नई दिल्ली: जनता के बीच अपनी वाहवाही के लिए नेता क्या कुछ नहीं करते, बजट का बड़ा हिस्सा अपनी सरकार की उपलब्धियां बताने और उनके प्रचार प्रसार पर खर्च किया जाता है. जनता को ये समझाने के लिए कि जो किया हमने किया वो किसी भी स्तर तक चले जाते हैं यहां तक कि राष्ट्रीय ध्वज या राष्ट्रीय प्रतीक के सम्मान को ठेस पहुंचाने से भी नहीं हिचकते.
तिरंगे पर चढ़ाया पार्टी का रंग
आंध्र प्रदेश की वाईएसआर कांग्रेस सरकार ने सबको पीछे छोड़ते हुए राष्ट्रीय ध्वज के रंग में रंगे सरकारी भवनों को पार्टी के रंग में रंगने की शुरुआत की है. दरअसल आंध्र प्रदेश के अनंतपुर जिले के एक गांव के पंचायत भवन पर बने तिरंगे को नीले रंग से पेंट करवा दिया गया. इसके बाद बड़ा विवाद खड़ा हो गया. आंध्र प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री एन चंद्रबाबू नायडू ने ट्वीट कर सरकार को खरी खोटी सुनाई है.
चंद्रबाबू नायडू ने ट्वीट में लिखा
'मैंने राष्ट्रीय ध्वज का इतना बड़ा अपमान कभी नहीं देखा, जगन रेड्डी सरकार को तिरंगे को वाईएसआरसी पार्टी के रंगों से बदलने के बेहद घटिया और घृणित काम के लिए माफी मांगनी चाहिए. चंद्रबाबू ने पंचायत भवन की पहले और बाद की तस्वीर भी पोस्ट की है जिसमें भवन पहले तिरंगे रंग में और फिर नीले रंग से रंगा नज़र आ रहा है.'
I have never seen our National Tricolour being utterly disrespected like this! @ysjagan’s government must apologise for this shocking, abominable act of replacing tricolour with YSRC party colours #YSRCPDisrespectsTricolour pic.twitter.com/MvKKo2xx30
— N Chandrababu Naidu (@ncbn) October 30, 2019
दरअसल, आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री वाईएस जगनमोहन रेड्डी ने एक आदेश दिया जिसमें कहा गया है कि सभी सरकारी दफ़्तर, वॉटर टैंक यहां तक की श्मसान और कब्रिस्तान को भी नीले रंग से पेंट कर दिया जाए. आपको बता दें कि नीला रंग उनकी पार्टी YSRC का रंग है लेकिन विवाद तब गहरा गया जब तिरंगे को इस तरह से नीले रंग से पेंट किया जाने लगा.
BJP ने भी सुनाई खरी-खोटी
जब सियासी घमासान की शुरुअता हुई है, तो भला भारतीय जनता पार्टी इस जंग में अपनी भूमिका निभाने के कहां पीछे रहने वाली थी. भाजपा नेता लंका दिनाकर ने भी सरकार पर निशाना साधना शुरू कर दिया. उन्होंने कहा कि पिछले कुछ महीनों से हम जगनमोहन रेड्डी की वाईएसआर सी पार्टी की सरकार के सरकारी संपत्ति के दुरुपयोग का विरोध करते रहे हैं. इस पैसे का इस्तेमाल पार्टी के रंगों को सरकारी इमारतों को रंगने में किया जा रहा है. यहां तक की अब तो वो राष्ट्रीय ध्वज का भी अपमान कर रहे हैं.'
अधिकारियों का कहना है कि वो तो पंचायती राज और ग्रामीण विकास आयुक्त एएम गिरिजा शंकर के आदेश का पालन कर रहे हैं. जिसमें सभी पंचायत भवनों को वाईएसआर कांग्रेस पार्टी के रंग में रंगने और पंचायत की नेमप्लेट पर जगनमोहन रेड्डी की फोटो छापने को कहा गया है. प्रदेश की सभी 11,158 पंचायतों को इसके लिए अपने फंड का इस्तेमाल करने को कहा गया है. बताया जा रहा है कि इसके लिए हर पंचायत पर 25 हजार का खर्च आ रहा है. लेकिन जगनमोहन सरकार के इस कदम की चारों ओर आलोचना हो रही है.
तेलुगु देसम पार्टी के महासचिव और एमएलसी लोकेश नारा ने भी ट्वीट कर निशाना साधा है.
उन्होंने लिखा है कि 'चंद्रबाबू नायडू की शुरू की गई स्कीम और प्रोजेक्ट के नाम और रंग बदलने की बात तो छोड़ दीजिए. जगन रेड्डी की सरकार तो अब सरकारी इमारतों पर तिरंगे के रंग को वाईएसआर कांग्रेस पार्टी के रंगों से बदल रही है. आगे वो राष्ट्र गान को और तेलुगु तल्ली गीत को पार्टी के गीत से बदल सकते हैं. बेहद शर्मनाक'
ఇదీ వైకాపా నేతల దేశభక్తి, మన జాతీయపతాకం పట్ల ఉన్న గౌరవం. ఇంత నిస్సిగ్గుగా జాతీయ పతాకానికి కూడా వైకాపా పార్టీ రంగులు వేస్తున్నారంటే, రేపు జాతీయపతాకం స్థానంలో వైకాపా జెండాని ఎగరేస్తారేమో! స్మశానాలను ఎలాగూ వదలడం లేదు, కనీసం జాతీయ జెండాని అయినా గౌరవించండి @ysjagan గారు! pic.twitter.com/kRQCyRvVFQ
— Lokesh Nara (@naralokesh) October 29, 2019
हालांकि, जगनमोहन रेड्डी पहले मुख्यमंत्री नहीं हैं जिन्होंने पार्टी के रंगों का इस्तेमाल सरकारी संपत्ति पर किया हो. उत्तर प्रदेश में मायावती की बीएसपी ने सत्ता में आते ही सरकारी बसों को पार्टी के रंग में रंगवा दिया था तो समाजवादी पार्टी की सरकार बनते ही बसों और इमारतों का रंग पार्टी के रंग का हो गया. समाजवादी पार्टी की सरकार के दौरान कई सरकारी स्कूलों का रंग पार्टी के हरे लाल रंग में रंग दिया गया था.
राजनीतिक विश्लेषक मानते हैं कि सरकारी इमारतें न्यूट्रल रंगों में रंगी जानी चाहिए नहीं तो ऐसे लोग जो सत्ताधारी पार्टी के समर्थक नहीं हैं उन्हें लग सकता है कि उस दफ्तर में उसकी पूछ नहीं होगी. इसमें कोई दो राय नहीं है कि किसी भी सरकार ये पार्टी का आखिर में काम बोलता है रंग नहीं. जनता वोट काम पर देती है रंगों पर नहीं.