लखनऊ: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने ब्लॉक प्रमुख की 825 सीटों में से 635 सीटों पर जीत हासिल करने के बाद राज्य में नंबर वन बन गये हैं. यह जीत ग्रामीण उत्तर प्रदेश में भाजपा की अपार उपस्थिति का प्रमाण है और अगले साल होने वाले विधानसभा चुनावों में सत्तारूढ़ दल के लिए यह आसान बना देगी.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा, केंद्रीय मंत्री अमित शाह, राजनाथ सिंह, नितिन गडकरी उन लोगों में शामिल थे, जिन्होंने ट्विटर पर योगी आदित्यनाथ को इस अद्वितीय और शानदार जीत पर बधाई दी.
सबका साथ, सबका विकास के लिए है जनादेश
योगी आदित्यनाथ ने संवाददाताओं से कहा कि यह सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास की नीति के लिए जनादेश था. उन्होंने कहा कि यह केंद्र और राज्य सरकारों की नीतियों और राज्य में एक मजबूत कानून व्यवस्था की स्थिति पर अनुमोदन की मुहर भी है. उन्होंने कहा, यह पिछली सरकारों के विपरीत था जब अराजकता व्याप्त थी और अपराधियों का दबदबा था.
यूपी बीजेपी अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह ने कहा कि इस जीत ने बीजेपी को गांवों से लेकर राष्ट्रीय स्तर तक अग्रणी राजनीतिक ताकत के रूप में स्थापित किया है. उन्होंने कहा, यह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के शासन की स्पष्ट जीत है. इस तथ्य से कोई इंकार नहीं है कि दोनों नेता अद्वितीय हैं और उन्हें जनता का अपार समर्थन प्राप्त है.
735 सीटों पर उतरे थे भाजपा समर्थित उम्मीदवार
रिपोर्ट्स के मुताबिक, बीजेपी समर्थित उम्मीदवारों ने 735 सीटों पर चुनाव लड़ा था, जबकि 14 सीटें उसके सहयोगी अपना दल (एस) को दी गई थीं. पार्टी ने अपने आधिकारिक रूप से समर्थित उम्मीदवारों को मैदान में नहीं उतारने पर सहमति जताते हुए 76 उम्मीदवारों को अघोषित समर्थन भी दिया.
शनिवार शाम को नतीजे आने के साथ ही, भाजपा और उसके सहयोगी अपना दल समर्थित उम्मीदवार 635 सीटों पर जीत के लिए तैयार थे. रिपोर्टरों के अनुसार, समाजवादी पार्टी समर्थित उम्मीदवारों ने 103 से अधिक सीटों पर जीत हासिल की, जबकि कांग्रेस समर्थित उम्मीदवारों ने सिर्फ दो सीटों पर जीत हासिल की. निर्दलीय ने करीब 95 सीटों पर जीत हासिल की.
मतदान के दौरान भाजपा-सपा कार्यकर्ताओं के बीच हुई झड़प
एक दिन पहले, शुक्रवार को 187 उम्मीदवारों द्वारा अपना नामांकन पत्र वापस लेने के बाद 349 उम्मीदवारों को निर्विरोध चुना गया था. शेष 476 सीटों के लिए शनिवार को मतदान हुआ था. गौरतलब है कि प्रखंड प्रमुख का मतदान राज्य के विभिन्न हिस्सों में भाजपा और समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ताओं के बीच हिंसा और झड़प की खबरों से बाधित रहा.
समाजवादी पार्टी, जो भाजपा के साथ सीधे मुकाबले में थी, उन्होंने सत्तारूढ़ दल पर सरकारी तंत्र का दुरुपयोग करने का आरोप लगाया. सपा ने 15 जुलाई को भाजपा द्वारा लोकतंत्र की हत्या कहे जाने के खिलाफ विरोध प्रदर्शन की घोषणा की है.
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