Corona से हो चुके हैं संक्रमित तो ठीक होने के छह महीने तक न लगवाएं टीका:NTAGI

राष्ट्रीय टीकाकरण तकनीकी सलाहकार ने कोविड रोधी कोविशील्ड टीके की दो खुराकों के बीच अंतर बढ़ाकर 12-16 हफ्ते करने की सिफारिश की है. हालांकि समूह ने कोवैक्सीन की खुराकों के लिए बदलाव की सिफारिश नहीं की गई है.

Written by - Zee Hindustan Web Team | Last Updated : May 13, 2021, 01:20 PM IST
  • स्तनपान करवाने वाली महिलाएं बच्चे के जन्म के बाद कभी भी लगवाएं टीका
  • कोविशील्ड टीके की दो खुराकों के बीच 12-16 हफ्ते के फासले की सिफारिश
Corona से हो चुके हैं संक्रमित तो ठीक होने के छह महीने तक न लगवाएं टीका:NTAGI

नई दिल्ली: Corona से मचे हाहाकार और इसके बचाव के लिए जारी टीकाकरण के बीच एक बड़ी खबर सामने आई है.  सरकार के राष्ट्रीय टीकाकरण तकनीकी सलाहकार समूह (एनटीएजीआई) टीकाकरण को लेकर खास सिफारिश की है. उन्होंने सरकार से कहा है कि Covid-19 रोधी कोविशील्ड टीके की दो खुराकों के बीच अंतर बढ़ाकर 12-16 हफ्ते कर दिए जाएं. 

कोवैक्सीन को लेकर नहीं की सिफारिश
जानकारी के मुताबिक, सरकार के विशेष पैनल ऑक्सफोर्ड-एस्ट्राजेनेका की कोविशील्ड वैक्सीन की दो खुराक दिए जाने के बीच अंतर बढ़ाने पर विचार कर रहा है.

राष्ट्रीय टीकाकरण तकनीकी सलाहकार ने कोविड रोधी कोविशील्ड टीके की दो खुराकों के बीच अंतर बढ़ाकर 12-16 हफ्ते करने की सिफारिश की है. हालांकि कोवैक्सीन की खुराकों के लिए बदलाव की सिफारिश नहीं की गई है.

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स्तनपान करने वाली महिलाएं कभी भी लगवाएं टीका
समूह का यह भी कहना है कि गर्भवती महिलाओं को Covid-19 का कोई भी टीका लगवाने का विकल्प दिया जा सकता है और स्तनपान करवाने वाली महिलाएं बच्चे को जन्म देने के बाद किसी भी समय टीका लगवा सकती हैं.

संक्रमण से ठीक होने के 6 महीने तक टीकाकरण न लगवाएं
NTAGI ने यह भी कहा है कि जो लोग कोरोना से पीड़ित रह चुके हैं और जांच में उनके संक्रमित होने की पुष्टि हुई है उन लोगों को ठीक होने के बाद छह महीने तक टीकाकरण नहीं करवाना चाहिए.

अभी फिलवक्त में कोविशील्ड टीके की दो खुराकें चार से आठ हफ्ते के अंतराल पर दी जाती हैं. एनटीएजीआई के सुझाव टीकाकरण को देखने वाले कोविड संबंधी राष्ट्रीय विशेषज्ञ समूह को भेजे जाएंगे.

सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया कर रही कोविशील्ड का निर्माण
ऑक्सफोर्ड-एस्ट्राजेनेका की इस वैक्सीन का निर्माण सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया द्वारा किया जा रहा है. इस वैक्सीन को एडिनोवायरस को निष्क्रिय करके विकसित किया गया है. चिंपैजी में साधारण जुकाम करने वाले निष्क्रिय एडिनोवायरस के ऊपर SARS-CoV-2 की स्पाइन प्रोटीन का जेनेटिक मेटेरियल लगाकर तैयार किया गया है. 

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