कोलकाता: बंगाल सरकार और केंद्र सरकार के बीच टकराव बढ़ता जा रहा है. मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने मास्टरस्ट्रोक चलते हुए मुख्य सचिव अलापन बंदोपाध्याय को अपना मुख्य सलाहकार नियुक्त कर दिया.
केंद्र की मोदी सरकार को चुनौती देने के लिए ममता बनर्जी ने ये चाल चली है. पश्चिम बंगाल के मुख्य सचिव को लेकर केंद्र सरकार और ममता बनर्जी सरकार के बीच चल रहे गतिरोध में ये सबसे बड़ी खबर है.
बंदोपाध्याय को बनाया मुख्य सलाहकार
ममता सरकार और केंद्र की मोदी सरकार के बीच विवाद में फंसे पश्चिम बंगाल के मुख्य सचिव आलापन बनर्जी सोमवार को रिटायर हो गए. लेकिन इसी के साथ मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने उन्हें 3 साल के लिए अपना मुख्य सलाहकार नियुक्त कर दिया है.
हरिकृष्ण द्विवेदी राज्य के नए मुख्य सचिव
मोदी सरकार से लोहा लेने के लिए ममता बनर्जी ने ये बड़ी चल चली है. अलापन बंदोपाध्याय को केंद्र सरकार कई बार तलब कर चुकी है लेकिन ममता बनर्जी के अड़ियल रवैये की वजह से उन्होंने बंदोपाध्याय को दिल्ली नहीं भेजा.
मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने स्वयं इसकी घोषणा करते हुए कहा कि आलापन कोविड-19 महामारी से निपटने में राज्य सरकार की मदद करेंगे. हरिकृष्ण द्विवेदी को राज्य का नया मुख्य सचिव बनाया गया है.
केंद्र सरकार ने किया था तलब
गौरतलब है कि मोदी सरकार के कार्मिक मंत्रालय ने 28 मई को आलापन को निर्देश दिया था कि वे 31 मई की सुबह 10 बजे नॉर्थ ब्लॉक स्थित कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग में रिपोर्ट करें. केंद्र का यह निर्देश प्रधानमंत्री के ओडिशा और बंगाल दौरे के बाद जारी किया गया.
सोमवार सुबह ममता ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र भेजकर मुख्य सचिव को दिल्ली बुलाने के फैसले पर दोबारा विचार करने का आग्रह किया, खास कर तब जब हफ्ते भर पहले ही उन्हें तीन महीने का एक्सटेंशन दिया गया था.
ममता बनर्जी ने बंदोपाध्याय को दिल्ली तलब करने वाली घटना को अपने स्वाभिमान से जोड़ लिया. इसलिए उन्होंने मोदी सरकार को चैलेंज देने के लिए पूर्व मुख्य सचिव अलापन बंदोपाध्याय को जबरन रिटायर करके मुख्य सलाहकार नियुक्त कर दिया.
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