कोरोना संकट के बीच योगी सरकार चलाएगी विधानसभा, 20 अगस्त से शुरू होगा सत्र

देश भर में कोरोना का संक्रमण फैल रहा है लेकिन केंद्र सरकार ने दैनिक काम करने और आवाजाही की छूट दे दी है. कई कंपनियों ने काम करना शुरू कर दिया है. इसे देखते हुए उत्तरप्रदेश में योगी आदित्यनाथ की सरकार ने विधानसभा सत्र चलाने का फैसला किया है.

Written by - Zee Hindustan Web Team | Last Updated : Aug 9, 2020, 07:01 PM IST
    • कोरोना संकट के बीच योगी सरकार चलाएगी विधानसभा
    • महज तीन दिनों का होगा ये सत्र
    • सोशल डिस्टेनसिंग का रखा जाएगा ख्याल
कोरोना संकट के बीच योगी सरकार चलाएगी विधानसभा, 20 अगस्त से शुरू होगा सत्र

लखनऊ: उत्तरप्रदेश में 20 अगस्त से विधानसभा का सत्र शुरू हो रहा है. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने फैसला किया है कि विधानसभा में सामाजिक दूरी का पालन करने के लिए विधायक एक एक सीट छोड़कर बैठेंगे. आपको बता दें कि केंद्र सरकार ने पूरे देश को अनलॉक कर दिया है. फैक्टरियों, कंपनियों और छोटे उद्योगों ने कामकाज शुरू कर दिया है इसलिए विधायी कार्य करने के लिए योगी सरकार ने विधानसभा भी खोलने का निर्णय लिया है.

महज तीन दिनों का होगा ये सत्र

आपको बता दें कि उत्तर प्रदेश विधानसभा का मानसून सत्र 20 अगस्त से शुरू होगा. हालांकि कोरोना के चलते विधानसभा सत्र काफी छोटा होगा. जानकारी के मुताबिक महज तीन दिनों का यह सत्र होगा और सिर्फ जरूरी कामकाज निपटाए जाएंगे. इस सत्र में सदस्यों के बैठने की जगह भी पहले से अलग होगी.

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सोशल डिस्टेनसिंग का रखा जाएगा ख्याल

देश में मौजूदा समय में लगातार 60 हजार से अधिक केस बढ़ रहे हैं. ऐसे में सोशल डिस्टनसिंग का पालन करना बहुत आवश्यक है. कोरोना महामारी और बढ़ते संक्रमित मामलों को देखते हुए इस विधानसभा सत्र में सोशल डिस्टेंसिंग का खास ख्याल रखा जा रहा है. गौरतलब है कि विधानसभा सत्र के दौरान हर एक सीट छोड़कर बैठने की व्यवस्था की जाएगी. हालांकि इस बार दर्शक दीर्घा नहीं होगी.

कई महत्वपूर्ण बिल पास करवाने की तैयारी

आपको बता दें कि योगी आदित्यनाथ सरकार इस विधानसभा सत्र में कई महत्वपूर्ण कानून पारित करवाना चाहती है. साथ ही कई अहम अध्यादेशों की अवधि भी समाप्त हो रही है जिन्हें सदन से पास करवाना महत्वपूर्ण है अन्यथा ये अमान्य हो जाएंगे. विधायकों के बैठने की सीटिंग अरेंजमेंट की जा सके. वहीं पूर्व सांसदों-विधायकों के स्थायी पास निरस्त रहेंगे. बता दें कि संवैधानिक प्रावधानों के मुताबिक 6 महीने के भीतर विधानसभा का सत्र बुलाना जरूरी होता है.

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