Operation keller meaning J&K: ऑपरेशन सिंदूर का कहर जारी है. भारतीय सेना ने पाकिस्तान में घुसकर आतंकियों की कमर तोड़ डाली. जिसके बाद पाकिस्तान आर्मी सहित आतंकियों के बीच बौखलाहट है. इस बीच, पाकिस्तान की शह पर पल रहे आतंकी, अभी सांस भी नहीं ले पाए कि भारतीय सेना ने एक और ऑपरेशन शुरू कर दिया. जिसका नाम 'ऑपरेशन केलर' दिया गया है. वहीं, लोगों ने 'ऑपरेशन सिंदूर' के नाम का कनेक्शन तो ढूंढ निकाला था, लेकिन 'केलर ऑपरेशन' के नाम को लेकर जिज्ञासा बढ़ गई. ऐसे में आइए इस ऑपरेशन के नाम को आसान भाषा में समझते हैं, और जानते हैं इस जगह को आतंकियों के लिए सेफजोन क्यों कहा जाता है.
13 मई को शुरू हुआ 'ऑपरेशन केलर'
इंडियन आर्मी आतंकियों के खिलाफ जीरो टॉलरेंस पॉलिसी के तहत कार्रवाई कर रही है. हाल ही में ऑपरेशन सिंदूर के कहर को दुनिया ने देखा. ऐसे में इंडियन आर्मी ने आतंक के खिलाफ एक नया 'केलर ऑपरेशन' शुरू किया है.
दरअसल, 13 मई की दोपहर ADGPI ने एक्स पर एक जानकारी दी. पोस्ट में लिखा- '13 मई 2025, राष्ट्रीय रायफल्स यूनिट को खुफिया सूत्रों से शोपियां के 'शोकल केलर' इलाके में आतंकियों के होने की जानकारी मिली. इसके बाद इंडियन आर्मी ने सर्च एंड डिस्ट्रॉय ऑपरेशन शुरू किया. ऑपरेशन के दौरान, आतंकियों ने भारी फायरिंग की. जिसकी जवाबी कार्रवाई में भारतीय सेना ने 3 कुख्यात आतंकियों को मार गिराया.' आगे यह भी लिखा- ऑपरेशन अभी भी जारी है.
क्या है 'केलर ऑपरेशन' का मतलब?
गूगल मैप पर Keller kashmir सर्च करते हैं, तो घने जंगलों से घिरा एक इलाका दिखाई देता है. जोकि जम्मू-कश्मीर के शोपियां जिले के शोकल केलर गांव में स्थित है. भारतीय सेना ने यहीं सर्च ऑपरेशन चलाया है. यह इलाका शोपियां से 13 किमी और श्रीनगर से करीब 48 किमी दूर है. इसे 'शुकरू जंगल' भी कहा जाता है. यहां आए दिन आतंकी गतिविधियों की खबरें आती रहती हैं. जो भारतीय सेना के लिए एक बड़ी सरदर्दी भी रही है. यही वजह कि भारतीय सेना ने इसके खात्मे के लिए ऑपरेशन किलर शुरू किया है, जोकि इस जंगल के नाम पर रखा गया है.
आतंकियों के लिए क्यों है सेफजोन?
दरअसल, केलर जंगल के पश्चिमी हिस्से में पीर पंजाल रेंज है. यह पहाड़ी रेंज पीओके और जम्मू कश्मीर दोनों के बीच फैली हुई है. जोकि बेहद दुर्गम और बर्फ की चादर से लिपटी हुई है. बर्फबारी के दौरान यहां बनाए गए बेड़े टूट जाते हैं. जिनके मरम्मत में काफी वक्त लगता है. यही वजह है कि पाक समर्थित आतंकी घुसपैठ के लिए इसे मुफीद मानते हैं.
वहीं पीर पंजाल से शोपियां जिला 140 किमी दूर है. यहीं पर बेहद घना 'केलर जंगल' भी है. जहां कुछ दसियों मीटर की दूरी के बाद, बमुश्किल ही दिखाई देता है. यहां कई प्राकृतिक गुफाएं भी है. जिसका इस्तेमाल आतंकी हाइडआउट्स के रूप में करते हैं.
अगर भगौलिक रूप से देखा जाए तो शोपियां एक मैदानी इलाका है. सेब के कई बागान हैं, और सड़कें भी दुरुस्त हैं. जिसके चलते यहां घनी आबादी बसी हुई है. यही वजह है कि एक बार आतंकी इधर आ गए. तो उन्हें ढूंढना बेहद मुश्किल हो जाता है. जिसके पीछे की सबसे बड़ी वजह स्थानीय अलगाववादियों का सपोर्ट भी माना जाता है. सर्च ऑपरेशन के दौरान वे जंगल में छिप जाते हैं. यही वजह है कि केलर जंगल को आतंकियों के लिए सेफजोन कहा जाता है.
तीन आतंकियों को मार गिराया
13 मई 2025 से शुरू हुए केलर ऑपरेशन के तहत, अब तक भारतीय सेना ने तीन आतंकियों को मार गिराया है. तीनों ही आतंकी शोपियां के रहने वाले थे. इन तीनों के तार पाक समर्थित आतंकी संगठन, लश्कर-ए-तैयबा से जुड़े थे. इनमें मारा गया पहला आतंकी 18 वर्षीय अदनान शफी डार था. जोकि शोपियां के जैनापोरा का रहने वाला था. इसने नवंबर 2024 को आतंकी गुट TRF जॉइन किया था.
वहीं, दूसरा आतंकी 27 वर्षीय आमिर अहमद डार था. यह शोपियां के दरमपोरा का रहने वाला था. जिसने सितंबर 2023 में लश्कर-ए-तैयबा जॉइन किया था. तीसरा आतंकी 27 वर्षीय शाहिद अहमद कुट्टी था. जोकि शोपियां के हीरपोरा का रहने वाला था. इसने मार्च 2023 में आतंकी गुट TRF जॉइन किया था.
गौरतलब है कि यह वही TRF आतंकी गुट है, जिसने पहलगाम आतंकी हमले की जिम्मेदारी ली थी. भारतीय सेना ने 14 मई को भी एक्स पर एक पोस्ट लिखा- 'केलर ऑपरेशन में मारे गए आतंकियों में LeT/TRF का एक लोकल कमांडर भी शामिल था. ऑपरेशन के दौरान एके सीरीज की कई राइफलें, भारी मात्रा में गोला-बारूद, ग्रेनेड और युद्ध से जुड़े अन्य सामान बरामद हुए हैं.
साथ ही, भारतीय सेना ने स्पष्ट किया है कि घाटी में शांति और आतंकियों के खात्मे के लिए 'ऑपरेशन केलर' जारी रहेगा.
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