चंडीगढ़: निवासी 94 साल की एंटरप्रेन्योर हरभजन कौर की ट्विटर पर काफी तारीफ़ हो रही है. 94 साल की हरभजन कौर ने 90 की उम्र में अपना काम स्टार्ट किया और उनके हाथों की बनाई मिठाई खासतौर पर बेसन की बर्फी लोगों को खूब पंसद आ रही है. हरभजन कौर के जज्बे की पंजाब के मुख्यमत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह और केंद्रीय मंत्री हरसिमरत कौर बादल ने भी ट्वीट करके सराहना की है. कैप्टन अमरिंदर ने ट्वीट किया 'स्टार्ट अप शब्द अब अकेले मिलेनियल्स से जुड़ा नहीं हो सकता है, क्योंकि चंडीगढ़ की 94 साल की हरभजन कौर सभी के लिए प्रेरणास्त्रोत बन चुकी हैं. वो भी हरभजन कौर की सिग्नेचर बेसन बर्फी खाने का इंतजार कर रहें है.
केंद्रीय मंत्री ने कहा बीजी आप हम सब के लिए प्रेरणा हैं
वहीं केंद्रीय मंत्री हरसिमरत कौर बादल ने ट्वीट कर कहा कि 94 साल की हरभजन कौर जी ने दिखाया कि जिंदगी को पूरी तरह से जीने वालों के लिए उम्र सिर्फ एक संख्या है. उनकी घर की बनाई मिठाईयां यानी कि स्टार्ट-अप पंजाब के जायके को ट्रिब्यूट है और हम @MOFLI_GOI हरभजन कौर बीजी का समर्थन करने के लिए हर संभव कोशिश करेंगें, क्योंकिं वे हम सबके लिए प्रेरणा बन चुकी हैं.
हरभजन कौर ने कहा पूरी जिंदगी नहीं कमाया और अब शुरू किया स्टार्टअप
हरभजन कौर ने ज़ी मीडिया से खास बातचीत में कहा कि उन्हें खुशी है कि लोग उनका काम पसंद कर रहे हैं. उन्होनें बताया कि जब वो 90 साल की थीं और एक रोज उन्हें महसूस हुआ कि पूरी ज़िंदगी ऐसे ही निकाल दी, जबकि 90 साल की उम्र तक उन्होनें एक रूपया भी नहीं कमाया था. ये बात उन्होनें अपनी बेटी के साथ साझा की जिसके बाद उन्होनें बर्फी, आचार, चटनी बनाना शूरू किया.
हरभजन कौर ने बताया कि जब पहली बार उन्होंने यह सब तैयार कर बर्फी का स्टॉल चंडीगढ़ की आर्गेनिक मंडी में लगाया तो बर्फी हाथों-हाथ बिक गयी. इससे उनको प्रोत्साहन मिला और फिर वो कभी नहीं रूकीं. आज भले ही उनकी कोई दुकान नहीं है, लेकिन हर रोज ऑर्डर के मुताबिक वो बेसन की बर्फी तैयार करती हैं. उन्होनें बताया बर्फी की खास रेसिपी को उन्होंने पिता स्व. जयराम सिंह चावला से सीखा. बर्फी बनाने का उनका अपना तरीका सौ साल से भी अधिक पुराना है.
बेटी रवीना के सहयोग से सपने को इस उम्र में कर पाईं साकार
हरभजन कौर ने बताया कि मुझे काम करना अच्छा लगता है. पहले सिर्फ परिवार के लिए मिठाई बनाती थी, अब दूसरों को भी खिलाकर अच्छा लगता है. काम करने की कोई उम्र नहीं होती, बस इच्छा शक्ति हो तो किसी भी उम्र में मन का मुकाम हासिल किया जा सकता है. हरभजन कौर न सिर्फ बेसन की बर्फी तैयार करती हैं बल्कि उनके हाथों से तैयार आचार और चटनी के मुरीद भी लगातार बढ़ रहें हैं. हरभजन कौर ने बताया कि कि बेटी रवीना ने ही उनका सपना साकार करने में मदद की है.
सिग्नेचर बर्फी के लिेए मशहूर हो गईं कौर
बता दें कि हरभजन कौर की तीन बेटियां हैं. कुछ साल पहले पति की मौत के बाद कौर चंडीगढ़ में सबसे छोटी बेटी रवीना सूरी के पास रहने लगीं. रवीना ने बताया कि एक दिन उन्होंने मां से उनकी इच्छा के बारे में पूछा तो उन्होंने कहा कि वह इस उम्र में भी खुद की मेहनत से कुछ करना चाहती हैं. इसके बाद घर से ही मां की फेवरेट बेसन की बर्फी बनाने की शुरुआत हुई. उन्होंने बताया कि 850 रुपये किलो बेसन की बर्फी के लिए ऑर्डर की वेटिंग लिस्ट लगी रहती है. उन्होनें बताया कि सर्दी में 7 से 8 मिठाई के डिब्बों की डिमांड हर रोज आती है.
घुटने के ऑपरेशन के बावजूद मन से करती हैं काम
हरभजन कौर के घुटनों का ऑपरेशन हो चुका है, लेकिन उनमें काम करने का गजब का जुनून है. वह रोजाना सुबह पांच बजे से पहले उठ जाती हैं. दिन में लोगों के मिले ऑर्डर की तैयारी करती हैं. हर चीज अपने हाथों से तैयार करती हैं. खास ग्राहकों में हाई कोर्ट जस्टिस से लेकर शहर के कई बड़े लोग शामिल हैं और अब पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर ने भी बीजी हरभजन कौर के हाथों की बनी बेसन की बर्फी खाने की इच्छा जाहिर की है.
दरअसल, आनंद महिंद्रा ने एक ट्वीट में लिखा कि इस उम्र में भी हरभजन कौर के जज्बे से दूसरों को सीख लेनी चाहिए. उन्होंने कौर को एंटरप्रेन्योर ऑफ द ईयर बताया. कैप्टन अमरिंदर ने भी हरभजन कौर को एंटरप्रेन्योर ऑफ द ईयर बताया.