Priya Jhingan: इंडियन आर्मी की पहली महिला ऑफिसर, जिसने सेना प्रमुख को चिट्ठी लिखकर बदलवाया फौज का नियम!

Priya Jhingan Life Story: इंडियन आर्मी में महिलाओं के लिए रास्ते खोलने वाली मेजर प्रिया झिंगन की आज भी मिसाल दी जाती है. प्रिया ने 1992 में महिलाओं के लिए सेना के दरवाजे खोले.

Written by - Zee Hindustan Web Team | Last Updated : Mar 8, 2025, 01:18 PM IST
  • एक चिट्ठी ने भारतीय सेना में महिलाओं के लिए दरवाजे खोल दिए
  • प्रिया झिंगन इंडियन आर्मी की पहली महिला अफसर बनीं
Priya Jhingan: इंडियन आर्मी की पहली महिला ऑफिसर, जिसने सेना प्रमुख को चिट्ठी लिखकर बदलवाया फौज का नियम!

Womens Day Special: महिला दिवस के खास मौके पर हम आपके लिए ऐसी महिला की कहानी लेकर आए हैं, जिन्होंने हजारों महिलाओं का जीवन बदला, उनके लिए सेना में आने का रास्ता खोला. हम बात कर रहे हैं इंडियन आर्मी की पहली महिला अफसर मेजर प्रिया झिंगन की. 

जब सेना प्रमुख को चिट्ठी लिखी
हिमाचल प्रदेश की प्रिया झिंगन एक महिला पुलिस अधिकारी की बेटी थीं. हालांकि, तब भारतीय सेना में महिलाओं को बतौर अधिकारी भर्ती नहीं किया जाता था. मगर प्रिया के मन में देश सेवा का सच्चा भाव था, वे फौज में अफसर बनकर देश की रक्षा में अपना योगदान देना चाहती थीं. साल 1989 में प्रिया ने एक बड़ा कदम उठाया, उन्होंने भारतीय सेना के तत्कालीन प्रमुख जनरल सुनीथ फ्रांसिस रोड्रिग्स को एक चिट्ठी लिखी. इस चिट्ठी में उन्होंने किया- क्या महिलाओं को भारतीय सेना में अधिकारी बनने का मौका नहीं मिल सकता?

25 महिलाओं के कैडेट्स में शामिल

प्रिया का यह पत्र सिर्फ एक सवाल नहीं था, बल्कि भारतीय सेना में महिलाओं की भागीदारी के लिए एक नई क्रांति की शुरुआत थी. उनकी इस पहल के कुछ साल बाद, 1992 में पहली बार महिलाओं के लिए सेना में भर्ती के द्वार खोले गए. इस नए अध्याय की शुरुआत हुई, फिर प्रिया झिंगन उन 25 महिलाओं के कैडेट्स में शामिल हुईं, जिन्होंने चेन्नई स्थित ऑफिसर्स ट्रेनिंग अकादमी (OTA) में कदम रखा.

सफलता और संघर्ष की कहानी 
ट्रेनिंग के दौरान कठोर अनुशासन, लंबी दौड़, भारी हथियारों के साथ अभ्यास होता था. यह सब पुरुषों के लिए भी चुनौतीपूर्ण होता था, ये तो फिर भी महिलाएं थीं. लेकिन प्रिया झिंगन कभी पीछे नहीं हटीं. 6 मार्च 1993 को, जब उनका बैच पासिंग आउट परेड के लिए तैयार हुआ, तो उनकी मेहनत का फल मिला. उन्हें सिल्वर मेडल से सम्मानित किया गया. 

देश की सेवा और नया सफर
मेजर प्रिया झिंगन ने भारतीय सेना की जज एडवोकेट जनरल (JAG) शाखा में 10 वर्षों तक सेवा दी. इस दौरान उन्होंने कई महत्वपूर्ण मामलों को संभाला और सैनिकों को कानूनी प्रक्रियाओं की ट्रेनिंग दी. साल 2002 में उनकी सैन्य सेवा की अवधि पूरी हुई.

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