहासकारों के मुताबिक महाभारत काल में आगरा को अग्रवन या अंगिरा के नाम से जाना जाता था, क्योंकि इस नगर का संबंध महर्षि अंगिरा से रहा है. प्राचीन काल में ब्रज मंडल में अग्रवन, वृंदावन, निधि वन समेत कई वन थे. अग्रवन नाम ही आगे चलकर आगरा बना.

मुगलकाल में नाम पड़ा आगरा

अब का आगरा सल्तनत कालीन शासकों का बसाया शहर है. इसे लोदी वंश के सिकंदर लोदी ने 1506 ई. में बसाया था. आगरा 1526 से 1658 तक मुगल साम्राज्य की राजधानी रहा है. इस दौरान आगरा में ताज महल, लाल किला, फतेहपुर सीकरी सहित कई विश्वस्तरीय स्थलों का निर्माण हुआ. मुगलकाल में ही आगरा में रामबाग, महताब बाग सरीखे कई बागों का निर्माण कराया गया. ये सभी बाग चौकोर बनवाये गये जो नक्काशी में काफी खूबसूरत नमूना है. हालांकि, मुगलकालीन निर्माणों में सबसे प्रमुख ताजमहल का जादू आज भी पूरी दुनिया पर चलता है

अब योगी सरकार कर रही नामकरण

लेकिन अब यूपी की योगी सरकार इस शहर का नाम बदलने की तैयारी में है. हालांकि, यह पहला मौका नहीं है जब किसी शहर का नाम बदला जा रहा हो. इससे पहले भी योगी सरकार के सत्ता में आने के बाद तो प्रदेश में लगातार नाम बदले जा रहे हैं. इलाहाबाद का नाम बदलकर प्रयागराज, मुगलसराय का नाम बदल कर दीनदयाल उपाध्याय और फैजाबाद का नाम अयोध्या रखा गया है. इतना ही नहीं चंदौली जिले का नाम बदलने की रिपोर्ट भी शासन को भेजी जा चुकी है. हालांकि इस पर अभी कोई फैसला नहीं हुआ है. 

अलीगढ़ का नाम बदलने की पहले भी हुई कोशिश

इसके पहले अलीगढ़ का नाम बदलकर हरिगढ़ रखने की कवायद 1992 में प्रदेश के तत्कालीन मुख्यमंत्री कल्याण सिंह भी कर चुके हैं. हालांकि, केंद्र में कांग्रेस की सरकार रहते वह ऐसा कर पाने में सफल न हो सके. कहा जाता है कि पुराने समय में अलीगढ़ का नाम हरिगढ़ ही था जिसे मुगल काल में बदलकर अलीगढ़ कर दिया गया. शहरों और जगहों के नाम बदलने की प्रक्रिया कोई नई नहीं है, लेकिन ऐतिहासिक स्थलों के नाम बदलने से उससे जुड़ी पहचान के खोने का डर बना रहता है.

 

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