जम्मू. जम्मू-कश्मीर के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) दिलबाग सिंह ने मंगलवार को जम्मू में एक उच्च स्तरीय अपराध समीक्षा बैठक की अध्यक्षता करते हुए कहा कि केंद्र शासित प्रदेश में शांति और स्थिरता को मजबूत करने के लिए और प्रयास किए जाने की जरूरत है. वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों की एक बैठक को संबोधित करते हुए डीजीपी ने कहा कि पुलिस और अन्य सुरक्षा बलों के संयुक्त प्रयासों से हमने जम्मू-कश्मीर में सक्रिय आतंकवादियों की संख्या कम कर दी है.
रणनीतिक रूप से नियोजित अंतिम हमले की आवश्यकता
उन्होंने कहा, "आतंक मुक्त जम्मू और कश्मीर की ओर मार्च करने के लिए रणनीतिक रूप से नियोजित अंतिम हमले की आवश्यकता है.' केंद्रशासित प्रदेश जम्मू और कश्मीर में सुरक्षा की स्थिति में पिछले तीन वर्षों के दौरान उल्लेखनीय सुधार हुआ है.
'कश्मीर में बंद बुलाने की संस्कृति लगभग पूरी तरह से समाप्त'
वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा कि कश्मीर में बंद बुलाने की संस्कृति लगभग पूरी तरह से समाप्त हो गई है. डीजीपी ने आतंकी पारिस्थितिकी तंत्र को ध्वस्त करने के लिए हर संभव प्रयास करने पर जोर दिया, जो आतंकवादी रैंकों को ऑक्सीजन प्रदान कर रहा है.
आतंक के खिलाफ लगातार अभियान चला रहे सुरक्षा बल
डीजीपी ने अधिकारियों को उनकी संवेदनशीलता के आधार पर लंबित प्रकरणों का यथाशीघ्र निस्तारण करने का निर्देश दिया. बता दें कि बीते समय में भारतीय सुरक्षा बलों ने कश्मीर में आतंकी संगठनों की कमर तोड़कर कर रख दी है. कश्मीर में आतंक के खिलाफ लगातार अभियान चलाए गए हैं और कई बड़े कमांडर्स को सुरक्षा बलों ने ढेर किया है.
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