नई दिल्ली: देश में इस बार 'बुलबुल' कयामत का पैगाम लेकर आई है. 15 शहरों पर इस महातूफान का काला साय मंडरा रहा है. समंदर के रास्ते तबाही की दस्तक से पहले पुलिस और NDRF की टीम ने मोर्चा संभाल लिया है. और इस कसरत का सिर्फ एक मकसद है आने वाले महातूफान से बचाना.
पश्चिम बंगाल में बुलबुल का कहर
बंगाल की खाड़ी से उठा चक्रवात 'बुलबुल' ओडिशा से पश्चिम बंगाल की ओर बढ़ गया है. पश्चिम बंगाल में डायमंड हार्बर के करीब इस तूफान ने दस्तक दे दी है. इसके चलते तेज हवा के साथ आफत की बारिश ने लोगों की मुश्किलें बढ़ा दी हैं. ओडिशा और पश्चिम बंगाल के तटीय इलाकों में 80 से 90 किमी प्रति घंटे की रफ्तार की हवाओं के साथ भारी बारिश हो रही है. कोलकाता के कई हिस्सों में बुलबुल तूफान के चलते तेज हवाओं के साथ भारी बारिश हुई, कई पेड़ उखड़ गए जिस वजह से सड़क का संपर्क टूट गया.
West Bengal: Stormy winds in South Kolkata uproots trees, damages hoardings. #CycloneBulbul pic.twitter.com/fN4Rr0lsCv
— ANI (@ANI) November 10, 2019
'बुलबुल' तूफान शनिवार रात पश्चिम बंगाल के सागर आईलैंड, ओडिशा के भद्रक और बांग्लादेश के खेपूपाड़ा तट से टकराया. इसके साथ ही अगले 36 घंटों में मेघालय, मिजोरम और असम में हल्की बारिश होने की संभावना है.
तूफान को देखते हुए शनिवार को कोलकाता के नेताजी सुभाष चंद्र बोस हवाईअड्डे पर 12 घंटे के लिए उड़ानों पर रोक लगा दी गई. और किसी भी संकट से निपटने के लिए राज्य में एनडीआरएफ की 35 टीमें तैनात की गई हैं.
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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्वीट कर ये जानकारी दी है कि उन्होंने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री से बात कर हालात की जानकारी ली है. और हर संभव मदद का आश्वासन दिया है.
Reviewed the situation in the wake of cyclone conditions and heavy rain in parts of Eastern India.
Spoke to WB CM @MamataOfficial regarding the situation arising due to Cyclone Bulbul. Assured all possible assistance from the Centre. I pray for everyone’s safety and well-being.
— Narendra Modi (@narendramodi) November 10, 2019
बुलबुल तूफान सुंदरबन नेशनल पार्क से 30 किमी दक्षिण पश्चिम की ओर बंगाल के तटीय इलाकों के ऊपर से गुजरा. जिस वजह सुंदरबन इलाके में रात भर बारिश हुई जिससे जनजीवन अस्त-व्यस्त हो चुका है.
राहत सामाग्री का वितरण
जानकारी के मुताबिक इस चक्रवाती तूफान से पश्चिमबंगाल में अबतक 6 लोगों की जान जा चुकी है. जबकि इससे 2 लाख 97 हजार लोग प्रभावित हैं. दूसरी ओर प्रशासन की तरफ से राहत और बचाव कार्य युद्ध-स्तर पर चल रहा है. प्रभावित इलाकों से लोगों को निकालकर राहत शिविर में पहुंचाया जा रहा है. और प्रभावित लोगों को राहत सामग्री बांटी जा रही है.
Javed Khan, Disaster Management Minister, West Bengal: Around 2 lakh 97 thousand people have been affected. Six deaths have taken place; five in North 24 Parganas and one in South 24 Parganas. #BulBulCyclone pic.twitter.com/h4Vgf5BFZQ
— ANI (@ANI) November 10, 2019
तूफान से बचने के तरीके
बुलबुल तूफान के मद्देनजर मौसम विभाग ने मछुआरों को समंदर किनारे ना जाने की सलाह दी है. पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी खुद हालात पर नजर बनाए हुए हैं. ओडिशा सरकार ने भी सभी जिला प्रशासन को सतर्कता बरतने के निर्देश दिए हैं. करीब 15 जिलों से कहा गया है कि वे बाढ़ जैसे हालात का सामना करने के लिए तैयारी करें. इससे पहले कैबिनेट सचिव राजीव गौबा की अगुवाई वाली राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन समिति ने भीषण तूफान 'बुलबुल के मद्देनजर राहत और बचाव अभियानों की तैयारियों का जायजा लेने के लिए शुक्रवार को बैठक की थी. बैठक के दौरान कैबिनेट सचिव ने केन्द्रीय एजेंसियों को राज्य सरकारों को तत्काल सहायता देने का निर्देश दिया है.
जब-जब इस तरह के चक्रवाती तूफान आते हैं. सिर्फ विनाशलीला ही करते हैं. इससे पहले जब ओडिशा में फेनी तूफान ने दस्तक दी थी. तो हर तरफ तबाही के निशान छोड़ गया. फेनी के फन कुचलने के लिए युद्ध स्तर पर कोशिशें नाकाम साबित हुई और इस सुनामी ने कई लोगों की जान ली थी. आपको बता दें कि भारत और दुनिया भर के तटीय इलाके हमेशा चक्रवाती तूफानों से लड़ते रहते हैं. और शहरों की सूरत बिगाड़कर चले जाते हैं.