भारत के दुश्मनों के लिए कितने खतरनाक हैं मार्कोस कमांडो? यहां होती है इंडियन नेवी के नौसैनिकों की ट्रेनिंग

Indian Navy: क्या आप जानते हैं कि इंडियन नेवी के नौसैनिकों का गुरुकुल कहां है? भारत के नौसैनिकों की ट्रेनिंग कहां पर होती है? भारतीय नौसेना के कमांडोज को मार्कोस (MARCOS) कहा जाता है. आपको इन कमांडोज की ताकत से परिचय कराते हैं, जब-जब देश पर आफत आई तो इन्होंने सफल ऑपरेशन को कैसे अंजाम दिया.

Written by - Ayush Sinha | Last Updated : Jun 19, 2025, 05:24 PM IST
    • नौसैनिकों को INA में दी जाती है ट्रेनिंग
    • एशिया की सबसे बड़ी एकेडमी है INA
भारत के दुश्मनों के लिए कितने खतरनाक हैं मार्कोस कमांडो? यहां होती है इंडियन नेवी के नौसैनिकों की ट्रेनिंग

Indian Marcos Commando: दुश्मनों के लिए इंडियन नेवी का नाम ही काफी है. लेकिन क्या आप जानते हैं कि जिस भारतीय नौसेना का नाम सुनते ही पाकिस्तान के हाथ पांव फूलने लगते हैं, उसके नौसैनिकों की ट्रेनिंग कहां होती है? नेवी के सबसे खतरनाक कमांडोज को मार्कोस (MARCOS) के नाम से जाना जाता है. इस स्पेशल कमांडो टुकड़ी ने कई अहम ऑपरेशंस को सफलतापूर्वक अंजाम दिया है. तो चलिए सबसे पहले ये जानते हैं कि भारतीय नौसैनिकों की ट्रेनिंग कहां होती है.

कहां होती है भारतीय नौसैनिकों की ट्रेनिंग
सवाल ये है कि इंडियन नेवी के नौसैनिकों की ट्रैनिंग कहां होती है? इसका जवाब है Indian Naval Academy यानि INA, जो भारत के केरल में स्थित है. ये अकादमी सिर्फ भारत ही नहीं बल्कि एशिया की सबसे बड़ी एकेडमी है. INA के पास 7 किलोमीटर का एक बीच भी है जहां सिर्फ नौसैनिकों को ट्रेनिंग दी जाती है. ट्रेनिंग के लिए इस एकेडमी में आधुनिक और बेहतर प्रोग्राम रखे गए हैं. कक्षा 12वीं और NDA की परीक्षा के बाद भारतीय नौसेना अकादमी (Indian Naval Academy) में एडमिशन लिया जा सकता है. भारतीय नौसेना की ट्रेनिंग को लेकर यदि बात करें तो एवरेस्ट से लेकर नॉर्थ पोल, साउथ पोल पर भी इंडियन नेवी ने सफल ट्रेनिंग और अभियान किये हैं.

इंडियन नेवी का अलग झंडा है. इंडियन नेवी के फ्लैग में सफेद रंग पर एक लाल रंग का क्रॉस है. अशोक स्तंभ का निशान इस झंडे के बीच में है, जबकि लेफ्ट साइड में तिरंगा झंडा बना है.

दुश्मनों के लिए कितने खतरनाक है मार्कोस कमांडो?
इंडियन नेवी के पास अपनी कमांडो फोर्स भी है. नेवी के कमांडोड को MARCOS कहा जाता है. मर्कोस यानि मरीन कमांडो फोर्स, जो नौसेना की स्पेशल कमांडो टुकड़ी है. 1987 में इस खास फोर्स को बनाया गया था. ऑपरेशन कैकटस, ऑपरेशन ब्लैक टॉरनेडो, करगिल युद्ध के दौरान ये कमांडोज दुश्मन को अपनी ताकत दिखा चुके हैं. भारतीय नौसेना के कमांडो बेहद भरोसेमंद होते हैं. इसलिए सबसे चुनौतीपूर्ण मिशन पर मार्कोज को भेजा जाता है. इन कमांडो से आतंकी घबराते हैं. मुंबई आतंकी हमले के समय भी मार्कोज कमांडो ने लोगों की जान बचायी थी. मार्कोस कमांडो को बहुत कठिन ट्रेनिंग दी जाती है. जिसे 90% लोग सिलेक्ट नहीं हो पाते और बाहर हो जाते हैं.

इंडियन नेवी ने कई सफल ऑपरेशन को दिया अंजाम
आजादी के बाद इंडियन नेवी ने कई सफल ऑपरेशन को अंजाम दिया है. ऑपरेशन राहत के तहत भारतीय सशस्त्र बलों ने 2015 में युद्ध में उलझे यमन से भारतीय और विदेशी नागरिकों को लोगों को सुरक्षित निकाला था. आईएनएस सुमित्रा को लोगों को सुरक्षित निकालने के लिए भेजा गया था. साथ ही आईएनएस मुंबई और आईएनएस तरकश को भी सुरक्षा के लिए भेजा गया था. इससे पहले 2006 में इजरायल और लेबनान के बीच युद्ध के माहौल में ऑपरेशन सुकून: के जरिए भारत, श्रीलंका और नेपाल के लोगों को बचाया था. 1999 में करगिल युद्ध के दौरान नौसेना के ऑपरेशन तलवार के तहत भारतीय नौसेना ने कराची पोर्ट के करीब पाकिस्तानी पोतों और नौकाओं के लिए संकट पैदा कर दिया था. ऑपरेशन कैक्टस, और ऑपरेशन ट्राइडेंट जैसे कई और सफल ऑपरेशंस को पूरा कर इंडियन नेवी ने अपना शौर्य दिखाया है.

भारतीय नौसेना कई सालों से देश के तटों की और समुद्री सीमा की रक्षा कर रही है. अंडमान-निकोबार में 2001 में एक कमांड बनाई गई जिसे नौसेना, वायुसेना, थलसेना और कोस्ट गार्ड मिलकर संभालते हैं. इसका नेतृत्व भारतीय नौसेना के वाइस एडमिरल ही करते हैं.

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