कोरोना के कारण भारत की अर्थव्यवस्था पर क्या पड़ेगा प्रभाव, विश्व बैंक का ये है अनुमान

कोरोना वायरस की वजह से पूरी दुनिया पर गंभीर संकट है. इस बीच कई वैश्विक संस्थान अर्थव्यवस्था में भारी गिरावट की आशंका भी जता रहे हैं. माना जा रहा है कि कोरोना वायरस की वजह से विश्व के कारोबार पर प्रतिकूल असर पड़ रहा है.

Written by - Zee Hindustan Web Team | Last Updated : Apr 12, 2020, 10:10 PM IST
    • रिपोर्ट में कहा गया है कि 2020-21 तुलनात्मक आधार पर अर्थव्यवस्था की वृद्धि दर में भारी गिरावट आएगी
    • भारत को विश्व बैंक ने मदद करने का प्रस्ताव किया है. विश्व बैंक भारत को 76 अरब रुपये की मदद करने जा रहा है.
कोरोना के कारण भारत की अर्थव्यवस्था पर क्या पड़ेगा प्रभाव, विश्व बैंक का ये है अनुमान

नई दिल्ली: चीन के झूठ और साजिश का परिणाम दुनिया के कई देश भुगत रहे हैं. कोरोना वायरस का प्रकोप दुनिया के 200 से भी अधिक देशों तक पहुंच गया है. विश्व बैंक ने इस वैश्विक महामारी से दुनिया और भारत की अर्थव्यवस्था पर पड़ने वाले प्रभाव को रेखांकित किया है. अनुमान है कि इस वायरस की वजह से भारत की आर्थिक वृद्धि दर पर बुरा असर पड़ सकता है. विश्व के अनुसार दक्षिण एशिया के सभी देश इससे प्रभावित होंगे.

आर्थिक वृद्धि दर में गिरावट सम्भव

आपको बता दें कि विश्व बैंक ने 'दक्षिण एशिया की अर्थव्यवस्था पर ताजा अनुमान कोविड-19 का प्रभाव' नामक रिपोर्ट में कहा है कि 2019-20 में भारतीय अर्थव्यवस्था की वृद्धि दर घटकर 5 प्रतिशत रह जाएगी.

रिपोर्ट में कहा गया है कि 2020-21 तुलनात्मक आधार पर अर्थव्यवस्था की वृद्धि दर में भारी गिरावट आएगी और यह घटकर 2.8 प्रतिशत रह जाएगी. हालांकि विश्व बैंक ने भारत सरकार के प्रयासों की भी सराहना की है.

कारोबार ठप होने से पड़ रहा बुरा असर

विश्व बैंक की ताजा रिपोर्ट में कहा गया है कि क्षेत्र के आठ देशों की अर्थव्यवस्थाओं में जोरदार गिरावट आएगी. दक्षिण एशिया क्षेत्र में आर्थिक गतिविधियां ठप हैं, व्यापार में नुकसान हो रहा है और वित्तीय और बैंकिंग क्षेत्र दबाव में हैं. रिपोर्ट में चेताया गया है कि दक्षिण एशियाई क्षेत्र को कोविड-19 की वजह से बड़ा झटका लगेगा. क्षेत्र को गरीबी उन्मूलन में जो भी लाभ हुआ है वह समाप्त हो जाएगा.

विश्व बैंक ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि कि 2019-20 में क्षेत्र की वृद्धि दर घटकर 1.8 प्रतिशत से 2.8 प्रतिशत के बीच रह जाएगी. छह माह पहले विश्व बैंक ने क्षेत्र की वृद्धि दर 6.3 प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया था. विश्व बैंक का कहना है कि 2020-21 में भी दक्षिण एशिया की वृद्धि पर इसका असर बना रहेगा. इस दौरान यह 3.1 से 4 प्रतिशत के बीच रहेगी. पहले विश्व बैंक ने इसके 6.7 प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया था.

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विश्व बैंक भारत को दे चुका है 1 अरब डॉलर का फंड

उल्लेखनीय है कि भारत को विश्व बैंक ने मदद करने का प्रस्ताव किया है. विश्व बैंक भारत को 76 अरब रुपये की मदद करने जा रहा है. विश्व बैंक की मदद से मिलने वाले रकम से कोरोना वायरस रोगियों की बेहतर जांच, संपर्क का निरीक्षण और प्रयोगशाला निदान जैसे काम किये जा सकेंगे.

आपको बता दें कि विश्व बैंक से मिलने वाली मदद का उपयोग व्यक्तिगत सुरक्षा उपकरणों की खरीद और देश के विभिन्न अस्पताल में नए अलग वार्ड की स्थापना के लिए भी किया जाएगा.

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